नंगी लड़की की चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी गर्लफ्रेंड की सहेली अपनी चुदाई के लिए मारी जा रही थी. मैंने उसकी तमन्ना कैसे पूरी की? मजा लें!
मित्रो, मैं विवान अपनी सेक्स कहानी में चुदाई का रंग भरने एक बार फिर से हाजिर हूँ.
मेरी नंगी चुदाई कहानी के पिछले भाग
गर्ल्स हॉस्टल को बनाया रंडीखाना – 5
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने अनामिका को बर्फ के टुकड़े से मजा देना शुरू कर दिया था.
अब आगे नंगी चुदाई कहानी:
अनामिका बोली- आह निकाल निकालो … बर्फ निकालो न प्लीज जीजू.
मैंने भी उसकी पैंटी साइड से खिसकाकर उसकी चूत में मुँह लगा दिया. वो पागल हो गई और नीचे से गांड उठा कर अपनी चूत मेरे मुँह पर धंसाने लगी.
वहीं प्रियंका हम दोनों का खेल देख कर अपनी चूत और चूचों से खेलने लगी. मैं अनामिका की चुत के अन्दर पड़ा बर्फ के टुकड़ा को मुँह में भरकर खेलने लगा.
फिर वही टुकड़ा अपने होंठों में दबा कर मैं अनामिका के होंठों के पास आ गया. ये बर्फ अब मैंने उसके खुले हुए मुँह में डाल दी.
चुत के नमकीन स्वाद से अनामिका का पहले तो मुँह बन गया, लेकिन पानी घुलने से उसे बर्फ चूसना अच्छा लगने लगा.
मैं उसके होंठों पर अपने होंठ लगाए हुए उसे चूम भी रहा था, तो वो इसी चुम्बन में कभी कभी बर्फ का टुकड़ा मेरे मुँह में भर देती थी … और कभी मैं उसके मुँह में ठेल देता था.
अंततः वो बची हुई बर्फ को चबा कर खा गई.
फिर मैंने एक दूसरा बर्फ का टुकड़ा लिया और उसकी सफ़ेद ब्रा के ऊपर से बर्फ रगड़ने लगा. इससे उसके निप्पल का एरिया गीला होने लगा और उसके निप्पल व एरोला का एरिया साफ़ साफ़ पारदर्शी सा दिखने लगा. मैंने अनामिका के तने हुए निप्पल को देखा तो कामुक होकर तुरंत ही उसके निप्पल को अपने मुँह में भर लिया. अब ब्रा के ऊपर से ही मैं उसके चूचुक को अपने मुँह से चूसने लगा.
वो चुदास से कसमसा उठी और बोली- जीजू, प्लीज मेरे हाथ खोलो.
मैंने बोला- अभी बहुत कुछ बाकी है मेरी जान … अभी तो तुम इसी तड़प के साथ रोमांस फील करो.
मैंने अपना हाथ नीचे ले जाकर के उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
मेरा हाथ नीचे जाते ही अनामिका हल्के से उठ गई और मैंने ब्रा का हुक खोल कर ब्रा को उसकी टी-शर्ट के साथ कर दिया.
अब मेरी आंखों के सामने उसके तोतापरी आम जैसे नंगे चूचे आ गए थे.
उसके मम्मों के ऊपर लम्बे अंगूर जैसे निप्पल एकदम कड़क हो गए थे.
मुझसे उसके दूध देख कर रहा नहीं गया और मैंने अपना मुँह अनामिका के एक चुचे पर रख कर उसे चूसने लगा.
उसके दूसरे दूध को मैं हाथ से मसलने लगा. मैं एक को चूसता और दूसरे को मसलता. बारी बारी से मैंने उसके दोनों मम्मों के साथ ही ये सब किया.
इससे अनामिका जैसे पागल हो उठी और सीत्कार भरते हुए बोली- आह जीजू … चूस लो अपनी जान के रसील आम … आपको बहुत पसंद हैं ना … आह पूरा रस निकाल लो.
वो पागलपन में मेरी तरफ बार बार उठने की कोशिश कर रही थी.
दूसरी तरफ प्रियंका अपनी चूत में दो दो उंगलियां डाल कर चुत चुदाई कर रही थी.
