यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
← किराये का घर और वो बुर की चुदाई-3
दोस्तो, अब तक आपने पढ़ा कि कैसे मैंने शिखा की दीदी की गैरमौजूदगी में उसकी चूत की चुदाई की. उस दिन मैं उसकी गांड भी मारना चाहता था मगर शिखा इसके लिए तैयार नहीं थी. मेरे फोर्स करने के बाद भी वह नहीं मानी तो मैंने इरादा बदल दिया. उसके बाद मैं उसकी चूत की चुदाई करके उसके साथ ही वहीं पर सो गया.
अब आगे …
शाम को सात बजे के करीब मेरी नींद खुली तो मैं देख कर डर गया कि कहीं दीदी वापस न आ गई हो. अगर दीदी ने मुझे शिखा के साथ उसके कमरे में सोते हुए देख लिया तो शामत आ जाएगी. मैंने उठ कर देखा तो शिखा भी अपने कमरे में नहीं थी. मैं डरते हुए उठ कर बाहर गया तो देखा कि शिखा किचन में चाय बना रही थी.
मैंने शिखा से पूछा- तुम कब उठ गई?
शिखा ने मेरी तरफ देखा और कहा- अरे, तुम भी उठ गये. मैं चाय बना रही हूँ.
मैंने पूछा- दीदी नहीं आई क्या अभी तक?
शिखा ने कहा- नहीं, दीदी आज नहीं आएंगी, उनकी सहेली की केयर करने वाला वहाँ पर कोई नहीं है.
मैंने खुश होते हुए कहा- ये तो बहुत ही खुशी की बात है. अब तो पूरी रात ही अपनी है. आज तो पूरा दिल खोल कर मस्ती करेंगे हम.
यह कहते हुए मैंने शिखा को पीछे से कस कर अपनी बांहों में जकड़ लिया.
वह बोली- तुम्हारा अभी भी मन नहीं भरा क्या?
मैंने कहा- इतने में कैसे मन भर सकता है जान, ये प्यास तो जन्मों की है.
वो बोली- चलो छोड़ो मुझे, पहले चाय पीते हैं.
हम दोनों चाय के कप लेकर टेबल पर आ गये.
मैंने देखा कि शिखा को चलने में दिक्कत हो रही थी.
मैंने कहा- तुम्हें दर्द हो रहा है क्या?
वह बोली- हाँ, शुरू में हो रहा था. मगर मैंने गर्म पानी से सिकाई कर ली. उसके बाद से मुझे आराम हो गया है.
फिर शिखा ने कहा- आज मुझे तुम्हारे साथ में बहुत मजा आया. मेरा यह सपना था कि कोई मेरे साथ ऐसे ही करे. मैंने एक पॉर्न मूवी में देखा था और बहुत दिनों से चाह रही थी कि कोई मेरे साथ ऐसे ही चुदाई करे. आज तुमने मेरा वो सपना पूरा कर दिया.
मैंने कहा- हाँ, मेरा भी यह पहली बार था. तुमने मुझे जो मजा दिया. उसको मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा.
उसके बाद हम दोनों ने यहाँ-वहां की कुछ बातें की और कुछ चुदाई की बातें की.
शिखा ने कहा- ठीक है. मैं जल्दी से खाना बना लेती हूँ. उसके बाद हम दोनों रात भर मस्ती करेंगे.
मैंने कहा- ठीक है. मैं भी तुम्हारी हेल्प कर देता हूँ खाना बनाने में.
वह बोली- ओके. तुम सब्जी काट दो. तब तक मैं रोटी बना लेती हूँ.
उसके बाद वह सब्जी काटने के लिए मुझे दे कर चली गई और किचन में जाकर रोटी बनाने लगी.
मैं सब्जी काटते हुए उसी को देख रहा था. मैंने सब्जी काटने के बाद चुपके से उसके पास जाकर रख दी और उसके बाद पीछे से जाकर उसको गर्दन पर किस करने लगा.
वह बोली- क्या कर रहे हो? मुझे रोटी बनाने दो.
मैं उसकी गर्दन पर किस कर रहा था और साथ में उसके मम्मों को भी दबा रहा था. मैं तो गर्म हो चुका था मगर शिखा भी अब गर्म होने लगी थी और उसको खाना बनाने में परेशानी होने लगी.
वह बोली- पहले मुझे आराम से खाना बना लेने दो. तुम्हें भूख नहीं लगी है क्या?
मैंने कहा- नहीं यार, मुझे तो तुम्हारी चूत की भूख है.
वह बोली- मेरी चूत से तुम्हारे पेट की भूख शांत हो जायेगी क्या?
मैंने कहा- वह सब छोड़ो, पहले तुम नीचे बैठो.
