यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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मेरे जिस्म की प्यास की सेक्स कहानी में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे गांडू भाई के लिए मुझे एक लंड का इंतजाम करना पड़ा. मैं उसे अपने चोदू प्रीत के फ़ार्म हाउस पर ले गई थी और अपने भाई के लिए मैंने एक कॉलब्वॉय को बुलाया था. जैसे ही उस कॉलब्वॉय का फोन आया मैंने आदी को उसे लेने भेज दिया.
अब आगे:
आदी बाहर चला गया और उस लड़के को लेकर आ गया. मैं बाहर गई, तो वो सोफे पर बैठा था.
मैं बोली- अन्दर आ जाओ.
मैंने उस कॉलब्वॉय को रूम में बुला लिया.
मैं अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गई. वो आया और बोला- हैलो मेम.
मैं- हैलो … तुम्हारा नाम क्या है?
वो बोला- आप जो बोलो, वही मेरा नाम है.
मैं- अच्छा समझ गई … मैं तुमको टॉमी कहूँगी. अब तुम अपने कपड़े उतारो.
मुझे इस लड़के को कुत्ते जैसे बुलाना मजा दे रहा था. क्योंकि आज वो मेरे भाई को कुतिया बना कर उसकी गांड मारने वाला था.
टॉमी ने अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया. मैं बाहर आई और आदी को बुलाया.
मैं- देखो आदी, कैसा है?
आदी लंड देख कर खुश हो गया और मैं भी. उसका लंड अच्छा बड़ा और गोरा था … झांट रहित, एकदम सफाचट था.
मैंने टॉमी से कहा- तुमसे मैंने इसके लिए बात की थी. आदी लो, तुम्हें जो करना है, करो. अपने कपड़े उतारो और शुरू हो जाओ.
मैं उस लड़के के पास गई और उसका लंड पकड़ कर उसके कान में बोली- इसे अच्छे से चोदो … और इसे खुश कर दो. ये थोड़ा वाइल्ड सेक्स पसंद करता है.
इतना कह कर मैं सामने जाकर सोफे में बैठ गई और मोबाईल में टाइम पास करने लगी.
आदी अपने कपड़े उतार कर उसके पास गया. उसने आदी को किस किया, तो आदी भी उसका साथ देने लगा और उसने एक हाथ से कॉलब्वॉय टॉमी का लंड पकड़ लिया. कॉलब्वॉय टॉमी ने उसकी गांड पर हाथ से पकड़ लिया और वे दोनों किस करने लगे.
थोड़ी देर बाद आदी कॉलब्वॉय के नीचे आ गया और उसका लंड चूसने लगा. कॉलब्वॉय आदी का सर पकड़ कर उसके मुँह को चोदने लगा.
अब आदी को उसने खड़ा किया और मुझसे बोला- मेम आप उधर बेड पर बैठ जाइए.
मैं उठ कर बेड पर चली गई.
अब सोफे पर उसने आदी को झुका कर उसकी गांड के छेद पर थोड़ा थूक लगा दिया.
फिर वो हल्के से अपना लंड आदी की गांड में डालने लगा. लंड खूब गीला था. उसने गांड में थूक भी लगाया था, तो थोड़ा सा लंड अन्दर चला गया. आदी दर्द से मुँह बनाने लगा. कॉलब्वॉय ने आदी को कंधे से पकड़ा और एक जोर का झटका दे मारा. उसका पूरा लंड आदी की गांड को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.
आदी जोर से चिल्लाया ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
वो एक पल के लिए रुक गया. थोड़ी देर बाद उसने धक्के मारने चालू कर दिए.
अब आदी लंड के मज़े लेने लगा. आदी ‘आहा … आहाआआ..’ की आवाज़ करने लगा.
फिर कॉलब्वॉय ने आदी को जमीन पर लिटा दिया और उसके दोनों पैर पकड़ने को बोला. आदी की गांड का छेद साफ़ दिखने लगा. तब उसने अपना लंड डाल कर चोदना चालू कर दिया. वो शायद कोई दवा खाकर आया था. आधा घंटा हो गया था और उसका अभी तक गिरा नहीं था.