अनामिका ने उसे देखा और बोली- तू वहां क्या अकेले मजा ले रही है … इधर ही आ जा मेरी जान और मेरे हाथ खोल दे. फिर अपन दोनों मजे करेंगे.
मैंने बोला- आ तो जाओ … मगर जैसे मैं बोलूं वैसा करना.
प्रियंका मदहोशी से बोली- बोलो जीजू क्या आदेश है?
मैंने उसको हॉट चॉकलेट लेकर आने को बोला. साथ ही मैंने अनामिका की पैंटी को उतारकर लोअर के साथ नीचे तक खींच दिया.
प्रियंका ने आते ही मेरा लोअर खींच दिया. मैंने भी उसकी टी-शर्ट निकाल दी. अब हम दोनों पूरे नंगे हो गए थे. आप इधर अनामिका भी नंगी ही समझो.
अनामिका हंस कर बोली- ये हुई ना बात … अब मेरे हाथ भी खोल दे जल्दी से प्लीज.
प्रियंका अनामिका के नजदीक जाकर उसके कान में बोली- मेरी जान, अभी तो बहुत मजा आना बाकी बचा है, तू बस जीजू के हाथों को एन्जॉय कर. बाद में उनके लंड का मजा लेना.
वो अनामिका के होंठों पर किस करने लगी. फिर जब मैंने अनामिका के चूचों और उसे निप्पलों पर चॉकलेट लगाई, तो उसके दूध मस्त दिखने लगे.
उसी समय प्रियंका अनामिका के पैरों की तरफ से आई और उसने मेरा लंड मुँह में भर लिया. मैं थोड़ा सोच में पड़ गया कि इसको क्या हुआ.
प्रियंका भी मेरा अनामिका के मम्मों के साथ खेलना देख कर काफी गर्म हो गयी थी … और वो मजे से मेरा लंड चूस रही थी.
तभी अनामिका उससे बोली- साली मुझे खोल ना … कुतिया अकेले अकेले लंड के मजे ले रही है.
मैं उन दोनों की गाली गलौच को सुन कर मजा लेते हुए अनामिका के मम्मों पर चॉकलेट मल रहा था.
जब मैं उसके दोनों मम्मों पर अच्छे से चॉकलेट लगा चुका तो प्रियंका से बोला- चल तू इसका एक आम चूस … एक मैं चूसता हूँ.
प्रियंका खुश हो गई और अब हम दोनों उसके दोनों चूचों को बड़े प्यार और मजे से चूसने में लग गए.
अपने मम्मों को चूसे जाने से अनामिका जैसे पागल सी हो गई थी. वो आंखें बन्द करके बड़बड़ाने लगी- आह जीजू … बहुत मजा आ रहा है. प्लीज़ निप्पल को चूसो न … और तू प्रियंका रांड भैन की लौड़ी, पहले निप्पल को चूस ना कुतिया.
मैं अनामिका की बेचैनी देख कर हंस पड़ा.
प्रियंका और मैं उसको तड़पाते हुए सबसे आखिरी में उसके निप्पलों पर आए.
मैं उसके एक निप्पल के चारों तरफ गोल गोल जीभ फेरने लगा. मगर प्रियंका ने सीधे उसके दूसरे निप्पल को होंठों में दबा लिया और उसे चूसते हुए काटने सी लगी.
अनामिका को निप्पल काटे जाने से मीठा दर्द हुआ तो वो सिसयायी- आह कमीनी … प्यार से चूस वैसे चूस ना जैसे अंगूर चूसे जाते हैं. चबाओ मत साली, मेरे फुकनों में दर्द होता है.
उसकी फुकनों में दर्द वाली बात सुनकर मैं हंस पड़ा. वो अपने मम्मों के लिए फुकना यानि गुब्बारे शब्द का इस्तेमाल कर रही थी.
अब प्रियंका के जैसे ही मैं भी उसके दूसरे निप्पल को दांत से काटते हुए खींचने लगा. इससे अनामिका एकदम से छटपटा उठी और अपने पैर पटकने लगी.
अनामिका- आह कमीनो … मेरे हाथ खोल दो … आह कैसे काट रहे हो तुम दोनों.
