बिग लंड सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि दोनों सहेलियां मेरे लंड के लिए कितनी बेताब हो रही थी. सामान देने के बहाने से मुझे उन्होंने अपने पीजी पर बुलाया और …
हैलो फ्रेंड्स, मैं विवान अपनी दोनों धर्म सालियों की चुदाई की कहानी से आपको मस्त करने आ गया हूँ.
मेरी हॉट लंड सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
गर्ल्स हॉस्टल को बनाया रंडीखाना – 3
अब तक आपने पढ़ा था कि अनामिका और प्रियंका ने एक दूसरे को चोद कर अपनी अपनी चुत से पानी निकाल दिया था. इसके बाद अनामिका मुझसे वीडियो कॉल पर अपने चूचे दिखाते हुए खुद को चुदवाने की बात करने लगी थी.
अब आगे की हॉट लंड सेक्स स्टोरी:
अनामिका- हां जीजू, मुझे ऐसे ही चुदाई चाहिए. आप आइए, कल मजे करते हैं.
इसके बाद दोनों लौंडियों ने एक साथ में मुझको किस किया.
फोन कट गया और वो दोनों थक कर सो गईं.
मैं यहां उन दोनों की मदमस्त जवानी की सोच कर ही अपने लंड को हिला कर उसका पानी निकालने लगा.
अगली दोपहर करीब एक बजे मैं ऑटो में प्रियंका की पसंद का सारा सामान लेकर पहुंच गया. उनके पास जाने से पहले ही मैं प्रियंका को फोन कर दिया था कि मैं आ रहा हूँ.
मैंने ऑटो से उतरते ही उसकी मदद से सारा सामान का बैग उतरवा कर रख दिया. प्रियंका अकेली ही सामने खड़ी थी. वो मुझे देख कर आंटी को आवाज देने लगी.
आंटी को भी प्रियंका ने बता दिया था, वो भी उसकी एक आवाज पर बाहर आ गईं.
मैं घर के अन्दर आ गया और आंटी ने मुझे पानी दिया.
थोड़ी देर बाद आंटी मुझसे बोलीं- तुम अपना बैग ऊपर ले जाकर रख दो. फिर प्रियंका के साथ जाकर और अनामिका और सुरभि को भी ले आना दीवान उठाने के लिए.
मैं ओके कह दिया.
आंटी प्रियंका की तरफ देखते हुए उससे बोलीं- जा तू सब इंतजाम कर.
हम दोनों ऊपर जाने लगे. प्रियंका सुरभि मैम को बुलाने के लिए उनके कमरे में चली गई थी. सुरभि का कमरा पहली मंजिल पर था.
मैं प्रियंका के रूम में घुस गया. उसका कमरा सबसे ऊपर वाली मंजिल पर था. उसके कमरे में सामान लगभग फेंकता हुआ मैं पहले अनामिका के पीछे लपका.
अगले ही पल अनामिका मेरी बांहों में थी. मैंने उसको दीवार से सटाया … और उसके दोनों हाथ ऊपर करके किस करने लगा. अनामिका मेरे इस अचानक हमले से एकदम से घबरा गई.
मगर मैं प्यार से उसके चेहरे में आ रहे बालों को हटाता हुआ लम्बी सांस लेकर लखनऊ के अदब के साथ बोला- साली साहिबा, अगर इज़ाज़त हो तो आपके आमों को चूसने से पहले आपके होंठों का रसपान कर लूं.
आम चूसने की बात सुनकर अनामिका शर्मा गई.
मैं उसके होंठों के करीब हो गया.
अनामिका ने आंखें बन्द कर ली.
मैंने प्यार से उसके नीचे के होंठ को अपने होंठों में दबा लिया और चूसने लगा.
कुछ ही पल बाद मेरे हाथ उसकी गांड पर लग गए. वो सिहर कर मेरे सीने से चिपक गई.
मैं कभी उसकी उठी हुई गांड पर फेरता, तो कभी उसकी पूरी पीठ को महसूस करता.
