यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
अब तक इस ग्रुप सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि मेरे मौसेर भाई ने मेरी चूत में पूरी ताकत से लंड डाल दिया और जम के धक्के मारने लगा. 5 मिनट के अन्दर ही उसने मेरी चूत को और मुझे बेहाल कर दिया. मुझे कुछ होश नहीं था.. मैं हवश और चुदाई की आग में जलने लगी, मदहोश हो गई.
अब आगे..
अंकित ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मेरे होंठों को जमकर चूसते हुए बोला- वन्द्या मां की लौड़ी साली छिनाल.. मैं जल्दी झड़ने वाला हूं तेरी चूत बहुत गर्म है और अब मेरे लौड़े का रस बस निकलने वाला है.
वो फटाफट मेरे अन्दर अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा और दो-तीन मिनट के अन्दर ही अंकित ने अपने लंड का पूरा का पूरा गर्म गर्म लावा मेरी चूत में भर दिया. मैं अपने भाई की पीठ को नाखून से खरोंचने लगी, उसकी पीठ में अपने नाखूनों को गड़ाने लगी. इस वक्त मेरे जिस्म में एक अजीब सी हलचल मच गई थी. मेरी चूत में कुछ सरसराहट सी होने लगी थी. उस पल मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था.. बस ऐसा लगा कि मेरी चूत में जैसे भूचाल आने वाला हो. मैं पगला गयी और अंकित से जमके लिपट गई. उसकी छाती को उसके बाजुओं को अपने नाखून से नोंचने लगी.
मैंने कामुकता में अंकित के मुँह में अपनी जीभ डाल दी और अंकित के जीभ को चूसने लगी और उसके होंठों को जमके चूसते हुए काटने भी लगी.
तभी अचानक मेरी चूत भी बहने लगी.. मेरी चूत से पिचकारी की तरह रस निकलने लगा.
अंकित बोला- वन्द्या तेरा चूत रस तो आग की तरह गर्म है.. मेरा लौड़ा जला जा रहा है.
मैं बोली- अंकित, हाँ मेरी चूत बहने लगी है.. तू बहुत मस्त है, मैं तुझे जहाँ भी मिलूं तू मुझे जरूर चोदना और जैसे, जिस तरह भी तुम्हें मुझे चोदना हो या किसी मस्त तेरे जैसे लंड वाले मर्द से चुदवाना हो.. तो तुम कोई परवाह मत करना.. बस मुझे अपनी चूत समझ कर चुदवा देना या खुद तुम चोद देना. अंकित, मैं बहुत सेक्सी लड़की हूं.. सच में बोल नहीं पाती हूं, पर मेरा मन करता है कि 24 घंटे मेरी चूत में किसी न किसी मर्द का लौड़ा घुसा रहे और कोई ना कोई मर्द मेरे जिस्म को मसलता रहे. मुझे बहुत चुदवाना है, मैं जब तक यहाँ हूं तब तक तुम लोग जमकर चोदते रहना. मेरी चूत बहुत टाइट है, वो खुल नहीं रही है, तुम लोग इसे चोद चोद कर पन्द्रह दिनों में खोल देना. आज मुझे जन्नत का मज़ा आया.. आप सबको थैंक्स. अब तो अपन सब आपस में खुल ही चुके हैं.. अब कोई परवाह नहीं है.
तभी राज अंकल मेरे पास आए आए और अंकित को बोले- अब तेरा लंड सिकुड़ कर छोटा हो गया है, उठ जा वन्द्या के ऊपर से.. और इसकी चूत को किसी कपड़े से पौंछ दे.
अंकित ने अपनी टी-शर्ट से ही मेरी पूरी चूत को साफ किया और मेरे जिस्म पर अपने होंठों से चुंबन लेने लगा. फिर बोला कि वन्द्या तू अब जल्दी से कपड़े पहन ले… हम लोग यहाँ से चलते हैं.
राज अंकल भी बोले- हाँ सोनू.. अंकित ठीक बोल रहा है.