मगर मैंने और प्रियंका ने उसकी चिल्लपौं पर ध्यान नहीं दिया और बस अपनी मस्ती में उसके मम्मों का कबाड़ा करते रहे.
काफी देर उसके दोनों चूचे चूसने के बाद मैं नीचे आ गया. मैंने उसकी चूत की फांकों में और क्लिट में काफी ज्यादा चॉकलेट लगा दी.
ये देख कर प्रियंका बोली- साली तू बहुत बोल रही थी न … रुक अभी तेरी चुत का भोसड़ा बना जाता है.
उसने मेरे हाथ से पिघली हुई चॉकलेट वाली बोतल ले ली और ढेर सारी चॉकलेट अपनी चूत में लगा ली. फिर वो अनामिका के मुँह के ऊपर चुत खोल कर बैठ गई.
प्रियंका- अब बोल कमीनी … चिल्ला साली.
अनामिका के मुँह पर प्रियंका की रसीली चुत टिकी तो मानो उसको जैसे दो बूँद पानी मिल गया हो. अनामिका ने प्रियंका की चूत को पहले तो होंठों से दबाया और बाद में मजे से उसकी चुत में लगी सारी चॉकलेट को चाटते हुए चूसने लगी.
प्रियंका भी अपनी चुत चुसवाने के मजे ले रही थी. उधर मैं नीचे अनामिका की चूत को अपने मुँह से चूसने लगा था.
मैं उसकी क्लिट को बार बार जीभ से कुरेदते हुए उसकी चुत को भड़का रहा था. कभी क्लिट छोड़ कर मैं उसकी चूत के छेद में अपनी जीभ अन्दर घुसेड़ देता और अन्दर तक लगी चॉकलेट को चूस लेता.
इससे अनामिका मस्त होकर अपनी गांड उठाते हुए मुझसे चुसवा रही थी. साथ ही वो प्रियंका की चूत को भी मजे से चूस रही थी.
कुछ देर की चुसाई के बाद प्रियंका ने थोड़ी चॉकलेट अपने चूचों में गिरा दी और अनामिका के ऊपर पलट कर बैठ गई. इस पोजीशन में उसने अपनी चूत मेरे मुँह की तरफ कर दी और खुद डॉगी सी बन कर अनामिका को अपने चूचे पिलाने लगी.
मैंने सामने प्रियंका की चूत देखी, तो मैं उसकी चुत को अपनी दो उंगलियों से चोदने लगा. साथ ही अपने दूसरे हाथ से अनामिका की चूत में भी उंगली कर रहा था.
मैं बारी बारी से दोनों हसीनाओं की चूत को चूस भी लेता था. कभी कभी प्रियंका की गांड में भी उंगली करने लगा.
वो दोनों बड़े मजे से मुझसे उंगली करवा रही थीं.
इतने में अनामिका बोली- जीजू … मुझे आपका लंड चूसना है … मेरा बड़ा मन है. मैं हमेशा ब्लोजॉब वाले पोर्न देखा करती थी, इसलिए एक नशा सा है.
मैं बोला- हम्म वो तो मुझको पता है. जब तुमने मेरा पूरा लंड निगल लिया था, तभी मैं समझ गया था कि तुझे केला चूसने का बड़ा मन है.
अनामिका- अरे जीजू आप देख रहे थे!
मैं- हां मैं महसूस कर रहा था जान.
प्रियंका बोली- कमीनी ने पूरा लंड कैसे ले लिया?
इसी बीच मैंने और प्रियंका ने जगह चेंज कर ली. अब वो अनामिका की चूत उंगली से चोद रही थी. प्रियंका अपनी तीन उंगलियां अनामिका की चूत में डालने की कोशिश करने लगी थी.
इधर मैं अपने लंड को ठीक उसके होंठों के ऊपर लाकर चॉकलेट लगाने लगा.
चॉकलेट की कुछ बूंदें उसके होंठों पर गिर गईं, जिसे वो चाटने लगी.
फिर मैंने अपना चॉकलेट लगा लंड उसके मुँह में दे दिया और प्यार से अन्दर घुसेड़ने लगा. अनामिका तो जैसे पागलों की तरह उस पर टूट पड़ी थी.
