यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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न्यूड भाभी की चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि भाभी को मेरा लंड और चुदाई इतनी पसंद आ गयी थी कि वो मुझे छोड़ ही नहीं रही थी. वो अपनी प्यासी चूत में लंड डलवाती रही.
उन्होंने चूतड़ों तक की बिल्कुल छोटी स्लीवलेस नाइटी पहन रखी थी जिसमें से उनका सेक्सी शरीर लगभग दिखाई दे रहा था. नाइटी उनकी बड़ी चुचियों के कारण उनके पेट पर छतरी की तरह उठी हुई थी. पीछे से चूतड़ों का आधा हिस्सा दिखाई दे रहा था और नाइटी उठी होने से चूत सारी दिखाई दे रही थी. उनकी केले के तने के समान जांघें और पांव गजब ढा रहे थे.
भाभी ने मुझे देखते ही अपनी बाहें फैला दी, मैंने भाग कर भाभी के कोमल जिस्म को बांहों में भर कर उठा लिया और कई देर तक नीचे नहीं उतारा. भाभी मेरे स्पर्श से मस्त हो गई.
अब आगे की सेक्सी भाभी न्यूड स्टोरी:
मैंने भाभी को नीचे खड़ा किया और अपने दोनों कपड़े उतार कर बिल्कुल नंगा हो गया. मैंने खड़े लौड़े को उनके पीछे जाकर उनकी गांड की गहराई में लगाया और दोनों हाथों से उनके मम्मे मसलने लगा.
मैंने तुरंत भाभी को धक्का देकर बेड पर गिराया और उनकी टांगों को चौड़ा कर के पूरा लण्ड एक ही झटके में चूत की गहराई में पेल दिया.
भाभी एकदम चिहुंक उठी.
मैंने लण्ड को खींच खींच कर शॉट लगाने शुरू किए.
भाभी आ … आह … आह … उइ … ई … ई … आ … आई … मार दिया. आह … ओइ … आ … हाय … चोदो … ईईईईई… आदि बोलती रही.
मैंने अपने दोनों हाथ भाभी की बड़ी बड़ी चुचियों पर रख लिए और उन्हें भींचता दबाता रहा. मैंने नीचे झुक कर भाभी की चुचियों पर अपने दांतों से काट लिया.
भाभी चीख पड़ी.
कभी एक मम्मे को तो कभी दूसरे मम्मे को मैं काटता और चूसता रहा. कभी मम्मे के ऊपर काटता तो कभी साइड में से! कभी भाभी के होठों को चूसते चूसते काट लेता तो कभी भाभी की गर्दन पर दांत गड़ा देता.
भाभी बोली- राज कोई ऐसा निशान मत बनाना जो सामने देखने से बुरा लगे, वैसे मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.
मैंने भाभी को चोदना छोड़ कर काटना शुरू किया.
मैंने नीचे होकर उनकी चूत को अपने मुंह में भर लिया और चूत के बाहरी ओष्ठ को काटने और खाने लगा.
भाभी सीत्कार भरती रही.
मैंने भाभी के गोल, सुंदर, नर्म पटों पर काट काट कर और चूस चूस कर बीसियों जगह निशान बना दिये. मैंने एकदम भाभी को उल्टा पलटा और उनके नितंबों को काटने और चूसने लगा. भाभी की गर्दन को मैंने पीछे से इतनी जोर से चूसा कि भाभी की मजे में चीख निकल गई.
जगह जगह से वहशीपने से काटने और चूसने के बाद भाभी को मैंने घोड़ी बनाया और जबरदस्त तरीके से पीछे से चूत में लण्ड ठोक दिया.
भाभी मस्ती में केवल आ … आ …या … ई … ई … कर रही थीं. वे मुझे इस तरह से चोदने या काटने से बिल्कुल भी मना नहीं कर रही थीं.
सारा कमरा खचा … खच … खचा … खच … की आवाजों से गूंज रहा था. मुझे पूरा विश्वास था कि आवाजें बाहर सड़क पर भी सुनाई दे रही होंगी. लेकिन भाभी को परवाह नहीं थी. भाभी की गांड, चूत और चूतड़ों के आस पास की जगह हम दोनों के चुदाई के पानी से तर हो गई थी. चूत से निकला रस भाभी की टांगों से नीचे तक आ गया था.
