यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
अब तक इस मस्त सेक्स स्टोरी में आपने जाना कि राज अंकल मेरी चुनौती से भड़क कर कहने लगे थे कि अब तो इस साली कुतिया को बेदर्दी से हम तीनों एक साथ चोदेंगे.
जैसे ही मुन्ना अंकल का लंड मेरे मुँह से लगा, मुझे मजा आ गया. गजब की महक थी मुन्ना अंकल के लंड की. उधर मेरी कमर को उठाकर कर मेरे पिछवाड़े को और ऊपर उठाकर कूल्हों को फैला कर समाली अंकल ने अपना लंड मेरी गांड के छेद में टिका दिया. इधर आगे से राज अंकल ने मेरी टांगों को चौड़ा कर एक टांग अपने कंधे पर चढ़ा ली और अपना लौड़ा मेरी चूत के छिद्र में ऊपर से रगड़ने लगे.
वे बोले- साली रंडी की लौंडिया, तू रंडी ही रहेगी. अब देख तुझे कैसा मजा चखाते हैं कुतिया.
इसके बाद तीनों एकदम से गुर्राते हुए कहने लगे- चलो घुसा दो एक साथ.. एक झटके में इस्सके हर छेद में अपने लंड.. तब इस रंडी वन्द्या को पता चलेगा कि हम छक्के हैं या मर्द हैं.
उन तीनों ने एक साथ पूरी ताकत से इतने जोर से लंड पेला और अन्दर तक घुसा दिया. इतना करारा प्रहार हुआ था कि मुझे लगा कि मैं मर ही गई.. बेइंतहा दर्द हुआ.
तीनों के लंड एक साथ घुसते ही मैं जोर से चिल्लाने लगी- कुत्तों.. साले जानवर हो क्या.. भड़वे साले ओहहहह आहहह मार ही डालोगे क्या?
मुन्ना ने पूरा लंड मेरे मुँह में भर कर ठूंस दिया. अब मेरी आवाज़ भी बन्द हो गई. इधर समाली अंकल का लौड़ा बहुत मस्त घुस रहा था. दो लोगों ने अभी अभी मेरी गांड चुदाई की थी, पर तब भी दर्द होने लगा. और नीचे में चूत में राज अंकल ने तो पता नहीं कौन सी स्टाइल से लंड डाला था, मेरी चूत में इतना दर्द हुआ कि लगा मर जाऊंगी.
फिर राज अंकल मुझे जमकर चोदने लगे. सबसे ज्यादा स्पीड समाली अंकल की थी. वे इतनी तेजी से लंड अन्दर बाहर कर रहे थे कि जैसे कोई मशीन लंड पेल रही हो.. या उनको बड़ी जल्दी हो.
समाली अंकल गांड मारते हुए बोले भी जा रहे थे- वोहह माई गॉड वन्द्या … तेरी गांड बहुत टाइट है और बहुत चिकनी भी है. मैंने कुछ लड़कों की भी गांड मारी और चालीस साल की औरत जो रंडियां हैं, उनकी भी गांड मारी.. सच बताऊं कम उम्र की नयी लड़कियों को भी फुसलाकर उनकी भी गांड चुदाई की. पर वन्द्या मेरी रानी … ऐसी मस्त उठी चिकनी गांड कभी नहीं चोदी. तेरी गांड चोदने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं. मेरे दो करीबी दोस्त हैं, वो भी गांड के शौकीन हैं. साले बहुत बड़े रोड ठेकेदार हैं करोड़पति हैं, उनसे जरूर अपनी गांड चुदाई करवा लेना वन्द्या.. तेरी गांड पाकर वो कुछ भी कर सकते हैं. तू जो बोलेगी, उनसे तुझे और तेरी मम्मी दोनों को दिलवा दूंगा.. मेरा पक्का वादा है.
