दोस्तों, इस सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
लेडी बॉस का घमंड चूत दोनों अफ्रीका में टूटा-1
में अब तक आपने पढ़ा कि वियाग्रा का ड्रिंक पीने के बाद नीग्रो वेटर ने मैडम के सामने अपना लोअर खोल दिया था और उसका भीमकाय लंड हवा में हिचकोले खाने लगा था।
अब आगे..
उसके पीछे मिरर की वॉल थी.. मेरा तौलिया कब गिरा.. मुझे पता ही नहीं चला।
अब इस पल हम तीनों दो-दो मीटर की डिस्टेन्स पर ट्राइंगल पोज़िशन में लगभग नंगे खड़े थे।
मैडम की पलक तो झपक ही नहीं रही थी और कमोबेश मैडम को देख कर यही हाल वेटर का था। मैडम की नंगी जवानी देख कर उसका लंड पूरे एक फुट का सा हो गया था।
मैं उन दोनों को देख रहा था.. ऐसा लग रहा था कि सामने असली मर्द खड़ा है.. अपनी पूरी लम्बाई और मोटाई वाले लंड के साथ। उसके सामने ऐसी खूबसूरती की मल्लिका खड़ी थी जिसका कोई मुकाबला नहीं था।
मैं अपनी लुल्ली को जो कि इस वक्त किसी छोटे से बच्चे के जैसी दिख रही थी। सच ही तो है उस मूसल वाले लंड के सामने मैं खुद को काफ़ी हीन महसूस कर रहा था। मेरा प्लान पलट चुका था.. पर अगर वो कालिया मैडम को बजाता.. तो मैं एक कामसूत्र का साक्षात दर्शक बनता।
मैंने आवाज़ दी- मैडम मैडम..!
तब तक वो अंजाने में उसके पास जा चुकी थीं और वेटर का बम्बू मैडम के हाथ में था। मैडम की कोहनी से कलाई तक के बराबर लम्बा और मोटा लंड था। मैडम के मुँह से निकला- ऊह.. इस इट रियल.. यू निग्गर!
निग्गर.. नीग्रोज के लिए सबसे बुरी गाली होती है, जिसे सुनकर वे लोग अपने अपने क्रोध के चरम पर आ जाते हैं।
मैंने सोचा कि ये इस बेवकूफ़ औरत ने कर दिया.. उसकी पूरी नस्ल को गाली दे दी.. और तो और अफ़्रीकन को गाली देना रंगभेद के क़ानून के हिसाब से यहाँ ये सबसे बड़ा अपराध भी है।
मैडम की माँ चुद गई थी समझो.. उसने सीधे-सीधे दो देशों में युद्ध सा छेड़ दिया था।
मेरी गांड फटी तो मैंने तो रूम का कोना पकड़ लिया। वेटर ने गुस्से से मैडम को एक धक्का दिया, जिससे वो गिर गई। फिर मैडम भी उठ कर गुस्से के पोज़ में खड़ी हो गई.. जैसे वो अभी वेटर को खा ही जाएगी। अब उसका स्कार्फ भी मम्मों से हट गया था और वो सिर्फ़ हाइ हील में खड़ी थी। उसने अपने कंधे तान लिए थे जिससे उसके मम्मों ने कड़क सूरत बना ली थी और साथ ही मैडम ने अपने चूतड़ों को टाइट करके मुट्ठी तान कर हब्शी की तरफ गुस्से और तमतमाते हुए चेहरे से देखा।
मैडम ने वेटर के गाली दी- यू बास्टर्ड नीग्रो..
वेटर किसी जंगली सांड की तरह हुंकारा और तभी उसके लंड ने ऊपर को एक जोरदार झटका दिया। ये सब बिना उसके हाथ लगाए हुआ था, जैसे उसका लंड कह रहा हो वेटर से कि तुम आगे बढ़ो.. मैं इस हरामजादी की चुत और गांड को तबाह कर दूँगा।
इस नजारे का सिर्फ़ मुझे पता था कि ये वियाग्रा के हैवी डोज का असर है, जो उसका लंड किसी घोड़े की तरह गर्दन झटक रहा है। जैसे घोड़ा रेस से पहले हिनहिनाते हुए गर्दन झटकता है.. ऐसे ही हब्शी का लंड हिल रहा था।
मिरर में मैडम के उठे हुए चूतड़ों को हाइ हील में देख कर वेटर ने आपा खो दिया और उसने आव देखा ना ताव.. मैडम को उठा कर सोफे पर पटक दिया।
अब नीग्रो वेटर ने मैडम के दो इंच की चूत के दरवाजे पर अपनी तोप का गोला रख दिया।
मैडम ने चिल्लाकर बोला- यू मदर फकर बास्टर्ड नीग्रो..
ऐसा नहीं कि मैडम उससे चुदना नहीं चाह रही थी, मैडम अगर प्यार से बोलती, उसे गाली ना देती वो मैडम को पूरा मजा देकर चोदता लेकिन मैडम की गाली ने उसे गुस्सा दिला दिया. जो चुदाई मैडम प्यार से करवाती, वही अब रेलमपेल से हो रही थी.