मैंने अपने लण्ड को निकाला और भाभी को लण्ड दिखाते हुए कहा- देखो कितना पानी निकला है. इसे साफ कर लेता हूँ.
भाभी मुस्कराई और बड़ी सेक्सी अदा से बोली- लाओ, मैं साफ करती हूँ.
और यह कह कर भाभी ने मेरे चिकने और चूत के रस में लिबड़े लण्ड को पकड़ा और मुंह में डाल कर चाटने लगी.
भाभी ने अपनी जीभ से सारे लण्ड को जड़ तक साफ किया और बोली- ऐसे साफ करते हैं इन चीजों को!
मैंने भी तुरंत भाभी को बेड पर सीधा लिटाया और उन्हीं की तरह ही उनकी चूत को खोल कर चाटने लगा. जैसे ही मैंने चूत पर अपने होंठ लगाए भाभी आ… आ… करने लगी. मैंने भाभी की चूत की पूरी दरार, आसपास और पटों पर फैला सारा रस अपनी जीभ और होठों से चाट कर साफ कर दिया.
भाभी एकदम खुश हो गई और बोली- राज ये होता है असली समर्पण. इससे प्यार बढ़ता है.
मैं भाभी के पास लेट गया और उनके मम्मों पर हाथ फिराने लगा. मैंने जैसे ही अपने हाथ को फिराते हुए उनकी छाती पेट और फिर नीचे चूत पर फिराया तो भाभी ने एकदम अपनी टांगों को चौड़ा किया और बोली- आओ!
मैंने अबकी बार नीचे खड़े हो कर भाभी को दोनों टांगों से पकड़ा और बेड के किनारे की ओर खींच लिया. टांगों को घुटनों तक मोड़ कर मैंने लण्ड के सुपारे को चूत के छेद पर फिर लगाया और लण्ड अंदर घुसेड़ दिया.
भाभी की दोनों टांगें अब छत की ओर थी. मैंने नीचे खड़े हो कर चोदना चालू किया. इस पोजीशन में लण्ड भाभी की चूत की गहराई में बच्चेदानी तक लगता था. भाभी मजे से चुद रही थी. हर धक्के से भाभी कुछ ऊपर सरक जाती थी जिससे मेरे घुटने बेड की लकड़ी पर लगने लगे थे.
मैंने भाभी को फिर घसीटा और अबकी बार उनकी टांगों को अपने कंधों पर रख कर उनके कंधे पकड़ लिए और भाभी को इतना कस कर चोदा कि भाभी बस … बस … करने लगी.
चुदते चुदते भाभी अकड़ने लगी और आ… आ… करके बोली- राज, मेरा हो रहा है तुम भी अपना करो.
मैंने सारा ध्यान चुदाई पर लगा कर ताबड़ तोड़ 15- 20 शॉट लगाए और भाभी की चूत को अपने वीर्य की गर्म पिचकारियों से भरने लगा. मैंने पहले तेज और बाद में छोटे छोटे झटके मार कर अपने वीर्य की आखरी बून्द तक भाभी की चूत को पिला दी.
जब चुदाई पूरी हो गई तो भाभी ने अपनी टांगें नीचे उतार ली और एक लंबी आह भर कर बोली- ओह माई गॉड, तुम तो असली चोदू हो. एक बार तुमसे चुदने के बाद औरत और किसी की नहीं हो सकती, फिर तो वो तुम्हारे लण्ड की गुलाम बन जाती है.
हम दोनों एक साथ लेट गए. मैं सीधा पसर गया. लगभग 5 मिनट बाद भाभी ने प्यार से मेरे बालों में हाथ फिराया और बोली- थक गए … कोई बात नहीं, मैं कुछ लाती हूँ.
भाभी ने नाइटी डाली और किचन में जाने लगी. बेड की चादर भाभी की गांड के नीचे से काफी गीली हो गई थी. भाभी चादर को देखकर मुस्करा कर बोली- कितना डिस्चार्ज करते हो!
कुछ देर बाद भाभी एक बड़ा गिलास गर्म दूध और काफी सारे ड्राई फ्रूट लेकर आई और बोली- लो मेरे शेर, ये पी लो और बादाम खाओ.
मैं और भाभी बेड के सिरहाने अपने आधे शरीर तक चादर लेकर दूध पीने और डॉईफ्रूट खाने लगे और बातें करने लगे.