मैं मुन्ना का लंड मुँह से थोड़ा निकाल कर बोली- वाह समाली … तू बहुत मस्त गांड चोदता है साले.. और जोर जोर से धक्का लगा कमीने.. फाड़ दे मेरी गांड ऊंहहह उंहहह.. चोदू अंकल बहुत मस्त चोदता है तू.. चल मैं भी वादा करती हूं कि इन पन्द्रह दिन में जितनों से बोलेगा तू, सबसे गांड चुदवा लूंगी. दो की तो कोई बात ही नहीं है. बस तू मेरी मम्मी को बस कुछ ले देकर पटा लिया करना, जिससे तुम्हारे साथ जाने में रोके नहीं. पर ऐसे पटाना ताकि उन्हें ये शक भी न हो कि कुछ सेक्स जैसा कोई रिलेशनशिप है. बस तेरी छोटी नातिन हूं.. बेटी हूं.. मेरी मम्मी के सामने सब मेरे लिए ऐसे ही एक्टिंग करना.. आह.. अभी तो और जमकर चोदो.. मुझे बहुत गुदगुदी लग रही है.
अब तक मेरा सब दर्द गायब हो चुका था और मैं फुल जोश में अपनी कमर और गांड आगे पीछे उचका उचका कर चुदवा रही थी.
दोनों अंकल राज और समाली जमकर अन्दर बाहर कर रहे थे. राज अंकल बोले- सोनू, तू अपनी मम्मी की चिंता छोड़.. वह मुझ पर इतना विश्वास करेगी कि तुझे हम लोगों के साथ जहाँ चाहेंगे जाने देगी. वह ऐसा मानेगी कि जैसे तू अपने नाना के साथ जा रही है, यह मेरा वादा है. यह तू कल देख लेना सोनू कि तेरी मम्मी को कैसे विश्वास में लेना है, मुझे आता है.. और एक बात तुझे बताऊं.. एक आइडिया है, तू यह कर लेना.. तेरे लिए अच्छा होगा. मैं तेरी मम्मी की भी कल परसों में अपने किसी दोस्त या इन समाली अंकल से चुदाई करवा दूंगा. तू ठीक उसी समय एकदम से सामने आ जाना और अपनी मम्मी को चुदते हुए देख लेना. उसके बाद तेरी मम्मी कुछ नहीं कह सकेगी.
तब मैं बोली- सच में अंकल क्या ऐसा हो सकता है? तब तो मेरे लिए बहुत अच्छा हो जाएगा, आपका यह एहसान मैं कभी भी नहीं भूलूंगी.. क्योंकि इससे मेरी आगे की लाइफ में थोड़ा क्या.. मुझे पूरी आजादी मिल जाएगी.
तब राज अंकल बोले- चल तेरे लिए यह मैं करवा दूंगा और तुझे कभी भी अगर कुछ दिक्कत आई या तेरी मम्मी जान भी गई तो कुछ नहीं बोल पाएगी.
अब मैं बिल्कुल राज अंकल से लिपट गई- तू बहुत मस्त है राज.. तेरा कोई जवाब नहीं.. तू मेरी चूत को आज फाड़ दे! और हाँ, यह मम्मी वाला जो आइडिया दिया है, इस काम को जरूर करवा देना. मेरी मम्मी को एक बार मैं भी सामने से चुदते हुए देख लूं.. उनके बारे में सुनी तो बहुत है.. एक बार देखना भी चाहती हूं.
राज अंकल बोले- आह.. सोनू लगता है अब मेरा काम तमाम होने वाला है. मैं झड़ने वाला हूं.. तेरे को बहुत चोदने का मन है.. तेरी चूत बहुत टाइट है. मैंने तेरी गांड को भी बहुत चोदा और अब लगता है कि तेरी चूत की रगड़ और गर्मी मेरा लौड़ा बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. अब मेरा रस निकलने वाला है, सोनू तू यह बता कि मेरा लंड रस चूत में लेगी या अपने मुँह में लेगी.. तू जैसा बोल?