मैंने उठकर अपना टॉप और स्कर्ट पहना, पर जैसे ही उठी.. मुझसे चलते नहीं बन रहा था, पता नहीं मेरी जांघों और टांगों को क्या हो गया था. मुझे चलने में बहुत दर्द हुआ और जलन होने लगी थी.
तभी राज अंकल आए और मुझे अपनी गोदी में उठा कर बोले- वन्द्या, तू तो बहुत हल्की है.. कितना हल्का सा वजन है तेरा?
मैं बोली- हां अंकल मैं सिर्फ 39 किलो की हूँ.
राज अंकल बोले- चल वहाँ तक तुझे लिए चलता हूं सोनू.. और तू चिंता मत कर कल तुझे प्रेगनेंसी वाली टेबलेट ला दूंगा, तुझे कोई दिक्कत नहीं होगी.. और जो मैंने कहा है, वह भी करूंगा. तुझे तेरी मम्मी को चुदते हुए तेरे सामने ला दूंगा.
मैं चहक कर बोली- ठीक है अंकल.
मैं उनकी गोदी में ही रही और जहाँ मेरी मौसी का घर था, वहाँ तक गेट पर मैं यूं ही गोद में आ गई. गेट के सामने उतार कर राज अंकल ने अंकित को बोला- पहले तू अन्दर जाकर देख, सब सो रहे हैं या कि नहीं?
तब अंकित अन्दर गया और फिर 2 मिनट में बाहर आकर बोला- राज अंकल, चुपचाप वन्द्या को अन्दर जाने दो, सब लोग अभी सो रहे हैं.
मैं बिल्कुल लड़खड़ाती हुई अन्दर गई और अपनी जगह पर लेट गई.
सुबह जब हुई तो मुझसे उठा नहीं जा रहा था, पूरे बदन पर इतना दर्द था कि बता नहीं सकती. जब मैं नहीं उठी तो मेरे पास मम्मी आईं और बोलीं- सोनू तू उठ क्यों नहीं रही?
तब मैं बोली- मम्मी लगता है मुझे बुखार चढ़ गया है.. मुझे मेरी तबीयत बहुत खराब लग रही है. शायद कल पूड़ी ज्यादा खा ली थी तो तो आज रात में दर्द हुआ था, पेट में और वोमटिंग होगी ऐसा लग रहा था.. लगता है फूड प्वाइजनिंग हो गया है.
मम्मी ने एक दूसरे कमरे में एक बेड लगवाया और मुझसे बोलीं- सोनू तू वहाँ आराम से लेटी रहना, मैं तेरे खाने-पीने का इंतजाम कर दूंगी.. कुछ उल्टा-पुल्टा मत खाना और ना कहीं बाहर निकलना.
दोपहर बाद राज अंकल मेरे पास आए और मुझे दो टैबलेट देकर धीरे से बोले- सोनू इन्हें खा ले.. तुझे अगले 3 महीने तक प्रेगनेंसी नहीं होगी.
मैंने वे दोनों टैबलेट खा लीं, तब अंकल फिर से बहुत ही धीरे से बोले- अब तू 3 महीने तक कितनी भी चुदाई करवा ले सोनू.. तुझे प्रेगनेंसी नहीं होगी.
इसके बाद अंकल तुरंत चले गए क्योंकि वहाँ लोग आते-जाते थे.
मैं लगातार दो दिनों तक कहीं नहीं गई, थोड़ा भी कहीं आऊं जांऊ.. तो चलने पर मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
तीसरे दिन राज अंकल फिर मेरे पास आए और बोले कि सोनू मैंने सब कुछ सैट कर लिया.. बस मानिकपुर चलेंगे और तेरी मम्मी से भी बात कर ली है. तेरी मम्मी को शापिंग का बहुत बड़ा लालच दिया तो तुरंत तैयार हो गई. तुझे ले जाने के लिए तो तेरी मम्मी खुद से बोली कि क्या मैं सोनू को भी अपने साथ ले चल सकती हूं, उसे भी एक दो ड्रेस टॉप जीन्स दिलवा देना. तब मैं बोला कि हाँ ले चल वह तो मेरी छोटी बेटी जैसी है. बस तेरी मम्मी राजी हो गई हैं, सोनू जैसा प्लान हुआ था, वह सब हो जाएगा. तेरी मम्मी को भी रंगे हाथों चुदते हुए तुझे तेरे सामने ला दूंगा. तू अचानक सामने आ जाना.
