यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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दोस्तो, मेरी भाई बहन की सेक्स स्टोरी के दूसरे भाग में आपने पढा़ कि मेरे भाई ने मेरी चूत और गांड को जमकर चोदा. उसने मेरी गांड की चुदाई तो इतनी जबरदस्त तरीके से कर दी थी कि मेरी गांड तो पूरी फट ही गई थी.
अब आगे की भाई बहन की सेक्स स्टोरी:
मुझे अब चूत चुदवाने से ज्यादा मजा गांड मरवाने में आने लगा.
उस दिन जब भाई ने मेरी चुदाई की तो भाई कहने लगा- तेरे बूब्स और तेरी चूत तो मेरी गर्लफ्रेंड से ज्यादा से मस्त है. अगर मुझे पहले से पता होता तो मैं तुम दोनों को एक साथ रगड़ कर चोद देता.
यह सुन कर मैं उत्तेजना से पूछने लगी- कौन है वो लड़की?
भाई ने कहा- तुम उसको पहले से ही अच्छी तरह जानती हो.
मैंने कहा- मैं भी उससे मिलना चाहती हूं.
भाई बोला- ठीक है, मैं उसको तुमसे मिलवा दूंगा लेकिन मैं तुम दोनों को एक साथ चुदाई का मजा देना चाहता हूं.
मैं भाई की बात मान गयी.
उन बातों को एक हफ्ता बीत गया. फिर उस दिन घर पर कोई नहीं था. उस दिन भाई ने सोचा कि आज जैस्मिन को अपनी गर्लफ्रेंड से मिलवा देता हूं. दोपहर के वक्त भाई ने बीयर पीने का प्लान बनाया.
भाई ने उस दिन बीयर भी मंगवा ली थी. हम दोनों बीयर का मजा ले रहे थे. मैं भाई की गोद में बैठ कर बीयर पी रही थी और भाई मेरे बूब्स को दबा रहा था. मैं भाई के होंठों को किस करने में लगी हुई थी.
अचानक से कमरे में मेरे चाचा की लड़की दिव्या आ गई. उसको देख कर मैं एकदम से खड़ी हो गई. मैं हैरान हो रही थी कि ये कहां से आ गई?
मैंने दिव्या से पूछा- तुम कहां से आ गई?
वो भाई की तरफ देख कर मुस्कराने लगी.
फिर बोली- मैं ही तुम्हारे भाई की गर्लफ्रेंड हूं.
भाई भी मेरी तरफ देख कर हंसने लगा.
मैंने कहा- साली, तूने मुझे कभी बताया भी नहीं कि तू मेरे ही भाई के साथ चुदाई करवा रही है?
वो बोली- तूने भी तो कभी नहीं बताया कि तू अपने ही भाई का लंड ले रही है!
फिर मैं भी हंसने लगी.
मैंने पूछा- लेकिन तुम आई कहां से? गेट तो अंदर से बंद है.
वो बोली- मैं छत से कूद कर आई हूं.
फिर भाई ने कहा- अगर तुम दोनों की बातें खत्म हो गई हों तो हम कुछ कर लें अब?
फिर हमने दिव्या के लिए भी पैग बना दिया. उसके बाद हम नाचने लगे. नाचते हुए ही दिव्या अपने कपड़ों को सेक्सी अंदाज में निकाल रही थी. भाई का लंड उसको देख कर पूरा तन गया था.
भाई ने लोअर पहनी हुई थी जिसमें से उसका मोटा लंड अलग से दिखाई दे रहा था. अब भाई भी उसका साथ देने लगे और साथ में अपने टी शर्ट और फिर लोअर निकालते हुए मेरे कपड़े के ऊपर से बूब्स दबाने लगे और मेरे कपड़े उतारने लगे.
हम लोग पूरे नंगे होकर बस डांस किये जा रहे थे. हमारा घर एक रंडीखाने की तरह गूंज रहा था. भाई दिव्या के बूब्स को मसले जा रहा था. दिव्या के बूब्स भी क्या कमाल दिख रहे थे. उसका साइज भी 30-32 तो होगा ही.
भाई नंगा था और उसका लंड जो नीचे झूल रहा था, मैंने उसे चूसना शुरू कर दिया. मैंने उसकी गोटियों पर थूक मल दिया. चारों तरफ अपनी जीभ फिराते हुए मैं भाई की गोटियों को खूब चूस रही थी. भाई भी अब सीत्कार करने लगा था.
वो अपने मुंह से आवाजें करता हुआ दिव्या के चूचों को जोर से मसल रहा था. दिव्या के बूब्स बिल्कुल लाल हो गये थे.
मैं भी अपनी गांड हिलाते हुए भाई को इशारा कर रही थी कि वो आये और मेरी गांड को फाड़ दे. उसका लंड बिल्कुल तन कर खड़ा था. भाई ने भी मेरा इशारा समझ लिया और मुझे उल्टा कर दिया. पीछे से झुका कर मेरी गांड और चूत में थूक लगा कर चाटना शुरू कर दिया. गांड को चूमते हुए मेरी गांड में उसने उंगली करना भी शुरू कर दिया.