मैं बोली- राज मैं बहुत प्यासी हूं.. तुझे जहाँ मन पड़े, वहीं बौछार कर दे.. आह.. राज बहुत मस्त चोदता है.. मैं आज तेरे लौड़े की दीवानी हो गई हूं. तू ऐसा कर कि मेरी चूत में ही रस भर दे. मेरी चूत में पूरा जड़ तक लंड घुसा दे. अब मुझे भी बहुत कुछ अन्दर होने लगा है.
इतने में मेरे दोनों दूध जम के पकड़ कर राज अंकल जोर जोर से मेरी चूत में अपने लंड के धक्का मारने लगे और फिर देखते ही देखते दो मिनट के अन्दर राज के लंड से बहुत ज्यादा गर्म गर्म लावा मेरी चूत में भरने लगा. उधर मुन्ना अंकल भी मेरे मुँह में अपना लंड डाल कर पूरा अन्दर बाहर जोर से डालने लगे और करीब दस मिनट तक मेरे मुँह में मेरे अन्दर बाहर लंड करके मेरे मुँह को फ्रेंच स्टाइल में चोदता रहे.
मुन्ना अंकल बोले- वन्द्या, मैं भी अब झड़ने वाला हूं.. मेरे लंड का रस निकलने वाला है.
फिर मेरे बाल पकड़ कर मुन्ना अंकल बोले- अरे साली कुतिया रंडी.. तू मुँह में क्या मस्त चुसाई करती है.. गजब लंड चूसती है, आह.. ले वन्द्या और ले.
बस मेरे मुँह से फच फच की आवाज निकल रही थी. तभी मुँह में उनका भी गर्म गर्म लावा की तरह लंड रस आ गया.
मुझसे मुन्ना अंकल बोले- वन्द्या तू पूरा इसे पी जा.. आह.. लंड का माल बहुत टेस्टी और पौष्टिक होता है.. आह.. भैन की लौड़ी.. लंड जोर से चूस ले साली.. बहुत मजा आएगा.. और ले और चूस वन्द्या..
मुन्ना अंकल ने पूरा लंड रस गर्म गर्म मेरे मुँह में छोड़ दिया, सच में मेरा बहुत मन कर रहा था और यह आज पहली बार लंड का रस मुँह में निकला था जिसे मैं चाटने लगी, लंड चूसने लगी और पूरा माल पी गयी.
मेरे मुँह में मुन्ना अंकल ने अपना लंड का रस छोड़ दिया था इसलिए वे ढीले पड़ गए. जब उनका लंड बिल्कुल छोटा हो गया तो मेरे मुँह से निकाल कर बाहर कर लिया और उठ कर अलग खड़े हो गए.
इधर राज अंकल मेरे ऊपर बिल्कुल मस्त होकर थक कर मेरे ऊपर लेटे पड़े हुए थे. उनका लंड अभी भी मेरी चूत में घुसा हुआ था. मैं कस के उनको पकड़े हुए उनके होंठों को चूसने लगी, चाटने लगी. मैं बोली- राज चोद साले.. और चोद.. क्या हुआ तुझे राज.. अभी मेरा मन बहुत कर रहा है.
तभी मुन्ना अंकल उधर पीछे दरवाजे के पास चौकीदार की तरह खड़े अंकित को बोले- अबे साले अंकित, उधर क्या ताक झांक कर रहा है.. कोई नहीं आएगा बेफ्रिक रह.. दो बजे रात को कौन आएगा बे, चल अब इधर आजा हम चार-पांच लोग भी इस चुदासी सेक्सी तेरी रिश्ते में बहन वन्द्या की प्यास नहीं बुझा पाए, तू जवान लड़का है.. उसको चोद ले जमके.. नहीं हम क्या मुँह दिखाएंगे कि तेरे सहित 6 मर्द तेरी बहन को संतुष्ट नहीं कर पाए. चल जल्दी से वन्द्या की चूत के मैदान में आजा.. और इसे चोद कर तू बहनचोद बन जा.