वह बोली- क्यों, तुम यहाँ भी मुझे अपना लंड चूसने के लिए बोलोगे क्या?
मैंने गैस को बंद कर दिया और उसके बाद शिखा को नीचे बैठा दिया. मैंने झट से अपने लिंग को पैंट से बाहर निकाल लिया और शिखा के मुंह में दे दिया.
मुझे लंड चुसवाने में बहुत ही ज्यादा मजा आता था. इसलिए जब भी मौका मिल रहा था मैं शिखा के मुंह में अपना लंड डाल देता था. वह भी अब मेरे लंड को चूसने में ज्यादा नखरे नहीं कर रही थी. मैंने चैन के बीच में से लंड को निकाला हुआ था. लंड चुसाई का मजा और बढ़ाने के लिए मैंने पैंट को ऊपर से खोल दिया और उसके बाद धीरे से अपनी पैंट को नीचे सरका दिया. मेरी गांड से सरक कर मेरी पैंट नीचे जाने लगी.
मेरे अंडरवियर के कट में से लंड बाहर आया हुआ था जिसको शिखा अपने मुंह में लेकर चूस रही थी. उसकी आंखें खुली हुई थीं. पैंट को नीचे उतारने के बाद मैंने शर्ट को ऊपर उठा दिया और मेरा पेट भी दिखने लगा. मगर अंडरवियर अभी भी वहीं पर था.
अंडरवियर को मैं हटा देना चाहता था. मैं नीचे से पूरा नंगा होकर शिखा को अपना लंड चुसवाने का मजा लेना चाह रहा था. फिर शिखा ने मेरी गांड पर मेरे अंडरवियर के ऊपर हाथ रख दिये. उसने खुद ही धीरे-धीरे मेरे अंडरवियर को नीचे करना शुरू कर दिया. मेरा तना हुआ लौड़ा एक बार कट के अंदर जाकर फिर से बाहर आ गया और मेरा अंडरवियर नीचे मेरे घुटनों तक सरका दिया शिखा ने.
उसको भी शायद अब मेरा लंड चूसने में मजा आ रहा था. मैंने उसकी लंड चुसाई से आनंद में आकर अपनी आंखों को बंद कर लिया और उसके सिर को अपने लंड की तरफ धकेलने लगा.
दोस्तो, शिखा अब बहुत ही अच्छे तरीके से लंड चूसना सीख गई थी. वह मुझे पॉर्न मूवी स्टार की तरह मजा देने लगी थी. मैंने अपने हाथों को नीचे ले जाकर उसके चूचों को दबाना शुरू कर दिया.
कुछ देर चूसने के बाद वह उठ गयी और बोलने लगी कि बहुत हो गया अब मुझे रोटी बनाने दो. उसने फिर से गैस चालू कर दिया.
मैंने पीछे उसकी लोअर और चड्डी दोनों को ही खोल दिया.
वह गुस्से में बोली- थोड़ी देर रुक नहीं सकते हो क्या?
मैंने कहा- कुछ नहीं कर रहा. तुम आराम से रोटी बनाती रहो.
उसके बाद मैंने उसकी चूत को नीचे से सहलाना शुरू कर दिया.
कुछ देर के बाद उसने कसमसाना शुरू कर दिया और पैरों को यहाँ-वहाँ करने लगी.
कहने लगी- रहने दो यार.
मैंने कहा- बस कुछ नहीं कर रहा. उसके बाद मैंने उसकी चूत को सहलाना जारी रखा. वह अपने पैरों को खोलने लगी. उसे शायद मजा आने लगा था.
इस तरह का सीन मैंने एक पॉर्न मूवी में देखा था. मैं शिखा के साथ वैसे ही पोज में चुदाई करना चाहता था जैसा कि मैंने मूवी में देखा था जिसमें कि एक लड़की किचन में खड़ी होकर ही चुदाई करवा लेती है.
मैंने शिखा को हल्का सा नीचे झुका दिया क्योंकि मेरा लंड उसकी चूत में अच्छी तरह से सेट नहीं हो पा रहा था. झुकाने के बाद मैंने फिर से उसकी चूत में लंड को सेट किया और उसके बाद अपने लंड को अंदर धकेलने की कोशिश करने लगा.
शिखा ने रोटी बनानी बंद कर दी थी. उसके बाद उसने गैस स्टोव को भी बंद कर दिया और सही पोज में मेरे सामने झुक गई. शायद वह भी चुदाई के लिए तैयार हो चुकी थी.