सामने से दिव्या अपनी चूत को मेरे मुंह के सामने करके खड़ी हो गई. उसकी चूत को मैंने फैला कर देखा तो दिव्या की चूत पूरी गीली हो चुकी थी. मैंने उसकी चूत को हल्के से चाटना शुरू कर दिया.
उसने अपने बूब्स को खूब जोर से मसलना शुरू कर दिया. मैं भी उसकी चूत को जोर से चाटने लगी.
भाई ने मुझे दिव्या की चूत को चाटते हुए देखा तो उससे कंट्रोल नहीं हुआ. उन्होंने अपना मूसल जैसा लंड पीछे मेरी गांड में पेल दिया. मैं ‘आह्ह …’ करके चिल्ला उठी. दिव्या भी अपनी चूत को मेरे मुंह से हटा नहीं रही थी. मेरी आवाज़ दिव्या की चूत में ही दब गई. मैंने दिव्या की चूत को चाट-चाट कर उसका सारा पानी पी लिया.
उसकी चूत को चाटने के बाद मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में घुसा दी और भाई पीछे से मेरी गांड को बजाने लगा. मैं बस आह्ह … उह्ह … चोदो मुझे … ओह्हह … जैसी आवाजें करते हुए अपनी गांड को चुदवा रही थी. मेरी गांड की चुदाई को देख कर दिव्या भी चूत को चुदवाने के मचल उठी.
वो दोनों ही मुझे नोचने लगे. भाई कभी मेरी चूत में लंड को डालते तो कभी गांड में डाल कर धक्के लगा देते थे. मैं कई बार झड़ चुकी थी.
अब भाई की रफ्तार बढ़ती जा रही थी. इधर मेरी उंगलियों की रफ्तार भी दिव्या की चूत में बढ़ती जा रही थी. कुछ देर के बाद भाई ने तेज सिसकारियां लेते हुए अपना सारा माल मेरी चूत में निकाल दिया.
भाई जाकर बेड पर लेट गये. वो हांफ रहे थे. मैं अभी भी दिव्या की चूत में उंगली करने में लगी हुई थी. लेकिन वो अब लंड से चुदने के लिये मचल रही थी. उसने मुझे एक तरफ हटा दिया और फिर भाई के पास चली गई.
भाई का लंड सो चुका था.
उसने भाई के लंड को अपने मुंह में लेकर जोर से चूसना शुरू कर दिया. अभी भाई का लंड खड़ा नहीं हो रहा था. वो पांच मिनट तक पूरे जोश में भाई के लंड को चूसती रही और फिर भाई का लंड खडा़ होना शुरू हो गया. उसने चूस चूस कर भाई के लंड को पूरा खड़ा कर दिया और फिर खुद ही भाई के लंड पर बैठ कर चुदने लगी.
वो मेरे भाई के लंड पर बैठ कर ऐसे उछल रही थी जैसे उसकी चूत को बरसों से लंड की प्यास हो. उसकी हालत देखने लायक थी. साथ ही साथ वो भैया के होंठों को भी चूस रही थी. वो तेजी से ऊपर नीचे हुए भाई के लंड पर अपनी चूत को पटक रही थी.
उसकी रफ्तार तेज होने लगी और उसके मुंह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… जैसी आवाजें निकलने लगीं. उसने फिर जोर से आवाजें करते हुए उसके लंड पर अपनी चूत का पानी गिरा दिया. कुछ देर तक वो भाई के लंड पर ऐसे ही पड़ी रही.
भाई के लंड में फिर से गुदगुदी होने लगी. इस बार भाई ने मुझे उन दोनों के पास बुला लिया. मैं भी बेड पर जाकर लेट गई. भाई ने हमें ऐसे ही लेटे रहने के लिए कह दिया था.
फिर उसने हम दोनों को ही गर्म करना शुरू कर दिया. कभी वो दिव्या की चूत में उंगली करने लगता तो कभी मेरी चूत को सहलाने लगता. कभी दिव्या के चूचों को पकड़ कर दबा देता तो कभी मेरे चूचों को सहलाने लगता. वो एक साथ हम दोनों को गर्म कर रहा था.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
उसने करीब पांच मिनट तक हम दोनों की चूत को खूब सहलाया. मेरी चूत से प्रीकम निकलना शुरू हो गया था.
भाई भी अपना मूसल लंड लेकर मेरे ऊपर आ गये और अपने लंड को गीला करने के लिए कहने लगे. मैंने भाई के लंड को अपने मुंह में लेकर पूरा गीला कर दिया ताकि चिकना होकर लंड मेरी और मेरे चाचा की लड़की की चूत में आसानी से चला जाये.
अब भाई ने मुझे और दिव्या को बिस्तर के किनारे पर आने के लिए कहा. हम दोनों ने भी वैसा ही किया. हम दोनों उठ कर बिस्तर के किनारे पर आ गईं. अब हमारी पोजीशन ऐसी थी कि चूत से लेकर पैर तक का भाग नीचे था और बाकी का आधा शरीर बिस्तर पर था.