वो आदी को कभी उल्टा करके चोदता, कभी सीधा करके पेलने लगता.
तभी मैंने देखा कि उसकी स्पीड तेज़ हो गई है. मैंने उसे इशारा किया कि उसके चेहरे पर अपना पानी गिराना. उसने वैसे ही किया.
कुछ ही पलों में कॉलब्वॉय ने अपना लंड आदी की गांड से खींचा और उसके मुँह पर लंड की पिचकारियां मार दीं.
झड़ने के बाद वे दोनों थक कर वहीं जमीन पर पड़े थे.
दो मिनट बाद मैं आदी से बोली- आदी जाओ बाथरूम में … सब साफ करके आओ.
आदी खड़ा हुआ … लेकिन उससे चलना नहीं हो पा रहा था. वो जैसे तैसे अन्दर गया और खुद को साफ करके आ गया.
उसके बाद कॉलब्वॉय अन्दर चला गया.
मैं उससे बोली- जरा अच्छे से जैल से धोकर आना.
वो सर हिलाता हुआ चला गया.
मैं आदी से बोली- मज़ा आया?
आदी- हां दीदी.
मैं- तो अब मुझे मेरे भाई की तरफ से क्या मिलेगा?
आदी- जो आप बोलो दीदी.
मैं- ठीक है … तो तुम रुको यहां, अब मैं उससे चुद लेती हूं … फिर घर चलते हैं.
अब वो कॉलब्वॉय बाहर आ गया.
तब मैं बोली- दूसरे राउंड के किये रेडी हो या अभी नहीं?
वो बोला- बस दस मिनट रुकिए मेम.
मैं बोली- ठीक है … तुम बाहर जाओ.
वो बाहर चला गया. मैं खड़ी हुई और अपनी टी-शर्ट उतार दी. अब मैं भी नंगी थी.
मैं आदी से बोली- मेरा एक काम करोगे बेटा.
आदी- हां दीदी बोलो न!
मैंने उसे एक वीडियो दिखाई, जिसमें एक लड़का एक लड़की की चुत चाट रहा था.
मैं उससे बोली- ये करना है … करोगे प्लीज़?
वो एक बार में तैयार हो गया. मैं बेड के किनारे पर लेट गई.
सामने से आदी आ गया और मेरी दोनों टांग फैला कर मेरी चुत चाटने लगा.
‘आहाआ आआ …’
अपने भाई से अपनी चुत चटवा कर मुझे बेहद उत्तेजना हो रही थी. अपनी ज़िन्दगी में इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया, जितना आदी ने आज दिया. मैं तो समझो पागल हो गई थी. ये चीज़ मुझे पहले क्यों याद नहीं आई. अब तक तो मैं ये कभी भी कर सकती थी.
आदि ने बस 5 मिनट ही मेरी चुत को चाटा होगा और मैंने पानी छोड़ दिया. मेरी चुत का रस सीधा भाई के मुँह में गया.
अब मेरा मूड चुदाई का नहीं हुआ क्योंकि मेरा पानी पहले ही निकल गया था. फिर मैंने सोची कि आदी को ही एक बार फिर से चुदवा देती हूं. ये लड़का रोज रोज थोड़ी मिलेगा.
मैं नंगी ही बाहर गई और उसको अन्दर बुलाकर ले आई. मैंने उसे फिर से आदी को चोदने को बोला.
उसने आदी को इस बार बहुत देर तक चोदा, आदी बहुत थक गया था.
फिर उन दोनों ने नहा कर अपने अपने कपड़े पहन लिए. मैंने उसे उसकी फीस दी. इसके बाद हम सभी फ़ार्म से निकल आए, कॉल ब्वॉय अपने रास्ते चला गया और हम दोनों अपने घर चले आए.
घर आकर आदी जाते ही सो गया. मैंने थोड़ी देर इधर उधर के काम किये, फिर मैं भी सो गई.
कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा. फिर एक दिन हम सबको एक रिश्तेदार के यहां शादी में जाना था, लेकिन मैंने कॉलेज का बहाना बना कर जाने से मना कर दिया.
मम्मी मेरे भाई से बोलीं- ठीक है, तो आदी तुम भी दीदी के साथ यहीं रुक जाओ.