फिर सच में सब वैसा ही हुआ. अब मैं आज इस सत्य घटना की पूरी सच्चाई को यहीं पर रोकती हूं. इस सत्य घटना को अभी यहीं तक लिख सकी हूं.
मौसी के यहाँ अगले पन्द्रह दिन के हर एक पल बहुत रोमांचक रहे, मैं 15 दिन तक अपनी सगी मौसी के घर पर रही. उन 15 दिन में ये इत्तेफाक की बात है कि 15 मर्द मुझे मिले, उनमें से आठ मर्द साठ साल के ऊपर के बुड्ढे थे और चार मर्द मेरे बहुत क्लोज रिश्तेदार थे, जो 40 से 60 वर्ष के बीच के थे. बस तीन लड़के जवान थे, जो 30 वर्ष के नीचे थे. उनमें मेरी सगी मौसी का लड़का लालजी भी है.
अगले पन्द्रह दिन में मुझे किस तरह से 15 मर्दों ने कहाँ कहाँ किस किस तरीके से मेरे जिस्म से खेले, किस तरह से इंज्वाय किया, सबने अपनी और मेरी हवश को जगाया और फिर कैसे खुद को और मुझे भी सेटिस्फाई किया.
यह सब कुछ किस किस ने किया और कैसे कैसे किया आप जान सकते हैं, मैं सब बता भी सकती हूं.. परन्तु यदि सभी अन्तर्वासना के पाठक मुझे बोलेंगे कि वन्द्या आगे पन्द्रह दिनों की पूरी सच्चाई बताओ, तब मैं एक एक शब्द.. जो मेरे जीवन में उन 15 दिनों में घटा.. मैं गॉड की कसम, मम्मी की कसम खाकर कहती हूं कि सब सच सच बताऊंगी कि मेरे साथ सब कुछ कैसे हुआ. एक भी शब्द अगर मेरा झूठा हो, तो मुझे नर्क मिले.. मैं एक भी शब्द झूठ नहीं लिख रही हूं. उन 15 दिनों में ऐसा कोई दिन नहीं था, जिस दिन मेरे साथ सेक्स नहीं हुआ हो. शादी के दिन भी शादी के रात भी मेरे साथ इस तरह से हुआ कि आप लोग इमेजिन भी नहीं कर सकते. पर वे पन्द्रह दिन मेरे जीवन के अनमोल थे. आज भी मैं याद करती हूं तो रोमांचित हो जाती हूं. मैंने वहीं पहली बार अपनी मम्मी को भी चुदते हुए देखा था, जब दो अंकल उन्हें चोद रहे थे. मैं अचानक सामने आ गई थी. फिर किस किस तरह से सब मेरे साथ हुआ, अगर आप सब वह जानेंगे तो मैं सच बोल रही हूं आप पागल हो जायेंगे.. आप स्वयं पर कन्ट्रोल नहीं कर पायेंगे.
आज तक मुझे जिस भी मर्द ने देखा है, उनमें ऐसा कोई भी नहीं है, जिसकी नियत मेरे लिए खराब न हुई हो. ऐसे नजदीक के रिश्तेदार वो भी सत्तर सत्तर साल के बुड्ढे भी और बहुत करीब के रिलेटिव, उन तक ने मेरे साथ सोने के लिए अपनी कोशिशें करी हैं.
मेरा दावा है कि मुझे देखने के बाद कोई भी मर्द बर्दाश्त नहीं कर पाएगा ना खुद पर कंट्रोल कर पाएगा.. यह मेरा चैलेंज है और ये विश्वास भी है.