लंड चूसे जाने से अनामिका के मुँह से सलरररप सलरप की आवाज आने लगी और तेजी से मेरा लंड अन्दर बाहर होने लगा.
कभी मेरा लंड पूरा अन्दर घुस जाता तो कभी सिर्फ टोपा उसके मुँह की गर्मी का मजा लेने लगता. दूसरी तरफ अनामिका को भी जैसे अलग ही मजा आ रहा था. वो मेरा लंड पर लगा सारा चॉकलेट कुछ ही सेकंड में चाट कर खा गई … और मजे से लंड चूसने लगी.
वहीं नीचे प्रियंका अनामिका की चूत में कभी मुँह घुसेड़ देती, तो कभी उंगली से उसकी चूत में ‘दे दनादन ..’ अन्दर बाहर करती जाती.
इस सबसे अनामिका से रहा नहीं गया और वो कामातुर होकर बोली- जीजू, मेरी चूत पानी पानी हो रही है. अब आप अपना लंड चुत में पेल ही दो. आप मुझे इतना मत तड़पाओ.
मैंने उसकी बात मान ली और प्रियंका से फिर अपनी जगह चेंज कर ली.
इस बार प्रियंका ने मेरी तरफ मुँह करके अपनी चूत अनामिका के मुँह पर रख दी.
मैंने पोजीशन सैट की और अपना लंड अनामिका की चूत के छेद में रख दिया.
वो अभी कुछ समझ पाती कि मैंने एक तेज झटका दे दिया, जिससे मेरा आधा लंड चुत के अन्दर चला गया.
मेरा लंड बीच से थोड़ा ज्यादा मोटा है. थोड़ा जोर से धक्के लगाने से और उसकी चूत गीली होने के वजह से लंड बड़ी सुगमता से अन्दर घुसता ऐसे चला गया जैसे कोई सांप सरकता हुआ अपने बिल में घुस गया हो.
मैं लंड पेल कर रुका नहीं कुछ 10 से 15 झटके लगता चला गया.
एकदम से इतने ज्यादा प्रहार हुए तो अनामिका अधमरी हो गई और चीखने लगी.
मगर प्रियंका ने अपनी चुत उसके मुँह पर दबा रखी थी तो उसकी आवाज घुट कर रह गई.
मैंने अनामिका की कमर पकड़ कर अपनी रफ़्तार बढ़ा दी.
अब अनामिका मिन्नतें करने लगी- आह मम्मीई मर गई रे … आह जीजू प्लीज़ मेरे हाथ पैर खोल दो.
मैंने प्रियंका को इशारा किया, तो उसने अनामिका के दोनों हाथ खोल दिए. साथ ही उसके गले में ब्रा और टी-शर्ट फंसी थी उसे भी निकाल दिया.
अनामिका अब काफी रिलेक्स हो गई थी और वो मेरे हाथों में अपने देकर मेरे झटकों को झेलने लगी.
मुझको भी उसकी कमर पकड़ कर चुदाई करने में इतना मजा आ रहा था कि बस मैं ताबड़तोड़ लगा पड़ा था.
अनामिका मुझसे अपने पैर खोलने की ख रही थी मगर मैंने उसके पैर नहीं खोले.
फिर प्रियंका उसके पैर खोलने के लिए उठी. जैसे ही प्रियंका उसके मुँह से उठी, अनामिका अपने पैर खुले न होने के बावजूद बिस्तर पर उठ कर बैठ गई.
वो मुझे गाली देते हुए बोली- साले कमीने मादरचोद जीजू … अब चोदो मुझे भोसड़ी वाले.
मैं समझ गया कि अब ये पूरी रांड बन गई है.
उसी बीच प्रियंका ने उसके पैर भी खोल दिए … और उसकी पैंटी को लोअर समेत खींच कर उतार कर दीवान के किनारे फेंक दिए.
अब हम तीनों पूरी तरह नंगे हो गए थे. अनामिका अपने पैर के आजाद होते ही मचल उठी. उसने अपने दोनों पैर मेरी गांड से चिपका दिए और दोनों हाथ पीछे टेक लेकर अपनी चूत को मेरे लंड में पेलने की कोशिश करने लगी.