फिर मम्मी और डैडी एक हफ्ते के लिए कलकत्ता चले गए. मैं और आदी यहीं घर पर रुक गए.
मम्मी पापा सुबह ही चले गए थे. मैंने दिन में प्रीत को कॉल किया और रात को आने को बोल दिया.
उसने भी बोला- ठीक है.
दिन में आदी कॉलेज से आ गया, तब मैं उससे बोली कि तुम आज से डैडी के रूम में सोना और यहां से अपना सामान, जो भी है, उसे हटा लो.
आदि- क्यों क्या हुआ?
मैं- रात में प्रीत आएगा इसलिए.
उसने ओके कहा और वो अपना सामान डैडी के रूम में ले गया. फिर आदी खेलने चला गया.
मैं बाथरूम में गई, अपनी चुत के बाल साफ़ करके नहा ली. ऐसे ही रात हो गई. मैंने आदी को खाना खिला कर उसे सोने को बोला, तो वो डैडी के कमरे में चला गया.
फिर मैं अपने रूम में आई और अपने कपड़े उतार कर मैंने वही गोवा वाली नाइटी पहन ली. मेरे गोरे गोरे बूब्स, जो ब्लैक नाइटी में दूध की तरह चमक रहे थे और बाहर आने को मचल रहे थे.
मैं आदी के रूम में गई. आदी मुझे देखता ही रह गया- दीदी, आज आप बहुत अच्छी लग रही हो.
मैंने आंख मार कर उसे थैंक्स कहा.
आदी- दीदी क्या मैं तुम्हारी चुदाई देख सकता हूँ … प्लीज़ दीदी.
मैं- हां देख सकते हो, लेकिन कहां से देखोगे?
तब उसने कहा- मैं अपने रूम की खिड़की से देख लूंगा.
मैं- ठीक है, जो करना है, करो … बस उसे दिखना मत.
उसने ओके कह दी.
थोड़ी देर बाद प्रीत का कॉल आया- मैं बाहर खड़ा हूँ.
मैं बाहर गई और उसे अन्दर लेकर आई.
उसने अन्दर आते ही मुझे देखा और गोद में उठा लिया. वो अपने गालों से मेरे मम्मों को मसलने लगा. उसकी आवाजें निकलने लगी थीं
मैं बोली- चुप रहो यार … मेरा भाई भी है घर पर ज्यादा आवाज़ मत करो.
वो शांत हो गया. हम दोनों मेरे रूम में आ गए. उसने मेरी नाइटी उतार दी. मैं नंगी थी, वो भी नंगा हो गया और मुझे अपना लंड चुसवाने लगा.
मैंने थोड़ी देर उसका लंड चूसा, फिर उसने मुझे चोदना चालू किया.
उसने मुझे उस रात 3 बार चोदा और फिर हम वैसे ही लेटे रहे.
तब मैंने उससे पूछा- कल तुम कहीं जा रहे हो क्या?
प्रीत- नहीं … क्यों क्या हुआ?
मैं- आज यहीं रुक जाओ, सुबह भाई कॉलेज चला जाएगा, तब मैं घर में अकेली रहूंगी … इसलिए पूछा.
प्रीत- हां ठीक है.
मैं- तुम यहीं रहना … बाहर मत आना, जब तक मैं न बोलूं.
हम दोनों ऐसे ही नंगे चिपक कर सो गए. मैं सुबह जल्दी उठी और आदी को जगाकर उसे कॉलेज जाने को बोली.
वो तैयार हुआ. हम दोनों नाश्ता कर रहे थे.
मैं- तो कल रात में क्या क्या देखा?
आदि- सब कुछ.
मैं- अच्छा तो आज शाम में तुम देर से आना … प्रीत घर पर ही है.
आदि- मैं कहां जाऊं?
मैं- कहीं भी चले जाना, या तुम एक मिनट रुको.
अपने रूम में गई मैं और प्रीत को जगाकर उसके पर्स से 2 हज़ार रूपए निकाल कर बाहर आकर आदी को दे दिए.
मैं बोली- ये लो … फ्रेंड्स के साथ 6 से 9 मूवी देख कर आना और खाना बाहर से ही खाकर आना.
