यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
दोस्तो, मैं आपका रवि खन्ना, एक बार फिर से नीरजा के बाद अमीषी की पलंग तोड़ चुदाई का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ. जिसने इस कहानी के पहले के पार्ट नहीं पढ़े, वो पढ़ लें, तभी आपको सारी स्टोरी समझ आएगी.
दोस्तो, जैसा अपने पिछले भाग में पढ़ा कि अमीषी की मेरे साथ एक बार चुदाई हो चुकी थी. चुदाई के बाद उसने मुझको दूध ये बोल कर ऑफर किया कि आज आपको बहुत मेहनत करनी है.
इसके बाद अपनी सूजी हुई चूत मुझको दिखाने लगी. मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाली, उसने अपनी आंखें बंद की और मजे लेने लगी. तब मैंने उससे पूछा कि कौन था, जिसे तुम्हारी चूत का छेद भी चौड़ा भी नहीं हुआ.
तब उसने बताया कि वो उसका भाई था. मैं ये सुन कर चौंका जरूर, पर बाद में खुद समझ गया कि ये नार्मल है, मैं खुद अपनी बहन चोद चुका था, उसे क्या कहता.
मेरे जोर देने पर उसने डिटेल में अपने भाई के साथ चुदाई का किस्सा बताया.
अब अमीषी की जवानी की कहानी उसी की जुबानी:
मेरा भाई 10वीं फेल, दोस्तों के साथ रात रात भर बाहर रहता, दारू पीता, लड़कीबाजी करता. मेरे पापा गांव से जमीन बेच कर शहर में बस गए थे, जमीन बेचने के पैसे बहुत थे ही, दारू ज्यादा पीने लगे. माँ भाई से कुछ कहती नहीं क्योंकि अकेला भाई था मेरा.
वो दारू पी कर उस वक्त घर आता, जब मम्मी घर पे नहीं होती, तो मुझको पकड़ता, मेरे चूतड़ दबाता, पैंटी में हाथ डाल कर मेरी चूत सहला देता. मुझे मम्मी को ना बताने की धमकी देता. मैं डर से किसी को नहीं बताती. ये सिलसिला चलता गया और अब मुझको भी अपनी चूत और चुचियों मसलवाने में मजा आने लगा.
मैं जवान थी, मेरे भाई की हरकतें बढ़ती गईं. मैंने भी उसे रोका नहीं. कभी शहर में मम्मी ज्यादा कहीं जाती नहीं थीं, तो हमें ज्यादा टाइम नहीं मिलता था. इसलिए भाई ने मम्मी को मना कर ऊपर दो रूम बनवा लिए. एक अपने लिए, एक मेरे लिए. मेरा कमरा तो बस नाम का कि मां को शक ना हो. वरना जिस दिन से ऊपर रूम बने हैं. दो साल से हम दोनों भाई बहन ऊपर जाते टाइम सीढ़ियों वाला गेट अन्दर से बंद कर लेते हैं ताकि कोई आए ना. भाई ने मम्मी से लड़ाई करके कि कोई कुत्ता बिल्ली ना आए, ऐसा बोल कर सोच समझ कर गेट भी लगवा लिया था. तब से हम दोनों एक ही रूम में सोते हैं. इसी भाई वाले में सोते हैं. उस रूम में, जो मेरे नाम से बना, मैं आज तक रात वहां नहीं सोई.
कभी भाई दोस्तों के साथ लेट हो जाता है, तो सीढ़ियों का गेट खुला छोड़ना पड़ता है, इसलिए मैं अपने रूम में सो जाती हूं कि मम्मी ना आ जाएं.
पर जैसे ही भाई आता है, सीढ़ियों का गेट लगाता है और मुझको मेरे रूम से अपनी गोद में उठा कर अपने रूम में ले आता है. क्योंकि वो उसने पति पत्नी के हिसाब से डिजाइन किया है. मुझको बिना जगाए मेरे सारे कपड़े उतारता है मेरे ऊपर चढ़ते ही झटके मारने लगता है. बिना ये जाने कि लंड अन्दर नहीं गया है और 2 मिनट में ही झड़ कर सो जाता है. मुझको ऐसे ही नंगी पड़ी छोड़ कर उसके सोने के बाद मैं खुद उंगली या कैंडल अपनी चूत में डाल कर अपने आपको शांत करती हूं.
मैंने पूछा- अमीषी, वो तुमको कभी सही से चोद ही नहीं पाया.
तब उसने कहा- नहीं … जब वो बिना पिये आता है, तब पूरा अन्दर पेल चोद लेता है, पर उसका लंड तुम्हारी तरह नहीं है तुमने सच कहा है कि उसकी लुल्ली है. साढ़े चार इंच लम्बी और मोटाई भी तुम्हारे से आधी से भी कम.
मैंने पूछा- फिर तुम्हारी सील कैसे टूटी?
वो बोली- मैंने खुद कैंडल से तोड़ी.
