नमस्ते दोस्तों! मेरा नाम वीरेंद्र है. मैं 24 साल का युवक हूँ और एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करता हूँ। मेरी रिपोर्टिंग बॉस एक बहुत ही खूबसूरत लेडी है.. वो 5’3″ लंबी, साँवली, स्लिम बॉडी पर 32 साइज़ के चूचे.. मटकते हिप्स 33 के और बलखाती 26 इंच की कमर बहुत ही कमनीय काया वाली एक मस्त माल है।
उसका सारा घमंड उसकी तीखी आँखों में झलकता था। उसकी देहयष्टि का अंदाज़ा आप ऐसे लगा लो कि जिस्म का हर हिस्सा बॉल की तरह गोल और सुडौल है।
उसकी फिगर और चेहरा उसके घमंडी स्वभाव को सूट करते थे। लेकिन वो तो अपनी मर्ज़ी की मालकिन थी। जैसी वो थी.. उसकी जवानी और उसका काम भी वैसा ही था। उसने अपने एटिट्यूड से सारे ज़माने से दुश्मनी मोल ले रखी थी।
उसके बारे में मैंने कई किस्से सुने.. पर आज तक उसे किसी ने चोदा नहीं था। वो मर्दों को कुत्ता बना कर बिना सेक्स किए ही सब कुछ करवा कर छोड़ दिया करती थी।
उसे किसी काम से पहली बार नैरोबी जाने का ऑफर मिला, उसने स्वीकार कर लिया, पर उसे किसी मेल मेंबर को साथ ले जाना था, तो उसने मुझे साथ ले लिया।
हम नैरोबी पहुँच गए, यहाँ पर 6-7 दिन का टूर था। जबकि मेरी होशियार बॉस ने काम 2 दिन में ही पूरा कर लिया। पर उसने इन दो दिनों में काम ले-ले कर मेरी खाट खड़ी कर दी।
वो सब तो ठीक था पर यहाँ हर पल मुझे डांटना-फटकारना और गाली देना उसके लिए सामान्य सी बात थी।
उसने बाकी बचे 5 दिन में घूमने-फिरने का प्लान किया। क्योंकि रिटर्न टिकट तो 5 दिन बाद की ही थी। हमने सी बीच पर एक रिज़ॉर्ट बुक किया।
दूसरे दिन की रात हम दोनों वहाँ रिज़ॉर्ट में शिफ्ट हुए.. उस वक्त सुबह के 9 बजे थे। ब्रेकफास्ट लेकर मैडम वॉक के लिए बीच पर निकल गई थीं.. लेकिन उसने हाइ हील पहने हुए थे।
उसने मुझे रूम में ही स्टे करने को कहा।
मैंने सोचा आज इससे बदला लूँगा। मैंने प्लान बनाया कि कैसे इसकी चूत ली जाए।
पास के मार्केट जाकर मैंने फीमेल वाली 25 एमजी की लो-कैपेसिटी वाली वियाग्रा ले ली। ये इतनी पॉवर की थी कि लड़की का सेक्स करने का मूड बन जाए। इसके साथ ही मैंने अपने लिए 500 एमजी की ले ली, जिससे मेरा घोड़ा 2 घंटे बिना थके लोहे के मूसल की तरह टिका रहे।
प्लान तैयार था.. वो वॉक से लौटेगी और मैं उसके ड्रिंक में 25 एमजी मिक्स करके रखूँगा। बस फिर प्रोग्राम स्टार्ट होने के बाद मैं खुद अपना ड्रिंक ले लूँगा, जो कि मैंने बना के फ्रिज में रख दिया था।
मैडम आईं.. अन्दर वाले रूम में सोफे पर आराम फरमाने चली गईं। दो मिनट बाद उसने मुझे आवाज़ दी और मुझे अपने पैर दबाने के लिए कहा।
उसके पैर दुखने लगे थे क्योंकि बेवकूफ़ लड़की रेत पर हाई हील पहन कर गई थी।
मैं बेहद खुश था.. मैं घुटनों के बल बैठ कर उसके पैर दबाने लगा। उसी बीच उसने मुझसे ड्रिंक माँगा और मैंने उसको वियाग्रा वाला ड्रिंक दे दिया।
बस 5 मिनट बाद ही वो गरम होने लगी। उसने मुझे जाँघों तक दबाने के लिए कहा.. लेकिन आराम से। मैंने महसूस किया कि वियाग्रा के असर से उसका जोश भी बढ़ गया था।
अचानक वो चिल्लाई- ढंग से दबा साले..!
पहले तो मैं डर गया लेकिन मैंने अपने ऊपर संयम किया क्योंकि वो मेरी बॉस थी।
तभी उसने अपनी चूत खुजाते हुए मुझसे कपड़े उतारने के लिए कहा। मेरा लंड खड़ा सा होने लगा था तो तिरछी निगाह से मेरे हिनहिनाते हुए घोड़े को देखा और कहा- हम्म.. नाइस वन!
मैंने लंड सहलाते हुए पूछा- आर यू वर्जिन?
वो फिर से चिल्लाई- साली हरामी.. मुझे क्या छिनाल समझता है?
मैंने उसके गुस्से को दरकिनार करते हुए पूछा- मे आई डिज़र्व फॉर यू?