भाई लंड हिलाते हुए हम दोनों के पैर फैलाते हुए हम दोनों की चूत के सामने आकर खड़े हो गये. मेरी और दिव्या की एक-एक टांग भाई की टांगों के बीच में थी. फिर भाई ने अपने हाथ से मेरी चूत को दबोच लिया और दूसरी ओर दिव्या की चूत में अपना लंड घुसा दिया.
जैसे ही भाई ने मेरी चूत को हाथ में दबोचा तो मैं सिहर उठी और आह्ह … आह्ह … की सिसकारियां लेने लगी.
मैंने भाई से कहा कि जल्दी से मेरी चूत में भी लंड को डाल दो.
फिर भाई ने दिव्या की चूत से लंड को निकाल लिया और मेरी चूत में डाल दिया.
भाई का लंड अपनी चूत में लेकर मुझे मजा आ गया. लेकिन अब दिव्या दूसरी तरफ से सिसकारियां लेने लगी क्योंकि भाई ने उसकी चूत को अपने हाथ से दबोचा हुआ था. भाई कभी मेरी चूत को अपने हाथ से दबोच रहे थे तो कभी दिव्या की चूत को.
जब भाई का लंड मेरी चूत में घुस रहा होता था तो वो दिव्या की चूत को दबोच लेते थे और जब दिव्या की चूत में लंड जाता था तो उनका हाथ मेरी चूत को दबोच लेता था.
मैं और दिव्या दोनों ही एक दूसरे की चूचियों को दबा रही थीं. दिव्या मेरी चूचियों को दबा कर मुझे मजा दे रही थी और मैं दिव्या की चूचियों को दबा कर उसको गर्म किये जा रही थी. भाई ने एक बार भी महसूस नहीं होने दिया कि उनका एक लंड दो लड़कियों को एक साथ चोद रहा है.
अब भाई की रफ्तार तेज होती जा रही थी. वो बारी बारी हम दोनों की चूत में लंड पेल रहा था. हम दोनों के मुंह से बस आह्ह … ऊह्ह … जैसी सिसकारियां निकल रही थीं.
दिव्या की सांसें बहुत तेज चलने लगी थीं और जब भाई का लंड उसकी चूत में घुसता तो वो अपने चूतड़ तेजी के साथ उछालने लगती थी.
अगले कुछ पलों के बाद उसने कहा- आह्ह … मैं आ रही हूं!
वो जोर से चिल्लाते हुए झड़ने लगी. उसने भाई के लंड को अपनी चूत के पानी से पूरा का पूरा भिगो दिया.
जब दिव्या की प्यास बुझ गई तो उसकी चूत के पानी से सने हुए लंड को भाई ने मेरी चूत में घुसा दिया. मैं भी जोर से सिसकारियां लेते हुए मजा लेने लगी.
मेरी चूत के पानी की वजह से भाई का लंड मेरी चूत में फच-फच की आवाज करते हुए मेरी चूत की चुदाई करने लगा. उसका मोटा लंड मेरी चूत को चुदाई के लिए और भी ज्यादा उत्तेजित कर रहा था.
फिर भाई ने मेरी चूत से लंड को निकाल लिया. सामने जो सोफा था उस पर मुझे डॉगी स्टाइल में झुकने के लिए कहा. मैं उठ कर सामने सोफे पर डॉगी स्टाइल में झुक गई. भाई पीछे से आकर खड़ा हो गया और उसने मेरी चूत में फिर से अपना लंड घुसा दिया.
चूत में लंड को घुसाकर वो तेजी से मेरी चूत को चोदने लगा. सोफे पर हिलते हुए मेरे बूब्स आगे टच हो रहे थे. अब भाई ने मेरी चूत से लंड निकाल कर मेरी गांड में डाल दिया. इस प्रकार वो कभी मेरी चूत को चोदता तो कभी गांड में लंड को डाल देता.
भाई के लंड के द्वारा डबल चुदाई से मैं बहुत ज्यादा मजा लेते हुए अपने आप पर काबू नहीं रख पाई और मैंने अपनी चूत के पानी से भाई के लंड को भिगो दिया.
मेरे भैया अभी भी मेरी चूत को चोदे जा रहे थे. वो अब मुझे गालियां देने लगे थे- आह्ह … आह्ह … रंडी, मैं आ रहा हूं!
ऐसा बोल कर भाई ने मेरी गांड पर थप्पड़ देने शुरू कर दिये और अपने वीर्य को मेरी गांड में निकाल दिया.
लंड से वीर्य को मेरी गांड में निकाल कर भाई मेरे ऊपर ही निढाल हो गये. मुझे गांड पर थप्पड़ पड़ने वाली आज की इस चुदाई में बहुत मजा आया. उस दिन भाई ने एक बार फिर मुझे खुश कर दिया. अब तो घर पर अकेले होते ही हम तीनों ही ग्रुप सेक्स का मजा लेने लगे.
मित्रो, आप सबको मेरी भाई बहन की सेक्स स्टोरी अच्छी लग रही है? ईमेल करके मुझे बतायें.
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