मेरे चुम्बन उसके होंठों पर जारी थे. वो भी मेरे चुम्बन में मेरा साथ देने लगी. धीरे धीरे मेरे हाथ उसके आमों पर यानि चुचों पर आ गए.
अनामिका के दूध छूकर मैं उसके होंठों को छोड़कर उसके दोनों मम्मों को मसलने लगा.
नई लौंडिया को पाने की कामुकता में मैंने जल्दी से उसकी टी-शर्ट के अन्दर अपने हाथ घुसेड़ दिए.
आह क्या मस्त दूध थे उसके … मैं उसके दोनों आम मसलने लगा.
थोड़ी देर अनामिका मेरा सर दबाते हुए बोली- जीजू, प्रियंका कहां है?
अनामिका के मुँह से प्रियंका की सुनकर मुझको होश आ गया … और मैंने उसको छोड़ दिया.
मैं बोला- प्रियंका सुरभि को लेने गयी है, तुम भी चलो … आंटी के यहां से दीवान ऊपर लाना है. उसमें चार लोग चाहिए होंगे.
अब हम दोनों नीचे जाने लगे. नीचे जाते वक्त रास्ते में ही प्रियंका सुरभि से बातें करती हुई मिल गई.
सुरभि ने मुझे देख कर अपने होंठ चबाए और मुस्कुरा दी.
मैंने उसकी इस अदा पर ज्यादा कुछ नहीं कहा. बस हम चारों साथ साथ नीचे आंटी के पास जाने लगे.
मेरे आगे चल रही सुरभि को मैं देख रहा था. वो अभी भी हल्के से पैर खोल कर चल रही थी. शायद अभी भी उसकी गांड दर्द कर रही थी.
हम चारों मासूमियत के पुतले बने आंटी के पास पहुंचे.
आंटी ने दीवान की तरफ इशारा किया और हम सब दीवान को उठाकर ऊपर ले जाने लगे.
मैं और सुरभि एक साइड लगे थे … और प्रियंका और अनामिका दूसरी तरफ थीं.
मैं सुरभि से बोला- क्या अभी भी दर्द कर रहा है?
सुरभि- हां थोड़ा दर्द भी है … और तुम्हारे जाते ही उसी दिन पीरियड्स स्टार्ट हो गए थे. एक तो साली फटी पड़ी थी और ऊपर से खून टपकना शुरू हो गया था. आज आखिरी दिन है. आज या कल मेरे मासिक खत्म हो जाएंगे.
मैं- ओके … वैसे उस दिन बहुत मजा आया था.
सुरभि- हां सो तो सही है. आज भी कभी कभी चुदाई के ही सपने आते हैं. मगर मैं देख रही हूँ कि सबसे ज्यादा मजा तो तुमको आ रहा है. सबको साली बनाकर और उनकी चुतों को अपने लंड का गुलाम बना रहे हो.
मैं हंसते हुए बोला- वो सब तो आप लोगों की मेहरबानी है.
कुछ ही देर में हम चारों प्रियंका के रूम में पहुंच गए थे. हम सभी ने मिल कर दोनों दीवान किनारे से सटा कर एक साथ लगा दिए.
दीवान सैट होते ही तुरंत ही उन दोनों पर बिस्तर भी लगा दिए.
इतना भारी दीवान उठा कर हम सभी के पसीने आने लगे थे. अनामिका ने झट से फ्रिज से एक बोतल पानी की निकालकर दे दी.
सबसे पहले मैंने बोतल ली गटागट पानी पीता गया. उन तीनों ने भी पानी पीकर अपनी सांसें नियंत्रित की.
फिर कुछ देर यूं ही बात करके सुरभि अपने रूम में चली गई.
प्रियंका- जीजू आप पहले नहा लो. जब तक हम दोनों लंच तैयार करती हैं.
अनामिका ने भी हां में हां मिला दी.
मैं बिना कपड़े उतारे बाथरूम में घुसने लगा.
इतने में प्रियंका बोली- क्या जीजू किससे शर्मा रहे हो. बाथरूम में नंगे होकर जाना चाहिए.
वो तौलिया लेकर मेरे पास आई और मुझे तौलिया देकर मेरी शर्ट के बटन खोलते हुए उतारने लगी.