वो घमंड से भर कर बोली- साले तू अपनी औकात देख.. लेकिन तुझे बहुत मस्त लंड मिला है।
मैं समझ गया कि ये इतनी आसानी से नहीं देने वाली।
इसी बीच उसने अपना गाउन खोल दिया था। चिकनी जाँघों में फंसी उसकी चुत दिखने लगी थी, जिसे देख कर तो मैं हैरान रह गया कि उसकी उसकी क्लीन शेव्ड बिल्कुल छोटी सी चूत किसी बच्ची की सी लग रही थी।
उसके मम्मों का तो जवाब ही नहीं था। किसी जवान होती हुई लड़की की तरह तने हुए एकदम नुकीले निप्पल वाले थे। ऐसा लग रहा था कि उसके दोनों निप्पल मुझे ही घूर रहे हैं।
लग रहा था कि उसके निप्पल चुत के गार्ड से हों.. और कह रहे हों कि नीचे जाने से पहले तुम्हें हम से निपटना होगा।
मैडम खड़ी हुईं.. बालों को हवा में झटकारती हुई अपने दोनों हाथों से संभालती हुई दोनों पैरों के बीच एक फिट का फासला देकर फैला कर खड़ी हो गई।
मैंने मिरर में देखा (उस रूम की एक वॉल पूरी मिरर ही की थी) कि मैडम का सबसे किलर पार्ट तो उनके चूतड़ हैं.. जिसकी दुनिया दीवानी थी। चूतड़ों की गहराई का अंदाज़ा इसी से लगा लो कि दोनों चूतड़ों के बीच गहरी काली लाइन कमर से शुरू हुई और नीचे ना जाने कहाँ खो गई। लाइन के अगल-बगल एकदम गोल और गोलाई में कटाव लिए हुए उसे चूतड़ ऐसे लग रहे थे कि उसकी चुत की हिफाजत के लिए शार्प शूटर लगाए गए हों।
मुझे घुटनों के बल बैठ कर चुत और गांड को साफ़ करने का ऑर्डर मिला।
ये सफाई मुझे अपने लंड से नहीं.. सिर्फ़ जीभ से चाट कर साफ़ करनी थी। अगले 5 मिनट तक मैं अपनी जीभ से किसी कुत्ते की तरह उसकी चुत की सफाई करता रहा और देखता रहा कि कहीं कुछ गंदा तो नहीं रह गया।
मैंने मन ही मन सोचा सब कुछ मेरे प्लान के मुताबिक़ ही हो रहा है।
लेकिन तभी इसकी माँ को चोदूँ.. डोरबेल बजी.. मैं तौलिया लपेट कर आगे वाले कमरे में गया और देखा उधर एक नीग्रो वेटर लंच लिए खड़ा था।
वेटर 30-32 साल का पूरे छह फुट का एक मस्त गठीली देह का हब्शी नुमा इंसान था। वो इस वक्त एक लूज सा हाफ लोअर पहने हुए था।
ठीक उसी वक्त मेरे पीछे से मेरी बॉस एक पारदर्शी स्कार्फ में आ गई उस कुतिया ने इस एक छोटे से काले रंग के स्कार्फ से अपने मादक जिस्म को ढका हुआ था। लेकिन उसकी चूत और मम्मे बड़ी मुश्किल से ही कवर हो पा रहे थे।
मेरी बॉस ने एक कामुकता से अपनी मुस्कान बिखेरते हुए खुद को उधर लगे हुए मिरर में देखा और अपनी गांड पर हाथ रख कर खड़ी हो गई।
तभी वेटर खड़ा होकर मैडम की अधनंगी जवानी का मजा ले ही रहा था कि उसी वक्त मैडम घूमी तो उसके हाथ लगने से एक खाली गिलास टकराया और वो टूट गया।
वेटर ने ग्लास के टूटने की आवाज़ सुनी और वो रूम में अन्दर आ गया। मैडम चेयर पर टांगें क्रॉस करके बैठ गईं और वेटर ने काँच के टुकड़े कलेक्ट करके डस्टबिन में डाल दिए।
उसने फिर से नजर भर के मैडम के दूध देखे तो मैडम ने मुस्कुरा कर उसे अपने दूध दिखाए और उससे व्यवहारिकता दिखाते हुए कहा- प्लीज़ टेक अ ड्रिंक.. फ्रिज से उठा लो।
मैं मैडम की इस बात से हक्का-बक्का था कि ये क्या हो गया, उधर तो मेरा ड्रिंक बना हुआ रखा था।
उस हब्शी ने फ्रिज के नजदीक जाकर ड्रिंक उठाई और एक बार में ही ड्रिंक खत्म हो गई।
साले ने 500 एमजी वियाग्रा वाली ड्रिंक हलक के नीचे उतार ली थी। इसके बाद वेटर लंच को टेबल पर सर्व करने में लग गया।
इसी बीच उस भैन के लौड़े का लंड वियाग्रा के असर से खड़ा होना शुरू हो गया और उसका हाफ लोवर तंबू बन गया।
उसका लंड इतना टाइट दिखने लगा था कि कुछ ही पल में उसका लोवर फट जाएगा। उस मादरचोद ने हम दोनों के सामने ही लोवर नीचे भी कर दिया।
वो नज़ारा देख कर मेरे तो होश ही उड़ गए और मैडम तो बदहवासी में खड़ी ही हो गई। वो ये भी भूल गई थी कि उसने अपने जिस्म पर सिर्फ एक स्कार्फ लपेटा हुआ है.. कोई तौलिया नहीं लपेटी थी और वो इस वक्त हाइ हील में खड़ी हुई वेटर के भीमकाय लंड को निहार रही थी।
अब वियाग्रा का असर क्या गुल खिलाता है मैडम की चूत का घमंड कैसे टूटता है.. ये सब आपको आगे मालूम चल जाएगा।
आपको इस सेक्स स्टोरी पर जो भी कहना हो प्लीज़ लिखिएगा।
कहानी जारी है।
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