यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मेरी पत्नी रीना के घर वापस आने से पहले ही प्लान शुरू हो चुका था जिसके मुताबिक विक्रम अपनी बीवी वीणा को होटल लेकर चला गया था. जब रीना घर पहुंची तो पूरा फ्लैट सजा हुआ था. रीना यह देख कर बहुत खुश हो गई. अब मेरे खुराफाती दिमाग की करामात की बारी थी जिसके अंतर्गत मैंने रीना को नंगी करके बेड से उसके हाथों और पैरों को फैला कर बांध दिया था. उसकी आंखों पर पट्टी बंधी थी.
अब आगे:
रीना को पट्टी बांधने के बाद कुछ पता नहीं चल सकता था कि अब कमरे में क्या हो रहा है? वह किसी को देख भी नहीं सकती थी।
12:00 बजने में अब केवल 10 मिनट बाकी थे। वीणा और विक्रम दरवाजे के बाहर ही खड़े मेरी हरी झंडी का इंतजार कर रहे थे। मेरे निर्देशानुसार दोनों चुपचाप कमरे में आ गए। दोनों को प्लान के अनुसार कुछ बोलना नहीं था.
जैसे ही वीणा ने अंदर रीना को इस तरह बिना कपड़ों के नंगी पड़े हुए देखा तो उसकी धीरे से हंसी छूट गई।
इस पर मैंने उसे आंखें दिखा कर डांटा और इशारे से कहा कि वह चुप रहे।
जब विक्रम को देखा तो मैंने पाया कि विक्रम तो बड़े ही ध्यान से रीना को घूर रहा है। उसका हाथ अनायास ही उसके लंड पर चला गया और वह अपने लंड को अपनी पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगा. इस पर मैंने चुटकी बजाते हुए उसकी तंद्रा तोड़ी और अब जोर से बोला जिससे कि रीना भी सुन सके।
मैं- जैसा कि मेरे प्यारे अदला-बदली बदली के साथियो! आप सबको पता है कि हम यहां मेरी सुंदर सेक्सी बीवी रीना के जन्मदिन के मौके पर उसे बहुत ही भिन्न और मजेदार तरीके से मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं।
मैंने रीना को संबोधित करते हुए कहा- मेरी प्यारी जान रीना! अब वे दोनों हमारे साथ हमारे कमरे में है, जो आज हमारी अदला बदली चुदाई का हिस्सा बनने वाले हैं। क्या तुम उत्तेजना महसूस कर रही हो?
इस पर शर्म से गुलाबी चेहरा लिए हुए रीना ने बिना देखे मुस्कुराते हुए धीमे से हां कही।
फिर मैंने साथ में खड़े विक्रम और वीणा से कहा- मेरे प्यारे साथियो! जैसा कि मेरी बीवी रीना पूर्ण रूप से नग्न बिस्तर पर लेटी हुई है, हमें भी उसी प्रकार से पूर्ण रूप से नग्न हो जाना चाहिए। ताकि जब हम उसकी आंखें खोलें तो वह केवल अपने आप को नग्न देख कर असहज महसूस ना करे।
मेरे यह कहने पर वीणा और विक्रम ने मुस्कुराते हुए हामी भरी और जल्दी से अपने आप को अपने कपड़ों से आजाद कर दिया।
विक्रम ने जब अपने पूरे कपड़े उतारे तो मैंने देखा कि उसका लंबा लिंग पहले से ही रीना को इस अवस्था में देखकर पूर्ण रूप से कड़क हो कर खड़ा है।
विक्रम ने आंखों ही आंखों में देख कर मुझसे पूछा कि मेरा लंड कैसा है?
मैंने भी अपनी उंगलियों से उसकी तरफ इशारा किया- एक नंबर!