मैं- तो उसने तुमको कल मेरे बर्थ डे वाले दिन भी चोदा?
अमीषी बोली- हां उसको सुबह जल्दी जाना था, तो मुझको पता था कि आज ये दारू नहीं पियेगा और मुझको रात भर चोदेगा. वही हुआ भी … खाना जल्दी खा के मम्मी ये बोल कर सो गईं कि बेटा जल्दी सोना, सुबह जाना है.
बेचारी मेरी माँ गांव की अनपढ़ हैं, उनको क्या पता कि उनके बेटा बेटी पिछले 3 साल से बेटा और बहू बन चुके हैं.
फिर उसने 7 बजे ही कहा- ऊपर जल्दी आना.
मैं समझ गई कि आज ये 10-12 बजे तक नहीं छोड़ेगा. मुझसे रवि का नंबर कैसे लगेगा. तभी मैंने तुमको फ़ोन करके कल का कहा था. मेरा मन भी तुमसे मिलने का था, पर उस साले ने पी नहीं रखी थी, दिक्कत ये थी.
फ़ोन काट कर मैं जैसे ही उसके रूम में गई, उसने कैंडल सारे रूम में जला रखी थीं और बेड गुलाब के फूलों से सजा रखा था. खुद उस पर मेरे इंतज़ार में नंगा बैठा अपनी लुल्ली हिला रहा था. आज पता नहीं वो किसी स्पेशल मूड में था.
मैंने अन्दर जाकर रूम अन्दर से लॉक किया औऱ बेड की तरफ बढ़ी. तब भाई ने एक पोलीथिन मेरी तरफ फेंकी, जिसमें ब्लैक ट्रांसपेरेंट नाइटी थी. वो बोला कि इसे पहन कर आओ, बिना पैंटी और ब्रा के. मैं अन्दर जाने लगी चेंज करने, तो वो बोला कि यहीं पहनो मेरे सामने.
मैंने वही जींस और टॉप उतारे, तब ब्रा पैंटी मैंने पहनी नहीं थी. मैंने नाइटी डाली और बेड पर उसके पास जा लेटी.
उसने नाईटी के ऊपर से ही मेरे चुचे मसले और मेरे पैरों के बीच में आकर अपना 4 इंच का लंड मेरी चूत में पेल दिया. जब मुझको मजे आने लगे, तब वो मेरी चूत में ही झड़ गया.
फिर अपना लंड मुझसे चुसवाया, लंड खड़ा होते ही उसने मेरी चूत में फिर से डाला, लेकिन दो मिनट में फिर ढेर हो गया. ऐसे ही उसने मेरी 4 बार ली. फिर 12 बजे तक इसी तरह अन्दर बाहर करता रहा, लेकिन इस बीच मैं एक बार भी नहीं झड़ी.
उसके सोने के बाद मेरा मन था तुमको बुलाने का, पर डर था वो जग जाता, तो जो आज मजा मिला, वो भी नहीं मिलता.
“रवि, जो अधूरापन मुझको आज तक खाए जा रहा था, आज जाकर वो पूरा हुआ है.” ये बोल कर अमीषी मेरे गले लग गई और मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगी. जो पहले से ही खड़ा था.
मैंने अमीषी को पूछा- तुम्हारे भाई का छोटा है, पर आज मेरा कैसा लगा?
वो बोली- सही कहूँ, मुझको तुमसे कोई प्यार नहीं, बस मुझको अपनी वो आग बुझवानी थी, जो मेरे भाई ने पिछले 3 साल से मेरी चूत में लगा रखी थी. उसकी लुल्ली मेरी चूत की गर्माहट से ही अपना रस निकाल देती थी. फिर मैंने तुमको छत पर घूमता देखा, तुम्हारी चौड़ी छाती देख कर मैं समझ गई कि ये बंदा मेरी सारी गर्मी निकाल सकता है.
मैं बोला- अमीषी आज तुम मुझको अपना भाई समझ कर चुदाई करवाओ.
वो बोली- कैसे?
मैंने कहा- जो उसको चुदाई के समय बोलना चाहती थी, पर डर से बोल नहीं पाती थी, वो सब आज बोलना.
वो मान गई. इसके लिए मैंने दूध का गिलास एक तरफ रखा और वो दूसरे रूम में चली गई. वहां जाकर नंगी ही सो गई.
मैं वहां उसके भाई की नशे वाली एक्टिंग करते हुए गया- अमीषी अमीषी … सो गई क्या?
मैंने चादर हटाई उसके ऊपर से और बोला- वाह मेरी बहन … जब तू मेरे पास है, तो मुझको शादी की कोई जरूरत नहीं … ना तेरी शादी होने दूंगा, तुझ जैसी चूत फिर कभी मिलनी नहीं मुझको. परियों जैसी बॉडी है तेरी.
ऐसा बोल कर मैंने उसे अपनी बांहों में उठाया और उसके भाई के रूम में बेड पर जाकर लिटा दिया.