आगे अब आप लोग ही तय करेंगे कि मैं अपनी लाइफ का एक एक शब्द आपको बताऊं या नहीं.. और एक बात मैं हमेशा बोलती हूं कि यदि मेरी फोटो में भी मुझे कोई मर्द देखेगा न, तो वह अपने जीवन में किसी लड़की किसी और फीमेल की कल्पना भी नहीं करेगा. वह एक बार मुझसे जरूर मिलना चाहेगा. मुझे कोई परवाह नहीं, जितने दिन की जिंदगी है, मैं खुलकर जिऊंगी और जो मेरा मन करेगा वह करूंगी.
अभी मैं उन्नीस साल की युवती हूं परन्तु पिछली घटनाओं को याद करती हूं तो बहुत रोमांचित हो जाती हूं. मैं अपने जीवन में कभी भी एक शब्द भी झूठ नहीं बोली हूं.. ना ही कभी कोई संकोच किया है.. मुझसे झूठ फरेब करते नहीं बना.
इसलिए मैं अपनी कसम खाकर कहती हूं. कभी भी एक शब्द झूठ या बनावटी ना लिखा है.. और न ही कभी लिखूंगी. आप सभी पाठकों को विश्वास हो रहा हो या नहीं, मैं यह नहीं जानती. पर एक एक बात जो मैंने लिखा है वह घटना, वह सब.. मेरे साथ और मेरी जिंदगी में वैसा ही हुआ है. यह मैं गॉड की कसम और मम्मी की कसम खाकर कहती हूं.
मैं अपनी मम्मी को उनकी हर गंदी आदतों के बाद भी सबसे ज्यादा मानती हूं.. उनकी झूठी कसम नहीं खा सकती हूँ.
सच्चाई यही है जो मैं बता चुकी हूं. अगले 15 दिन मेरे कैसे गुजरे.. और मैंने किस तरह से इंज्वाय किया, शायद मेरे लाइफ के सबसे अच्छे दिन थे. इस वक्त में मैंने बहुत मस्ती की, हर पल को जिया और कई लोगों को खुश किया. उन 15 लोगों में दो-तीन छोड़कर बाकी 12-13 लोगों ने कम से कम मेरे साथ तीन, चार बार और कुछ दो-तीन लोगों ने पांच पांच छह छह बार इंज्वाय किया. बहुत मस्त दिन गुजरे और मेरा जो जिस्म है न.. वहीं से मेरा फिगर डेवलप होने लगा और बहुत अच्छे शेप पर आना शुरू हो गया था.
मेरी सभी सहेलियां और कुछ लेडीज सब कहने लगीं कि मौसी के यहाँ जाकर तो तू वन्द्या खिल गई है, तेरा सीना बड़ा हो गया.. तेरा फिगर अल्टीमेट हो गया है.. ऐसा क्या खिलाया तेरी मौसी ने या वहाँ कुछ तूने गुल खिलाया है.. कि तू माल बन गई है.
सच में उन लोगों ने मेरा बहुत ख्याल रखा और जब मैं वहाँ से आई थी तो मेरे अकाउंट में पैसे भी काफी डाल दिए थे. वापस में मैं गिफ्ट भी बहुत सारे लेकर आई थी.
यह राज सिर्फ मैं जानती हूं और थोड़ा बहुत मेरी मम्मी को शक है. मम्मी मेरी लालची बहुत हैं, यह सत्य है.. पर वह मुझे बहुत चाहती हैं. ये भी सत्य है कि मुझसे ज्यादा वह पैसों को मानती हैं. कुछ कुछ चीजें उनको समझ आ गई थीं, तब भी वह मुझे सब लोगों के साथ जाने देती थीं.
यही सच्चाई है कि मम्मी सब जानबूझकर शायद अनजान बनी रही थीं.
मैंने यह सत्य घटना को सत्य कहानी के रूप में लिख दी है, उसे अब मैं यहीं पर विराम देती हूं.