अब नग्न होने की बारी वीणा की थी। वीणा ने जब अपने वस्त्र उतारे तो मैंने देखा कि उसने बड़े ही आकर्षक और महंगे लाल ही रंग के अंतः वस्त्र अर्थात ब्रा और पेंटी पहन रखे हैं जो कि मुझे उत्तेजित करने के लिए थे। लेकिन मैंने ब्रा और पेंटी का काम बिगाड़ दिया और सीधा ही वीणा को नग्न होने के लिए कह दिया था क्योंकि 12:00 बजने वाले थे इसलिए सबने अपना यह काम फुर्ती से किया।
जब वीणा को मैंने पूर्ण रूप से नग्न अवस्था में देखा तो ऐसा लगा कि मेरे पैरों से जमीन ना खिसक जाए। सच कहूं तो मुझे उस वक्त ऐसा लगा कि वीणा के शरीर के आगे रीना का शरीर भी कमतर है। वीणा के सुंदर गोल चेहरे के नीचे उसके भारी गोल स्तन जो कि रीना से भी बड़े और गोल आकार में थे बिल्कुल सीने पर लदे हुए थे। उन सीधे और लदे हुए स्तनों पर बिल्कुल भी झुकाव नहीं था। वीणा के स्तन पूर्ण रूप से सामने की तरफ इस तरह लटके हुए थे कि उनमें बिल्कुल भी ढीलापन नहीं था।
ऐसा लग रहा था कि किसी पोर्न फिल्म की नायिका ने आपको आकर्षक और सेक्सी दिखाने के लिए किसी प्रकार के ऑपरेशन से इस प्रकार के स्तन तैयार करवाए हों। सच बताता हूं मित्रो, मेरी इस बात में लेश मात्र भी झूठ नहीं है। वीणा का शरीर कुछ ऐसा ही था।
उसके बाद उसका गोरा पेट, क्या बताऊं! आज तक मैंने केवल रीना का ही सबसे उत्तेजित करने वाला पेट देखा था, लेकिन वीणा का फैला हुआ बड़ी नाभि वाला पेट देखकर ऐसा महसूस हुआ कि अब मेरा लंड उत्तेजना में दर्द की वजह से मेरी हालत खराब कर देगा।
नीचे वीणा की गुलाबी चूत और शानदार आकार वाले गोल-गोल कूल्हे और भरी हुई मोटी जांघें. उसकी जांघें ऐसा दृश्य बना रही थीं कि एक बार तो मन किया कि रीना का जन्म दिन छोड़ कर वीणा को मसलने लग जाऊं।
उसके बाद अपनी भावनाओं पर काबू करते हुए मैंने आगे का कार्यक्रम जारी रखा और इस तरह दोनों को निर्देश दिया कि रीना भी सुन सके क्योंकि रीना की आंखें बंधी हुई थीं। अतः उसे पता नहीं था कि आखिर यह अदला-बदली के लिए तैयार हुआ दूसरा जोड़ा है कौन। उसकी आंखों पर पट्टी बंधा हुआ उसका चेहरा शर्म से लाल हो रहा था।
मैंने कहा- साथियो, शुरू हो जाओ। मैं यहां पर, इस चुदाई मंच पर आप लोगों को निर्देश दूंगा और रीना के आंखें खोलने तक आपको उन निर्देशों का पालन करना है।
मैंने निर्देश देते हुए कहा- आप में से महिला साथी रीना की चूत चाट कर उसे चिकना बनाएगी तथा पुरुष साथी रीना के स्तनों को अपने मुलायम हाथों से मलमल कर अपने मुंह में उसके स्तनों को दबाकर रीना को उत्तेजना के चरम पर पहुंचाने की कोशिश करेगा।
फिर मैंने रीना को संबोधित करते हुए कहा- मेरी प्यारी जान रीना, जब तुम्हारी चूत उत्तेजना के कारण चिकनाई से लबालब हो जाएगी, तब हमारा पुरुष साथी तुम्हारी चूत में अपना लंड डाल देगा और जब तुम्हें तुम्हारी चूत में कोई लंड घुसता हुआ महसूस हो तो समझ जाना 12:00 बज गये हैं और तुम्हारा जन्मदिन शुरू हो गया है. अर्थात ठीक 12:00 बजे तुम्हारी चूत में तुम्हारे पति के अलावा किसी और मर्द का लिंग होगा जो कि तुमने पहले कभी नहीं लिया हो।