मैंने भाभी से पूछा- भाभी आप कुछ अपनी बीती हुई लाइफ के बारे में बताओ?
भाभी बोली- मेरी क्या लाइफ है बताने की … 18 साल की उम्र में शादी और 19 साल की उम्र में नेहा हो गई थी. और फिर बिन्दू हो गई.
मैंने पूछा- भाभी आपकी सेक्स लाइफ?
भाभी थोड़ी उदास हो गई और बोली- मेरी सेक्स लाइफ बिल्कुल बेकार थी. पति जी की लगभग 5 इंच की पतली सी डंडी थी, उसको जब अंदर करते थे तो आधे रास्ते में ही पानी निकल जाता था और फिर पीठ घुमा कर सो जाते थे.
मैंने पूछा- फिर आप क्या करती थी?
भाभी- मैंने क्या करना था, उंगली वगैरह से रगड़ कर सो जाती थी. जैसे इन दो दिनों में तुमने मेरा जो पानी छुड़वाया है, ऐसा तो मेरा कभी हुआ ही नहीं.
ये कह कर भाभी ने मेरे गले में बाहें डाल दीं.
भाभी बोली- इन दो दिनों में तुमने मेरी जितनी चुदाई की है, उतनी तो सारी उम्र में नहीं हुई. सच पूछो तो राज, पहली बार मुझे पता चला है कि मर्द की मर्दानगी क्या होती है, राज असली मर्द वो होता है जो औरत की चोद चोद कर फाड़ दे. बेशक औरत छोड़ने के लिए चिल्लाती रहे लेकिन आदमी उसको छोड़े नहीं और चोदता रहे. और वो मर्द तुम हो, आज तो तुमने कल से भी भयंकर चुदाई की है. देखो तो, मुझे जगह जगह से काट खाया है तुमने, इतने निशान बना दिये हैं, में ड्रेसिंग टेबल में देख रही थी दो तीन निशान तो गर्दन और गालों पर भी हैं. और चुचियों पर तो तुमने जुल्म ही ढाह दिए.
मैं चूचियों को फिर छेड़ने लगा.
भाभी मेरी तरफ झुक गई और मैंने थोड़ा टेढ़ा होकर उनका एक मम्मा मुंह में भर लिया और दूसरे को हाथ से मसलने लगा.
वो बोली- राज, तुमने इन दो दिनों में मुझे असली सुख दिया है, बोलो क्या चाहिए? मेरे पास सब कुछ है, पैसा, कपड़े जो चाहो मांग लो.
मैंने कहा- भाभी, मुझे कुछ नहीं चाहिए बस आप मुझसे प्यार करती रहना और कभी नाराज मत होना, यदि कोई गलती हो जाये तो माफ कर देना.
भाभी- हाय मैं मर जाऊं, तुम कितने सीधे और सच्चे इंसान हो, राज! आज से तुम मेरे हुए, तुम्हारे लिए मैं जान भी दे दूंगी.
मैंने कहा- अरे भाभी, बस चूत देती रहना.
भाभी- ठीक है, तुम्हें चूत का शौक है ना, चुतों की तो मैं तुम्हारे सामने लाइन लगा दूंगी, देखना एक से एक सुंदर और नंगी औरतें, अपनी कच्छियाँ हाथ में लिए तुम्हारा लण्ड लेने को लाइन में खड़ी कर दूंगी.
मैंने कहा- वो कहाँ से आएंगी?
भाभी- किट्टी की मेरी जो फ्रेंड्स हैं, सब लण्ड को तरसती हैं, कइयों ने तो सालों से लण्ड के दर्शन नहीं किये हैं, वे तो हैं ही, किसी की बेटी को बच्चा नहीं होता तो किसी की बहू के बच्चा नहीं होता, सब चोदने को दिलवा दूंगी, लेकिन तुम मेरे विश्वासपात्र बने रहना.
मैंने कहा- भाभी, कैसे विश्वास आएगा आपको? मैं सच में बहुत ही विश्वसपात्र आदमी हूँ, मैं कभी दूसरे को धोखा नहीं देता और आपके लिए तो मेरी जान भी हाजिर है.
भाभी- मुझे तुम पर पूरा विश्वास है.
“लेकिन भाभी?”
” लेकिन क्या?” भाभी ने हैरानी से पूछा।
मैंने धीरे से कहा- कोई सुंदर सी चूत मिलेगी तो … मैं मार लूँगा और उस बारे मैं आपके विश्वास पर पूरा नहीं उतरूंगा.