मैंने उसकी खड़े-खडे चुदाई शुरू कर दी. कुछ देर के बाद मैंने उसे जमीन पर आने के लिए कहा. मैं नीचे लेट गया और मेरा लंड छत की तरफ ऊपर तना हुआ था. शिखा मेरे लंड पर आकर बैठ गयी और मैंने उसको फर्श पर ही चोदना शुरू कर दिया. कुछ देर के बाद जब मैं थक गया तो मैंने उसको पकड़ कर स्लैब पर बिठा दिया. खुद उसकी चूत के सामने खड़ा होकर उसकी चूत में लंड डाल दिया. मेरी हाइट काफी ज्यादा है तो लंड आराम से उसकी चूत में चला गया. मैंने वहीं पर उसकी चुदाई शुरू कर दी.
वह भी हर पोज का मजा ले रही थी. मैंने उसकी चूत को चोदना चालू रखा. शिखा की सील भी आज ही टूटी थी इसलिए उसको हल्का सा दर्द भी हो रहा था. मगर साथ में ही मजा भी आ रहा था.
कुछ देर के धक्कों के बाद मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया.
मेरा लंड वापस से सिकुड़ना शुरू हो गया था.
शिखा बोली- तुमने फिर से अंदर ही अपना माल गिरा दिया?
मैंने कहा- अरे कुछ नहीं होगा. मैं तुम्हारे लिए दवा ला दूंगा. टेंशन मत लो.
शिखा मेरी बात सुनकर नीचे उतर गई. उसने कहा- अब मैं खाना बना लूँ?
वह अपने हाथ धोकर खाना बनाने लगी. खाना खाने के बाद हम दोनों कुछ देर के लिए बाहर टहलने के लिए चले गये. हमें चुदाई की कोई जल्दी नहीं थी. हमारे पास तो पूरी रात ही पड़ी थी चुदाई के लिए.
टहलने के बाद हम वापस घर आ गये. उसके बाद कुछ देर आराम किया और फिर हम दोनों शिखा के बेडरूम में चले गये. मुझे बेड पर लेटा कर उसने मेरी पैंट को खोल दिया. मेरा लंड आधा खड़ा हो चुका था. उसने मेरे अंडरवियर को नीचे किया और खुद ही मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी.
वह तब तक मेरे लंड को चूसती रही जब तक मेरा वीर्य उसके मुंह में निकल न गया. वह मेरे पानी को गटक गयी. जब मैंने अपने लंड को उसके मुंह से बाहर निकाला तो थोड़ा सा वीर्य उसके होंठों पर लग गया.
मैंने शिखा को अपनी तरफ खींच लिया और उसके होंठों पर किस करके उसके होंठों को चूसने लगा. उसके होंठों पर लगे मेरे माल का स्वाद मुझे भी मेरे मुंह में आ रहा था.
मैंने शिखा को अपने ऊपर खड़ा कर लिया. वह दोनों टांगें फैला कर मेरे मुंह के ऊपर खड़ी हो गयी. मैंने उसकी स्कर्ट को नीचे उतार कर फेंक दिया. उसके बाद उसको मेरे मुंह पर बैठने के लिए कहा. वह मेरे मुंह पर बैठ गयी और उसकी चूत मेरे होंठों पर आ गयी. मैं उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा. वह पागल सी होने लगी. वह अपनी चूत को मेरे मुंह में दबाने लगी.
उसकी चूत को चाटते हुए मैं उसकी गांड के छेद को भी छेड़ रहा था. मेरे मन में था कि आज इसकी गांड भी मुझे चोदनी ही है. इतने में शिखा की चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरा मुंह उसकी चूत के पानी से भीग गया.
वह शांत हो गई. मैं उसकी गांड के छेद को सहला रहा था.
मैंने कहा- जानू, एक बार पीछे की चुदाई भी करने दो प्लीज!
वह बोली- गांड की?
मैंने कहा- हाँ.
वह बोली- नहीं, पीछे तो बहुत दर्द होता है.
मैंने पूछा- तुमसे किसने कहा कि पीछे बहुत दर्द होता है.
वह बोली- मैंने अपनी सहेलियों से सुना है और मूवी में भी देखा है. अभी तक मेरी चूत का दर्द खत्म नहीं हुआ है और तुम मेरी गांड को चोदने की बात कर रहे हो? गांड फिर कभी मार लेना. मैं कहीं भागी नहीं जा रही.
मगर मैं नहीं मानने वाला था आज. मेरे बहुत मनाने के बाद वह मानी. उसकी हां सुनकर मैं खुशी से उसको चूमने लगा.
वह बोली- तुम तो बहुत ही ढीठ हो. पहले तुम मेरी चूत की ठुकाई करो उसके बाद गांड की करना.
मैंने कहा- ठीक है.
अब तक मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था. मैंने उसकी चूत पर एक किस किया और एक झटके में अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया.