उसके बाद चूत में इस नए लंड के कुछ मखमली धक्के खिलाकर हम तुम्हारी आंखें खोल कर तुम से साक्षात होंगे कि यह नए साथी हैं कौन। उसके बाद तुम्हारे मन के कुछ सवालों को हल करके हम आज ऐतिहासिक बीवियों और पतियों की अदला-बदली कर चुदाई को अंजाम देंगे।
मेरा इशारा पाकर वीणा और विक्रम, रीना की तरफ लपके। विक्रम ने रीना के गोरे-गोरे स्तनों पर अपना हाथ रखा और उसके गुलाबी निप्पलों को उंगलियों से छेड़ने लगा। उसके बाद उसने रीना की गर्दन पर चुम्बन करते हुए अपनी जुबान को रीना के स्तनों पर घुमाया। विक्रम का खड़ा लिंग यह बयां कर रहा था कि वह कितना उत्तेजित है।
थोड़ी देर रीना के स्तनों को आराम से चूसने और चाटने के बाद विक्रम अपने होश खो बैठा और बड़े जोर-जोर से दरिंदों की तरह रीना के स्तनों को नोंचने लगा और मुंह से काटने लगा। 2 मिनट भी नहीं हुए थे कि उसने रीना के गोरे-गोरे स्तनों को अपने हाथों, नाखूनों और दांतों से काट काट कर पूर्ण रूप से लाल कर दिया। लेकिन रीना दर्द से नहीं, उत्तेजना से सिसकारियां भरने लगी थी।
उधर वीणा अपनी जुबान को रीना की साफ-सुथरी गुलाबी चूत की फांकों पर घुमा रही थी। कभी-कभी वह रीना की चूत का दाना अपनी जुबान में लेकर दबा देती, इस तरह अपने शरीर पर हो रहे दोहरे प्रहार को रीना उत्तेजना की वजह से संभाल नहीं पा रही थी और अपनी गांड उठाकर सीने को यथासंभव विक्रम के मुंह पर दबाकर अपनी असहाय हालत बयान कर रही थी।
ऐसी उत्तेजना के कारण रीना की चूत से उत्तेजना का पानी बहने लगा।
चूंकि 12:00 बजने वाले थे और उसमें केवल एक ही मिनट बाकी था इसलिए मैंने विक्रम को ताली बजाकर इशारा किया कि वह अपनी जगह ले ले। अतः वीणा और विक्रम ने अपनी जगह बदली इस तरह वीणा अब रीना के स्तनों पर तथा विक्रम रीना की चूत के वहां पर अपनी स्थिति जमा कर बैठ गये।
12:00 बजने से आधा मिनट पहले विक्रम अपना लौड़ा रीना की चूत के बाहर रगड़ने लगा और उसके लिंग मुंड को रीना की चूत की चिकनाई से चिकना करने लगा।
विक्रम का लंड जब रीना की चूत पर रगड़ता तो रीना उत्तेजना में अपनी चूत को विक्रम के लंड की तरफ आगे करती, लेकिन विक्रम अपने लंड को पीछे हटा लेता.
जैसे ही 12:00 बजे, मैं जोर से चिल्ला उठा- हैप्पी बर्थडे डार्लिंग रीना!
और इसी आवाज के साथ विक्रम ने अपना लौड़ा एक ही बार में रीना की चिकनी चूत में गप्प से डाल दिया।
मेरी बीवी रीना की चूत में जैसे ही इतना बड़ा लंड एकदम से गया, रीना उत्तेजना और दर्द से कराह उठी।
विक्रम ने प्लान के अनुसार रीना की चूत में धीमे-धीमे से धक्के दिए. उधर वीणा भी रीना के स्तनों के साथ खेल रही थी। रीना ने उत्तेजना के कारण अपने होंठों को अपने दांतों के नीचे दबा रखा था।
मैं अपना खड़ा लंड लिए यह सब नजारा अपनी आंखों में कैद कर रहा था. वास्तव में पहले की दो अदला-बदली वाली चुदाई में ऐसा नजारा मैंने नहीं देखा था।
अब जैसा कि प्लान का हिस्सा था. हमें रीना की आंखें खोल कर उसे यह ज्ञात करवाना था कि दूसरा अदला-बदली वाला जोड़ा आखिर है कौन?