जैसे ही प्रियंका मेरे करीब आई तो मेरे लंड में एक हूक सी उठ गई. उसके शरीर से बड़ी सेक्सी सी भीनी महक आ रही थी. शायद पसीने और परफ्यूम के मिले जुले होने से गंध कुछ ज्यादा ही चुदास भड़का रही थी.
हम दोनों ही एक दूसरे को लिप किस करने लगे. उसने किस के साथ ही मेरी शर्ट उतार कर दीवान पर फेंक दी … और अपना हाथ सीधा मेरी जींस के अन्दर डालकर लंड पकड़ लिया.
मेरा लंड अब तक थोड़ी हरकत में आ गया था.
प्रियंका ने मेरे लंड को हाथ से आगे पीछे किया और अपनी मुट्ठी में दबा कर मसलने लगी.
अगले ही पल उसने किस तोड़ दिया और मेरी जींस को खोलते हुए नीचे बैठने लगी.
जींस खुलते ही मेरे घुटनों तक आ गई थी और मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही प्रियंका मेरे टाइट लंड को अपने मुँह में घुसेड़ने लगी.
फिर अचानक से उसने अंडरवियर उतार दिया और मेरा लंड गप्प से अपने मुँह के अन्दर कर लिया.
वो लंड चूसते हुए मेरी तरफ देखने लगी. फिर लंड निकालकर बोली- आपको ये पसंद है ना!
फिर तुरंत अपने मुँह में लंड को गप्प से अन्दर ले लिया और मजे से लंड चूसने लगी.
मेरा लंड उसके मुँह के हिसाब से काफी बड़ा है, तो वो पिछली बार की तरह पूरे लंड को मुँह में लेने की नाकाम कोशिश करने लगी. प्रियंका के मुँह की गर्मी पाकर मैं भी गर्म होने लगा.
मैंने उसके सर को पकड़ा और अपने लंड से उसका मुँह को चोदने लगा.
इतने में प्रियंका ने मुझको पूरा नंगा कर दिया और मजे से लंड चूसने में लग गई.
थोड़ी देर बाद प्रियंका बोली- आपका रस देर से निकलता है. अब आप अन्दर जाओ और जल्दी से नहा कर आओ. बाद में इसकी चुसाई को पूरा करूंगी. तब तक हम दोनों खाना बना लेती हैं.
मेरी सारी शर्म गायब हो चुकी थी … और मैं यूं ही नंगा बाथरूम में चला गया.
मैंने दरवाजा तक बन्द नहीं किया.
मैं शॉवर चला कर नहा ही रहा था. लंड पर साबुन लगाकर उसे मसल रहा था कि तभी मैंने कमरे में देखा.
सामने पूरी नंगी प्रियंका खड़ी थी और वो बाथरूम में आ गई.
उसने मेरे पूरे शरीर में साबुन लगा देखा और मुझसे चिपक कर बोली- जीजू, आपसे अलग होने का मन ही नहीं हो रहा था. अनामिका खाना बना लेगी … सब्जी तो लगभग बन ही गयी है. बस रोटी वो बना देगी. चावल बनाना भी दो मिनट का काम है.
ये सब कह कर प्रियंका मेरे होंठों को चूसने लगी और मेरे साबुन लगे लंड को अपने हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी.
मैं भी उसका पूरा साथ देते हुए उसके बालों को पकड़ कर कायदे से स्मूच करने लगा.
अब प्रियंका ने मेरे लंड को मजबूती से पकड़ लिया और लगातार आगे पीछे करने लगी.
मैं भी एक हाथ से उसके चुचों को मजे से दबाने लगा. मैं कभी कभी उसके निप्पलों को भी मसल देता, फिर अपने अंगूठे और उंगली के बीच में दबा कर दोनों निप्पलों को जोर से खींच देता.
इससे प्रियंका की मादक सीत्कार निकल जाती.
मैं भी उसके होंठों छोड़ कर नीचे आ गया और उसके चूचे चूसने लगा.
इतने में प्रियंका ने शॉवर जो बन्द था, उसे चालू कर दिया … और हम दोनों साथ में भीगने लगे.