भाभी जोर से हंसी और बोली- चलो, तुमने यह बात कह कर अपने सच्चे और साफ मन होने का और सबूत दे दिया. मुझे तुम्हारी ये बात भी अच्छी लगी. वैसे तुम चूत की चिंता मत करो, उसका प्रबंध मैं कर दूंगी, कहा तो है, एक से एक लाजवाब चूत दिलवा दूंगी.
रात के 12 बज गए थे. मैं अपने दीवान पर जाने लगा तो भाभी बोली- यहीं लेटे रहो ना!
मैंने भाभी पर फिर हाथ फिराना शुरू किया. कभी चुचियों पर कभी उनके पेट पर. जैसे ही मैंने भाभी की गोरी गुदाज़ जांघों पर हाथ फिराया, भाभी ने मुझे धक्का दिया और नीचे लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गई. मेरा लण्ड तो बहुत देर से खड़ा था और दूध पीने से फिर एनर्जी आ गई थी.
अपनी भारी गोरी गांड को भाभी ने ऊपर उठाया और मेरे लण्ड को अपनी चूत के छेद पर फिट करके नीचे बैठने लगी.
भाभी धीरे धीरे नीचे बैठ रही थी कि मैंने अचानक ऊपर की तरफ एक ज़ोर का झटका मार दिया जिससे लण्ड तेजी से भाभी की चूत में अंदर तक जा लगा और भाभी धप से मेरी जांघों पर गिर पड़ी और चीखी- हाय … कितनी बेदर्दी से शॉट मारते हो? इतना लंबा और मोटा लौड़ा है तुम्हारा, बच्चेदानी तक ठोक लगती है.
मेरे लण्ड पर बैठ कर भाभी ने अपने दोनों पांव मेरे हाथों की ओर निकाल लिए और जम कर बैठ गई. मेरी जांघें और भाभी के चूत और चूतड़ आपस में चिपक कर एक हो गए थे.
कुछ देर यूँ ही बैठे बैठे भाभी अपनी चूत को मेरे लौड़े पर रगड़ती रही. भाभी ने एकदम अपने पांव पीछे किये और मेरे ऊपर लण्ड अंदर लिए लिए लेट गई.
मैं अपने हाथ भाभी की कमर और चूतड़ों पर फिराने लगा. भाभी धीरे धीरे अपनी गांड उठा उठा कर लण्ड का मजा ले रही थी.
कुछ देर बाद भाभी बोली- राज, बस दिल करता है ऐसे ही लण्ड को अंदर डाले डाले तुम्हारे ऊपर सो जाऊं.
मैंने कहा- ठीक है, हिलना मत ऐसे ही सोते हैं.
हम दोनों कुछ देर नहीं हिले परन्तु कुछ देर बाद भाभी की चूत कुलबुलाने लगी और उन्होंने अंदर से चूत को भींच कर हरकत की जिससे मेरे लण्ड पर जबरदस्त कसाव हुआ. मैंने भी भाभी के चूतड़ों को पकड़ कर नीचे से एक झटका दिया.
भाभी फिर से चालू हो गई और मेरे लण्ड को चोदने लगी अर्थात अपनी चूत को खुद ही लण्ड पर पेलने लगी.
दरअसल हम दोनों चोद चोद कर थक गए थे. ये मैं भी जानता था और भाभी भी लेकिन हटने को दिल नहीं कर रहा था.
अचानक भाभी ने जोर से उबासी ली तो मैं हंस पड़ा, भाभी झेंप गई और मेरे गले से लिपट गई.
मैंने कहा- क्या बात है भाभी, नींद आ रही है तो सो जाओ?
भाभी बोली- राज, नींद तो आ रही है लेकिन दिल नहीं मान रहा.
मैंने कहा- फिर कर लो!
भाभी बोली- चलो थोड़ी देर सो लेते हैं, लेकिन सोयेंगे आपस में चिपक कर.
मैंने भाभी को बांहों में लेकर लन्ड अंदर किये किये साइड में ले लिया और चादर ऊपर ले ली.
भाभी के एक पाँव को मैंने अपने पांव पर चढ़ा लिया और बीच में रुक रुक कर लण्ड को अंदर चलाता रहा और डालकर सो गया.
अब भाभी भी सो गई.
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