अतः पहले मैंने रीना के पास जाकर उसके गालों पर चुंबन देकर उसे जन्मदिन की शुभकामना दी. उसके बाद पहले उसके पांव और फिर उसके हाथ खोलकर उसे बैठाया। अब हम चारों पूर्ण रूप से नग्न एक ही बिस्तर पर बैठे हुए थे. फिर मैंने रीना की आंखों से पट्टी हटाई। हमें पता था कि यह पट्टी हटते ही एक बार रीना चौंक जाएगी. मगर यह कहना मुश्किल था कि वह पट्टी के खुलने के बाद शायद शर्माए या पता नहीं क्या प्रतिक्रिया दे किंतु उसे बातों से ठंडा करना ही होगा।
हम तीनों इसके लिए तैयार थे।
रीना ने जैसे ही अपनी आंखें खोलीं, अपने देवर तथा देवरानी को पास में नग्न बैठे हुए देख कर चौंक गई, उसके मुंह से अनायास ही निकला- ओ माय गॉड!
और उसने अपने चेहरे को अपने हाथों से छुपा लिया और बोलने लगी- राज आपने यह क्या किया? इट्स रियली शॉकिंग फॉर मी (मेरे लिये यह बहुत ही हैरत भरी बात है)
माफ कीजिएगा दोस्तो, उस वक्त हमारा वार्तालाप कुछ इंग्लिश भाषा में हुआ जिसे मैं यथासंभव हिंदी में लिखने का प्रयत्न कर रहा हूं। फिर भी वास्तविकता का अहसास कराने के लिए थोड़े अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल कर रहा हूं।
मै- ओ कम ऑन रीना … टेक इट इजी! (रीना इसे सामान्य ही समझो)
रीना- हाउ कैन यू डू दिस राज? (आप ऐसा कैसे कर सकते हैं राज)
मैं- मैंने तो केवल 4 प्रेमियों को आपस में मिलाया है। मेरी जान मुझे पता चला कि तुम और विक्रम एक दूसरे से एक समय पर बेहद प्यार करते थे. उस प्यार की तड़प विक्रम ने भी देखी और तुम ने भी। तुम्हें जानकर खुशी होगी कि मैं तुम्हारे प्रेम संबंध से नाराज भी नहीं हूं क्योंकि तुमने तो पूरी ईमानदारी से अपना पत्नी धर्म उस वक्त निभाया था जब तुम किसी की पत्नी थी ही नहीं।
मुझे तुम पर गर्व है रीना और जब हम ऐसा जीवन जी ही रहे हैं तो उस सुख से क्यों वंचित रह जाना जिसकी कभी तुमने कामना की थी। विक्रम को देखो वह इतनी शिद्दत से तुम्हें चाहता है, लेकिन भाभी होने के कारण उसने सब कुछ भुला दिया। लेकिन जब उसे हमारी अदला-बदली की चुदाईयों के बारे में पता चला तो उससे रहा नहीं गया। जब मेरा दोस्त रणवीर और तुम्हारा भाई श्लोक तुम्हें भोग सकता है तो तुम्हारा पुराना प्रेमी क्यों नहीं? क्या तुमने कभी विक्रम के बारे में नहीं सोचा?