मैं उसके दोनों चूचों को लगातार बारी बारी से चूसता रहा … और अपने हाथों से पीछे उसकी गांड को मसलता रहा.
हम दोनों के ऊपर शॉवर का पानी गिरता हुआ हमें अलग ही मजा दे रहा था. पानी से सारा साबुन धुल चुका था. मेरे लंड महाराज भी चमक गए थे. इस समय मेरा लंड गर्म होकर पूरा खड़ा था. प्रियंका मेरे लंड को लगातार आगे पीछे कर रही थी.
थोड़ी देर में प्रियंका नीचे बैठ गई. उसने मेरा खड़ा मोटा लम्बा हॉट लंड एकदम से सीधा अपने मुँह में गप्प से अन्दर कर लिया … और मजे से लंड चूसने लगी.
इसी के साथ ही वो अपने हाथों से लंड को आगे पीछे भी करती जा रही थी.
मैं भी उसी अवस्था में दीवार से टिक कर अपने पैर के अंगूठे से उसकी चूत को छेड़ने लगा. कभी कभी एकदम परफेक्ट निशाने के साथ उसकी चूत के छेद में मेरा अंगूठा घुस जाता, तो थोड़ी देर तक वैसे ही मैं उसकी चुत की फांकों को घिसने लगा. ऐसे ही हम दोनों कामुकता में एक दूसरे को मजे दे रहे थे.
थोड़ी देर में मेरा पानी निकलने वाला हो गया था तो मैंने अकड़ कर उसका सर पकड़ लिया और अपना पूरा लंड उसके गले तक घुसेड़ दिया.
वो भी समझ गई और अपने होंठों से लंड पर ग्रिप बना कर उसे चूसने लगी.
मैं पूरी कोशिश करके लंड को उसके मुँह में अन्दर बाहर कर रहा था.
वो मजे से हॉट लंड चूसते हुए मेरी गांड को अपने मुँह की तरफ दबा रही थी.
इतने में मेरे लंड का पानी निकलने लगा.
प्रियंका ने एकदम से लंड बाहर निकालने की कोशिश की मगर उसके ना चाहते हुए भी मैं उसका सर पकड़ कर उसके मुँह में ही लंड झाड़ने लगा.
मगर वो पक्की चुसक्कड़ थी, साली ने किसी तरह अपना मुँह हटा ही लिया और मेरे लंड के पानी की पिचकारियां उसके ऊपर फिंकने लगीं.
वीर्य की कुछ बूंदें उसके मम्मों में जा गिरीं.
शॉवर के पानी से उसके मम्मों में लगा मेरा वीर्य बहकर नीचे उसके पेट पर जाने लगा.
इतने में प्रियंका अपने मुँह में गया, मेरा वीर्य थूक कर बोली- क्या जीजू आप भी ना … अन्दर ही निकाल दिया.
मैं- अरे मेरी जान मैं मदहोशी में था … क्या करूं अन्दर छोड़ने का बड़ा मन था … तो कर दिया.
प्रियंका बोली- वो कोई बात नहीं जीजू … मगर मेरा मन अभी तैयार नहीं था.
थोड़ी देर हम ऐसे ही नहाते हुए एक दूसरे के अंगों से खेलते रहे. एक दूसरे को सहलाते रहे.
कभी प्रियंका मेरे सीने की घुंडियों को अपने दांत से काटती … तो मैं भी उसके चूचे मसल देता.
कुछ देर में मैंने उसको दीवार से सटा दिया और उसके एक चूचे को पीने लगा.
चूचे चूसने के साथ ही मैंने अपनी तीन उंगलियों को उसकी चूत में ठांस दिया और अन्दर पेलने लगा.
चुत में एक साथ तीन उंगलियां घुस जाने से प्रियंका की मादक आह निकल गई. ‘आह जीजू … क्या कर रहे हो.’ बोलते हुए उसने मेरे कंधों पर अपने दांतों के निशान बना दिए.
मैं चिहुंक उठा तो वो मेरे पूरे कंधे पर चूसने लगी.