पंद्रह मिनट तक उसकी चूत की ठुकाई की और उसके बाद हम दोनों ही साथ में झड़ गये. मगर मैंने उसकी गांड को सहलाना जारी रखा. मैं उसकी गांड को चुदने के लिए तैयार कर रहा था.
अबकी बार मेरा लंड भी जल्दी ही खड़ा हो गया. पहले मैंने शिखा की गांड को खूब चाटा. फिर उसकी गांड में उंगली को अंदर बाहर करने लगा. जब मैंने दूसरी उंगली डाली तो उसको दर्द होने लगा. मगर वह कुछ नहीं बोल रही थी. मैंने उसकी टांगों को ऊपर उठा कर अपने कंधों पर रख लिया और उसकी गांड का छेद मेरे सामने आ गया. मैंने पास ही रखी नारियल तेल की शीशी की उठाई और उसकी गांड पर तेल लगा दिया. थोड़ा सा तेल मैंने अपने लंड पर भी लगा दिया. फिर मैंने उसके पैरों को पकड़ लिया और धीरे-धीरे उसकी गांड पर अपने लंड का दबाव बढ़ाने लगा. मेरे लंड का टोपा गांड में फंसने लगा. वह चीखने लगी और बाहर निकालने के लिए कहने लगी. मैंने अपना लंड बाहर खींचा और फिर से उस पर तेल लगाया.
मैंने दोबारा ट्राई किया और इस बार मैं आधा लंड उसकी गांड में घुसाने में कामयाब हो गया. शिखा की गांड में पहली बार लंड गया था. उसको बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था और उसकी आंखों से आंसू आना शुरू हो गये थे. मगर मैंने उसकी चूचियों के निप्पल को दबा कर उसको गर्म करना शुरू कर दिया. मैं उसकी चूची के निप्पल को अपने अंगूठे और उंगली से काटने लगा. वह सिसकारी लेने लगी. इस मजे में वह भूल गयी कि मैं उसकी गांड में लंड को अंदर धकेलने की कोशिश कर रहा हूँ.
कुछ ही देर में मैंने धीरे से प्रयास करते हुए पूरा लंड शिखा की गांड में उतार दिया. पूरा लंड जाने के बाद मैं जैसे जन्नत की सैर करने लगा. मैंने शिखा के होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और लंड को और ज्यादा अंदर पेल दिया. उसके होंठों को चूसते हुए उसके चूचों को दबाया और अब असली गांड चुदाई शुरू होने वाली थी.
धीरे-धीरे मैंने लंड को आगे पीछे करना शुरू किया और इस तरह मैंने पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया. जब उसका दर्द कुछ कम होने लगा तो उसको भी मजा आने लगा.
कुछ देर तक उसकी टांग उठा कर उसकी गांड चोदने के बाद मैंने उसको डॉगी पोज में कर लिया और फिर से उसकी गांड की चुदाई की. मैं इस बार भी उसकी गांड में ही झड़ गया. हम दोनों थक गये और उसके बाद नंगे ही सो गये. फिर हमको नींद आ गयी.
सुबह जब आंख खुली तो मैंने शिखा की चूची को अपने मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया. कुछ ही पल में शिखा भी जाग गई. वह मेरे सिर को अपनी चूचियों में दबाने लगी. मैंने उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.
रात को नींद लेने के बाद अब सेक्स करने के लिए फिर से नई ताकत आ गयी थी. शिखा भी फ्रेश महसूस कर रही थी और मैं भी उसकी चुदाई करने के लिए मचलने लगा था. मेरा लंड तो दर्द कर रहा था मगर फिर भी उसकी चूत को चोदने का बहुत मन करने लगा. शिखा ने खुद ही मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे लंड को अपनी चूत पर टिका कर मुझे किस करने लगी.
उसके बाद उसने नीचे से अपनी चूत को उछाला और मेरा लंड उसकी गीली चूत में उतर गया. मैं उसकी चुदाई करने लगा और वह गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी. 20 मिनट की इस चुदाई के बाद मैं फिर से उसकी चूत में झड़ गया. तब तक सुबह हो गयी थी. हम दोनों उठ गये और फ्रेश होने लगे. उसके बाद सारे कपड़े ठीक किये. दीदी के आने से पहले मैं अपने रूम में वापस आ गया. इस तरह जब भी मौका मिलता मैं शिखा की चुदाई करने लगा.
पहली बार में मुझे चूत और गांड की चुदाई का मजा मिल गया. अब मैं उनके घर में नहीं रहता मगर मुझे उसके बाद एक और चूत मिल गई. वह कहानी मैं आपको अगली बार बताऊंगा.
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