अगर कभी भी मन में विक्रम के प्रति वासना आई हो तो आज पूरी कर लो। तुम्हारे इस जन्मदिन को खास बना लो, क्योंकि वाइफ स्वैपिंग अर्थात अदला-बदली करके चुदाई करने का मजा साधारण नहीं है। यह तो हर आम मौके को खास बना देता है. तो आज तो मौका भी खास है, फिर क्यों न उसे बेहद खास बनाया जाए? एक दूसरे की बीवी और एक दूसरों के पतियों से चोदा-चोदी कर अपने जीवन का एक और याराना बनाया जाए।
मेरी प्यारी रीना, क्या तुम्हें पता है कि वीणा भी कई सालों से मुझे वासना की नजरों से देखती आई है? उसने कई बार हमें हमारे कमरे में चुदाई करते देखा है और हमेशा मन में यही सोचा है कि काश रीना की जगह वह (वीणा) मेरे (राजवीर) साथ मेरा लंड अपनी चूत में डलवा कर अपनी प्यास बुझा पाती। क्यों वीणा सही कहा ना मैंने?
वीणा- हां भाभी, राज भैया सही कह रहे हैं। सच बताऊं तो मैं आपकी शादी के वक्त से ही राज भैया का लंड अपने हर छेद में डलवा कर तांडव करना चाहती हूं।
रीना- इट्स रियली अनबीलिवेबल! (यह वास्तव में अविश्वसनीय है) किंतु मेरे पीछे से आप सबके मन में इतने पापड़ बेले जा रहे थे यह तो मुझे पता भी नहीं था।
मैं- जानू कुछ समय पहले मुझे भी इसके बारे में कुछ नहीं पता था और मैं भी तुम्हारी तरह ही हैरान था लेकिन थोड़ी देर बाद हैरानी की जगह वासना ने ले ली। यह सोच कर खुश हूं कि वीणा जैसी शानदार शरीर वाली स्त्री के साथ संबंध बनाने में कितना मजा आएगा और तुम भी सोचो कि विक्रम के लंबे लंड का स्वाद कैसा होगा.
मैं रीना को समझा ही रहा था कि विक्रम उत्तेजना वश बोल पड़ा- तो भाभी जान, क्या आप तैयार हैं?
रीना- हां मेरे देवर जी, आज हो ही जाए आपका इंतकाम और पुराने प्यार की इंतहा।
रीना के इस डायलॉग पर हम चारों हंसने लगे।
विक्रम- तो क्या इसी पलंग को चुदाई का महा मंच बनाया जाए? क्या सामूहिक चुदाई का कार्यक्रम रखा जाए?
रीना- जीवन बहुत बड़ा है देवर जी, सब कुछ अगर एक ही रात में कर लेंगे तो कल क्या करेंगे? मेरी अनुपस्थिति में दोस्ती आपकी और आपके भाई राजवीर और वीणा की हुई है। मैं आपकी इस दोस्ती में शामिल नहीं थी इसलिए मैं आप सब से खुली नहीं हूं. इस तरह पति और देवरानी के सामने खुलकर तुम्हारे लंड को गांड उठा उठाकर नहीं ले पाऊंगी।
वीणा- सच कहा भाभी. पति के सामने जेठ जी का लंड चूसने में शर्म तो आएगी ही।
वीणा की इस बात पर हम चारों की हँसी एक बार फिर कमरे में गूंज उठी।
मैं- तो ठीक है. आज की चुदाई केवल अपने बदले हुए साथी के साथ अर्थात एक रात के लिए बदले हुए पति के साथ कीजिए। हम भी एक रात के लिए बदली हुई बीवी को चोद लेते हैं। सामूहिक याराना अगली बार करेंगे।
अतः सबकी सहमति के अनुसार आज हमने अलग-अलग ही चुदाई करने का फैसला किया इस तरह मैं वीणा को अपनी गोद में उठाकर दूसरे कमरे अर्थात विक्रम और वीणा के कमरे में ले गया. इस कमरे में विक्रम और रीना को युद्ध स्तर पर चुदाई करने के लिए अकेले छोड़ दिया।
चुदाई का महासंग्राम शुरू हो गया है दोस्तो, अपनो लौड़ों और चूतों को संभाल कर रखें. सामूहिकर याराना तो रीना की बात मानने के बाद नहीं संभव हो पा रहा है मगर अलग-अलग तो चुदाई का मजा बदली हुई बीवियों और बदले हुए पतियों द्वारा लिया ही जा सकता था.
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी.
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