तब अंकित बोला- मैं वन्द्या को चुदते हुए देख कर एक बार मुठ मार चुका हूं.. इसका चेहरे का एक्सप्रेशन बहुत गजब का है. मैंने आज तक कोई ऐसी ब्लू फिल्म में चुदाई नहीं देखी, जैसे यह वन्द्या चुदवाती है. मैं आ रहा हूं अंकल.
राज अंकल बोले- हां आजा अंकित बेटा.. तू तो टेबलेट भी खाता है और लंड बड़ा करने की क्रीम भी लगाता है.. सुना है मैंने तेरा लंड बहुत मोटा और लम्बा है. जरा सोनू पर जोर आजमा, हम लोग भी देखें तेरे लौड़े में कितना दम है.
तभी अंकित ने अपने पूरे कपड़े मेरे सामने खोल दिए और नंगा हो गया. जैसे ही मैंने अंकित का लौड़ा देखा, मैं एकदम से चौंक गई. सच में बहुत ही बड़ा लंड था. वैसे तो मुझे पटा ही था कि अंकित का लंड बहुत बड़ा है. मुझे दो तीन महीने पहले एक बार लाल जी ने बताया था कि अंकित का लंड बहुत मोटा और बड़ा है. अंकित का लंड मेरे हाथ के बराबर मोटा और हाथ के बराबर ही लंबा था. और उस दिन बाथरूम में भी चूसा था. लेकिन खुल कर अभी देखा था.
पहले तो मैं एकदम से हिचक गई, पर मेरा बहुत मन कर रहा था तो मैंने अंकित को बोला- अंकित, तू बहुत मस्त है.. उस दिन तूने सुबह जो किया था, जो आग मेरे बदन में लगायी थी.. बस आज उसे बुझा दे, आज पूरी कर ले तू अपने मन की चाहत.. मेरा भी बहुत मन कर रहा है. अंकित आजा मेरे ऊपर.. मेरी बांहों में आके मेरे जिस्म में समा जा, ये जो अंकल लोग बोल रहे हैं कि अपनी बहन को चोद दे, लालजी मेरी सगी मौसी का बेटा है और तू उसके सगे बड़े पापा का बेटा है.. तो रियल भाई का ही रिश्ता हुआ.. आजा अंकित.. आज फाड़ दे अपनी बहन की चूत.. तू तो मेरा मस्त भाई है.
राज अंकल तभी मेरे ऊपर से उठ गए और अंकित को बोले कि अंकित आ सम्हाल अपनी बहन की चूत को.
अंकित मेरे पैरों तरफ से आया और सबसे पहले मेरे मेरे पैर के अंगूठे को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा और फिर उसने मेरी टांगों को चूमना शुरू किया. अंकित का ये एक अलग ही अंदाज निकला. वो ऊपर की ओर बढ़ा, तो मेरी जांघों को जीभ से चाटने सहलाने लगा.
मैं गुदगुदी के मारे तड़प उठी, फिर मेरी चूत को जैसे किस किया.. मेरे मुँह से निकल उठा- उहहह अंकित … बहुत मस्त है तू..
अंकित ने कहा- वन्द्या … मेरी बहना … मैं तेरी चूत की खुशबू से मस्त हो गया हूँ. इसकी महक बहुत ही मदहोश करने वाली है, मैं अब तक मैं ज्यादा तो नहीं, पर दस बारह लड़कियों को ही चोद चुका हूं. मैंने उन सबकी चूत चाटी थी. कुछ तो तेरे से भी छोटी उम्र की लड़की के संग भी मजा किया था.. पर ऐसी चूत की खुशबू और महक.. किसी की भी नहीं थी.
इतना कहते ही अंकित मेरी चूत को फैला कर ऐसे चाटने लगा कि मैं उत्तेजित हो कर उछल पड़ी. तभी समाली अंकल और तेजी से मेरी गांड में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगे.
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कहानी जारी है.