वो खुश होता हुआ चला गया.
आदि कॉलेज चला गया. अब मैं अपने रूम में गई. वहां प्रीत नंगा सो रहा था
मैंने भी अपने कपड़े उतारे और उसके ऊपर लेट कर सो गई.
फिर हम 11 बजे उठे. वो बाथरूम जाने को हुआ, तो मैं उठी और मैंने प्रीत की शर्ट पहन ली. मैंने नाश्ता बना कर प्रीत को दिया और मैं भी खाने लगी.
नाश्ता करने के बाद मैं बाथरूम में गई और नहाने लगी. तभी प्रीत भी बाथरूम में आ गया और हम साथ में नहाने लगे
तभी उसका लंड खड़ा हो गया और बाथरूम में ही उसने मुझे चोद लिया.
फिर हम दोनों बाहर ऐसे ही नंगे आ गए. उस दिन घर में पूरा दिन यूं ही मस्ती करते हुए बीत गया. हम दोनों का जब जब मूड होता, तब चुदाई कर लेते.
शाम में मैं रसोई में खाना बना रही थी, तब वो रसोई में आ गया.
हम दोनों ऐसे ही बातें कर रहे थे, तब उसने मुझे रसोई में कुतिया बना कर चोदा. चुदाई के बाद नंगे ही रहे. हम खाना खाकर बैठ कर टीवी देख रहे थे. यही कोई 10 बजे आदी का फोन आया, तो मैंने प्रीत को अपने रूम में भेज दिया.
आदी घर में अन्दर आया, थोड़ी देर इधर उधर हुआ और 11 बजे मैंने उसे कमरे में भेज दिया. उसने कमरे में जाते हुए मेरी तरफ आशा भरी निगाहों से देखा. मैं समझ गई और उसे आश्वस्त किया.
उसके जाते ही मैं अपने कमरे में चली आई. मैं अलमारी से अपने दुपट्टे निकाले और प्रीत के हाथ बांधने लगी.
प्रीत बोला- ये क्या कर रही हो?
मैं उसे किस करते हुए बोली- ब्लाइंडफोल्ड सेक्स.
उसने स्माइल किया.
मैंने उसे बांध दिया और उसकी आंखों पर भी पट्टी बांध दी.
पहले की तरह मैं बाहर आ गई. मैं आदी के पास गई और उसे कपड़े उतार कर साथ में चलने को बोली.
वो साथ में आ गया और प्रीत का लंड चूसने लगा.
अब प्रीत मस्त आवाजें करने लगा. प्रीत मुझे चोदते हुए गाली देता था, तो वो गाली देने लगा.
मैं साइड में नंगी खड़ी होकर सब देख रही थी. कोई 20 मिनट तक आदी ने उसका लंड चूसा. प्रीत ने लंड की पिचकारी आदी के मुँह में छोड़ दी. लेकिन आदी फिर भी लगा हुआ था.
कुछ देर बाद मेरे इशारे पर आदी चला गया. अब मैं प्रीत को किस करने लगी.
थोड़ी देर बाद उसका लंड फिर खड़ा हो गया. मैं उसके लंड पर बैठ कर चुदाई करने लगी. चुत चलाते हुए मैंने उसे खोल दिया और हम खुल कर चुदाई करने लगे. बीस मिनट बाद वो झड़ गया और हम दोनों ऐसे ही सो गए.
दो घंटे बाद मैं उठी, फिर वही कल जैसे हुआ. दिन में हम दोनों बैठे थे, तब प्रीत ने मुझे अपनी गोद में बैठा लिया.
प्रीत ने कहा- तुम्हारे भाई की कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैं बोली- नहीं है … तुम क्यों पूछ रहे हो?
प्रीत- बस यूं ही … उसकी गर्लफ्रेंड होगी भी कैसे … उसे तो गांड माराने का शौक है न!
प्रीत के मुँह से ये सुन कर मैं डर गई कि इसे कैसे पता चल गया. इसके बाद क्या हुआ वो आगे लिखूँगी.
इस सेक्स कहानी से आपको कितना मजा आ रहा है, मुझे आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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कहानी जारी है.