पूरे कमरे चुदाई की मस्त आवाजें आ रही फच फच फच की आवाजें हम सभी को और भी ज्यादा उत्तेजित कर रही थीं.
अनामिका बोली- आह ऐसे ही चोदो जीजू … अपनी साली को … आह आह मुआह आह … जीजू चोद दो अपनी साली को.
प्रियंका ने अनामिका के पीछे जाकर अपने पैरों को अनामिका के पैर से मिला दिए और उसके पीछे बैठ गई. वो अपने नंगे चूचे अनामिका की पीठ पर रगड़ने लगी … और साथ ही उसके दोनों चूचे पकड़ कर मसलने लगी.
अनामिका- आह साली क्या लंड से चुदवाया है … एकदम दमदार लौड़ा है. मैं तो जन्नत की सैर कर रही हूँ यार!
प्रियंका- सोच अगर तू मना कर देती, तो … तू यूं ही इस सुख से वंचित रह जाती.
अनामिका- हां सही कहा कमीनी, जीजू का लंड अपनी प्यासी चूत में लेने में बड़ा मजा आ रहा है.
प्रियंका उठकर अपनी चूत उसकी पीठ पर मसलने लगी. उसकी हरकतें बता रही थीं कि अब वो भी चुदवाने के लिए मचल रही थी.
मैंने अनामिका के पैर उठा कर अपने कंधों पर रख लिए और जोर के धक्के लगातार पेलने लगा.
मैं बोला- मैंने कहा था ना … ऐसी नंगी चुदाई करूंगा कि कभी भूल भी नहीं पाओगी और ना भूलना चाहोगी.
लगातार मैं अपना लंड चुत के अन्दर बाहर अन्दर बाहर करता गया.
मैंने करीब 20 और झटके मारे होंगे कि वो एकदम से मेरे हाथों को नौंचते हुए अपना पानी छोड़ बैठी … और उस पर बेहोशी छा गई. मैंने अनामिका के झड़ने के बाद भी 8-10 करारे झटके और मारे.
फिर अनामिका को छोड़ कर मैंने आंखों से ही प्रियंका को इशारा कर दिया. वो तुरंत समझ गई और तुरंत अनामिका को छोड़ कर दूसरे दीवान में अपनी गांड के नीचे तकिया लगा कर लेट गई.
मैं भी पूरे जोश में था. मैंने उसके पास जाकर अपना लंड सीधा एक झटके में उसकी चूत में पेल दिया.
प्रियंका इस अचानक हमले से एक बार हल्के से चीखी और उसने अपनी गांड थोड़ी और उठा दी. मैंने उसके पैर तुरंत उठा दिए और तेज रफ़्तार से उसे लगातार चोदना आरम्भ कर दिया.
‘फच फच फच … धक् धक् ढिचाक.’ की मादक आवाजें गूंजने लगीं.
मैं इस समय एक हैवान सा बना हुआ था. मैं लगातार एक के बाद एक झटके प्रियंका की चुत में देता चला गया.
मेरी चुदाई इतनी तेज थी कि प्रियंका कुछ बोलने को हुई तो उसकी आवाज हकलाने से आने लगी.
प्रियंका- आह जीजू … आज तो मार ही डाला आपने आह लगे रहो मेरे जालिम जीजू … आह आज अपनी साली की चुत का भोसड़ा ही बना दो. साली ने मुझे बहुत तंग कर रखा है … निगोड़ी हमेशा लंड मांगती रहती है. आह पेलो इसको जीजू प्यारे … आह और अच्छे से पेलो … पूरी दम से चोदो अपनी रंडी साली को.
मैं दे … दनादन उसे चोदता रहा.
वो कामवासना में लिप्त अपनी चुत चुदवाते हुए अंड बंड बोले जा रही थी.
दोस्तो, थ्रीसम चुदाई का मजा आना शुरू हो गया है, बस अब अगले अंक में आपको इस नंगी चुदाई कहानी का बाकी का मजा भी दे दूंगा. आप मुझे मेल जरूर कीजिए.
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नंगी चुदाई कहानी जारी है… गर्ल्स हॉस्टल को बनाया रंडीखाना – 7