वो अपनी आंखें बंद किए हुए थी. उसको मैंने औंधा लिटाया, उसकी गांड ऊपर थी. मैं उसके पैरों के बीच में बैठा और उसके चूतड़ों को किस करने लगा, जो बहुत गोरे थे. जीभ उसकी चूत पर लगाई और जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा. मैं वो अपनी गांड ऊपर बार बार उठाने लगी और मादक सिसकारियां लेने लगी.
मैं उसकी जांघों पर बैठा और अपना लंड अमीषी की गांड की दरार में रख कर ऊपर नीचे करने लगा.
वो बोल पड़ी- भईया, प्लीज अपनी बहन की चूत में डालो और प्लीज आज जल्दी मत झड़ना.
वो फुल बहन के कैरेक्टर आ चुकी थी.
मैंने अमीषी की गांड अपने हाथों से पकड़ी. चूत के नीचे तकिया लगाया और अपना लंड चूत के छेद पर लगाया, जो गीली हो चुकी थी.
मैं- बोल बहन, डाल दूँ?
वो- हां भईया … जल्दी.
मैंने धक्का मारा, मेरा लंड चूत में पूरा चला गया.
अमीषी- अअअ उम्म्ह… अहह… हय… याह… अअअअ वो माँ फाड़ दी रे अपनी बहन की चूत बहनचोद!
मैं ये सुन कर जोश में लंड पूरा अन्दर बाहर करने लगा. अमीषी जोश में बकने लगी- और चोद और चोद अपनी बहन को … अअअअअ आई आआआआ …
फिर मैं उठा और लेट गया- अब अमीषी अपने भाई के ऊपर आएगी.
अमीषी खुश हो गई- भईया ये मैं हमेशा चाहती थी, पर आप उससे पहले ही दम तोड़ देते थे.
वो ये बोल कर मेरे पेट पर बैठ गई और अपने पैर मेरे इधर उधर कर लिए. फिर अपने घुटनों पर ऊपर हुई और पीछे होते हुए मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर सैट किया, धीरे से नीचे बैठते हुए ‘अअअ भईया अअअअअ आई …’ उसने धीरे धीरे पूरा लंड अन्दर ले लिया. फिर अपने घुटनों बैठ कर ऊपर नीचे होने लगी. लंड पूरा बाहर आता, फिर अन्दर चला जाता. अमीषी ने अपने हाथ मेरे सीने पर रखे और सिर्फ अपनी गांड हिला हिला कर लंड पूरा अन्दर बाहर करने लगी. वो मादक सिस्कारियां ‘अअअ अअअ अअअअ आआआआ..’ लेकर मजा ले रही थी.
वो- भईया, आपका लंड नहीं हथौड़ा है … पहले क्यों लुल्ली ले रखी थी, मुझको रोज अब ये ही चाहिए.
वो ये बोल कर झड़ने लगी. मेरा भी निकलने वाला था, नीचे से झटके मारते हुए मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
हम अलग होकर लेट गए. उस रात सुबह 4 बजे तक मैंने अमीषी को 5 बार चोदा. चार बजे वापस अपने रूम में आ गया.
उसके बाद अमीषी एक हफ्ते तक मुझसे नहीं मिली क्योंकि उसकी चूत जख्मी हो गई थी और सूज गई थी, जो उसने पिक क्लिक करके मुझको दिखाई थी. इस हालत में भी उसके भाई ने उसे रोज चोदा.
उसने अपने भाई बताया नहीं कि उसकी बहन की चूत जख्मी है. वो शक करता इसलिए कुछ नहीं कहा.
एक हफ्ते बाद हम रोज जब भी उसका भाई पी कर आता, हम 12 बजे बाद या सुबह 2-3 बजे उसकी छत पर मिलते. सर्दी थी, मैं उसकी नाईटी उतारता या वो नंगी ही आती. उसका एक पैर उठा कर सीधा लंड उसकी चूत में पेल देता.
जब तक मैं वहां रहा, खूब चुदाई की. फिर मैं वहां से आ गया. मैंने उसको बताया कि जब उसका भाई झड़ने वाला हो, उसका बाहर निकाल दिया करो. एक मिनट के लिए फिर दोबारा चुदाई स्टार्ट किया करो.
वो ऐसा ही करती है, शादी नहीं हुई उसकी अभी इसके लिए उसका भाई ही अब पति है. वो अब उससे खुश भी है. वो मेरे बताए तरीके से ज्यादा टाइम तक चुदाई करने लगा है.
आज भी वो मुझको याद करती है, पर मैं जा नहीं पाता. पर अब जब जाऊंगा, तब आपको बताऊंगा जरूर. वो किस्सा भी लिखूंगा जब उसके भाई और मैंने मिल कर अमीषी की एक साथ ली और उसकी गांड भी मारी.
चुदाई की कहानी कैसी लगी, जरूर बताना.
आपका रवि
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