अब मैं नीचे उसकी चुत में बड़ी तेजी अपनी तीनों उंगलियों को आगे पीछे करने लगा. उसकी आंखें बन्द हो गई थीं.
प्रियंका मेरे कान में गर्म हवा छोड़ते हुए बोली- जीजू … आह बहुत मजा आ रहा है. आपके हाथों में जादू हैं. मुझको आपका लंड बहुत पसंद है, उसे पेलो न!
वो इस पोजीशन में मेरे कानों को कभी कभी काट भी ले रही थी. कुछ देर बाद मैं हो गया और उसकी टांगों को चौड़ी करके उसकी क्लिट को अपने मुँह में भर कर खींचने लगा.
उसकी आह निकलती तो मैं जीभ से दाने को सहला देता और अगले ही पल फिर से क्लिट को खींच कर उसकी मादक आवाज का मजा लेने लगता.
कुछ देर बाद मेरी तीन उंगलियां फिर से उसकी चुत में चलने लगीं और अब तो जीभ से भी उसकी क्लिट को लगातार छेड़ रहा था. मेरा एक हाथ पीछे उसकी गांड सहला रहा था.
तभी मैंने एक उंगली उसकी गांड के छेद में कर दी.
जैसे ही मैंने प्रियंका की गांड में उंगली की, उसने मीठी सिसकारी भरते हुए अपनी चूत उठा दी और मेरा सर पकड़ कर अपनी चुत में घुसेड़ना चाहा.
मैं भी उसकी चुत को चूसता रहा.
कुछ ही देर में प्रियंका ने कांपते और थरथराते हुए अपनी चुत का पानी छोड़ दिया. उसका चुत रस मुझे फील होने लगा. उसका पानी मेरे होंठों में लग गया था और लिसलिसा सा लग रहा था.
मैं अपने होंठों को उसके चुचों पर रगड़ने लगा … और वो खिलखिलाने लगी.
शॉवर के नीचे ही हम दोनों फिर से किस करने लगे और थोड़ी देर बाद हम दोनों नंगे ही बाहर कमरे में आ गए थे.
प्रियंका ने पहले मुझको तौलिया से साफ़ किया … फिर मैंने उसे साफ़ किया.
मैंने अनामिका की तरफ देखा, वो वासना से भरी ललचायी हुई आंखों से हम दोनों को देख रही थी और शर्मा रही थी. वो हम दोनों को अठखेलियां करते हुए देख कर अपनी नज़रें बार बार चुरा लेती थी.
इतने में प्रियंका बोली- साली लार ना टपका … तेरा भी नंबर आएगा.
प्रियंका नंगी ही उसके करीब गई और उसकी टी-शर्ट ऊपर करके उसके चूचों को देखती हुई बोली- तेरे इन रसीले आमों को भी जीजू चूसेंगे.
ये सुनकर अनामिका शर्म से लाल हो गई. उसके चेहरे की शर्म से साफ़ पता चल रहा था कि वो मुझसे चुदना तो चाह रही थी लेकिन खुल नहीं पा रही थी.
प्रियंका उसकी लाज देख कर बोली- चल तू जा … जल्दी से नहा कर आ. मैं खाना लगाती हूँ.
इसके बाद हम दोनों ने अपने गुप्तांग ढकने के लिए कपड़े पहन लिए. प्रियंका ने सिर्फ एक लम्बी सी टी-शर्ट डाल ली थी और अन्दर से पूरी नंगी थी. टी-शर्ट उसकी गांड तक उसके बदन को नंगा दिखने से छुपा रही थी. मैं सिर्फ नीचे एक हाफ ढीला नेकर पहन कर खड़ा था.
फ्रेंड्स, इसके आगे चुदाई की कहानी का सैलाब बहेगा … बस आप सब अपनी चुत लंड के लिए इंतजाम कर लीजिए. मगर पहले मुझे मेल करना न भूलें. मेरी हॉट लंड सेक्स स्टोरी आपको गर्म करने के लिए एकदम रेडी है.
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हॉट लंड सेक्स स्टोरी का अगला भाग: गर्ल्स हॉस्टल को बनाया रंडीखाना – 5