फिर क्या था.. वो 6 फिट का, उसका लंड लगभग एक फिट का, मैडम 5 फिट की.. और उनकी छोटी सी चूत दो इंच की। वेटर खिलाड़ी.. मैडम कुँवारी.. उसने एक हाथ से दोनों टाँगों की एड़ी पकड़ीं और हवा में उठा दीं।
इससे मैडम के चूतड़ हवा में निकल कर बाहर आ गए। वेटर ने अपने दूसरे हाथ से मैडम के चूतड़ों पर 8-10 जोरदार झापड़ दे मारे.. साली के चूतड़ लाल और ढीले हो गए।
फिर उसने मैडम के पैर अपने कंधों पर रखे और लंड जोकि पूरे शेप में आ चुका था.. आगे से मशरूम सा सुपारा और फिर पूरी खीरे सी मोटाई वाला लंड कोई भैंस बाँधने वाला मोटा खूँटा सा लग रहा था।
वेटर ने मैडम के दोनों मम्मों को एक एक हाथ में कस कर पकड़ कर अपनी पोज़िशन ली और लंड का टोपा मैडम की दो इंच की चूत के दरवाजे पर रख दिया।
फिर वो गुस्से में बोला- यू इंडियन विच.. टेक माय पाइप..
इसके के साथ ही आक्रमण हुआ और लंड की पहली ही चोट में मैडम की आँखें बाहर आ गईं और उसकी चीख जैसे गले में ही रुक गई।
वेटर भी मादरचोद पूरा सांड था.. पहली चोट में चूत का दरवाजा नहीं खुला तो उसने बेरहमी से 2-3 बार कसके चोट मार दीं। फिर उसका 2 इंच लंड चुत में घुस गया।
अब मैडम की चीख निकली। पर वो कहावत है न कि रस्सी जल गई.. बल नहीं गया।
मैडम ने फिर गालियां देनी शुरू कर दीं- यू मदरफकर नीग्रो यू डॉग..
नीग्रो को वो गालियाँ आग में घी का काम कर रही थीं और वो अपना गुस्सा मैडम के दो इंच के छेद पर उतार रहा था। दस मिनट तक उसने दो इंच को 6 इंच का बना दिया था और गहराई तो समझ ही जाओ। पूरा एक फिट का लंड मैडम को अपने पेट में महसूस हो रहा होगा।
फिर अगले 20 मिनट तक उस जंगली सांड ने मैडम की वो चुदाई की कि मैडम के सभी जोड़ ढीले पड़ गए। पूरा कमरा मैडम की चीख-चिल्लाहट गालियां और नीग्रो की हुंकार से गूँज रहा था।
मैडम की चूत फट चुकी थी और घमंड भी जाता रहा था। अब मैडम समझ चुकी थीं कि वो चुद गई हैं.. तथा कुछ दर्द ने मजे देना भी शुरू कर दिया था।
फिर ऊपर से वियाग्रा भी मजा दिला रही थी। अब मैडम अपनी चूत चुदाई का पूरा मजा ले रही थी.
अगले एक घंटे तक मनोरंजन का सर्कस चला.. वेटर भी मैडम की चूत चुदाई का मजा ले रहा था।
उसने मैडम को अपनी गोदी में उठा कर खड़े-खड़े ही हचक कर चोदा.. फिर पीठ के बल लिटा कर मैडम को चोदा.. पैर अपने कंधे पर रख कर घचाघच धक्के लगते रहे। अंत में उसने मैडम को घोड़ी बना कर हचक कर पेला।
धमाकेदार नॉनस्टॉप चुदाई के बाद दोनों थक कर लेट गए और मैं नसीब का मारा अपना लंड हिलाता हुआ तमाशा देखता रहा।
कुछ देर बाद वेटर मैडम को चोद-चाद कर चला गया।
मैडम ढीली होकर ऐसे लेट गई, जैसे उसके शरीर में जान ही ना हो।
अब मेरी बारी थी.. मैं उसके ऊपर लेट गया और अपना लंड उसकी चुत में घुसा दिया।
पर ये क्या.. मुझे तो कुछ एहसास ही नहीं हुआ कि लंड घुसा भी है या नहीं। फिर देखा दो इंच का छेद 8 इंच का नाला बन गया था और मेरी औकात 4 इंच तक की थी।
पर क्या करता लंड की ठरक तो मिटानी ही थी.. सो उसको उठा कर सोफे पर उल्टा लिटाया.. जिससे उसके चूतड़ बाहर को निकल आएं। अब मेरा टारगेट उसकी गांड थी।
वो आधी बेहोशी में थी.. तो कुछ नहीं बोल पा रही थी.. बस ‘नो नो..’ कह रही थी।
मैं भी ‘जय महाराष्ट्रा’ बोलता हुआ मैडम की गांड पर पिल पड़ा और 10 मिनट तक गांड मारने के बाद मैं झड़ गया।
फिर मैडम को सोफे पर ही लिटा कर फ्रेश होने चला गया। वो 3-4 घंटे के बाद उठी.. तो उससे चलना तो दूर.. उठा भी नहीं गया बिस्तर से।
उसकी नज़र चुत पर पड़ी तो उसकी हालत ऐसी हो गई थी जैसे किसी को चेहरे पर मुक्के मार दो तो आँखें काली और गाल लाल पड़ जाते हैं.. उसी तरह मैडम की चुत सूज कर लाल हो गई थी। और हो भी क्यों ना.. वेटर के लंड की बड़ी बेरहमी से मार जो पड़ी थी उसको।
अब मैडम का मिला-जुला रिएक्शन था.. किसी मजबूत मर्द से चूत चुदवाने का मज़ा भी आया था और दर्द भी हो रहा था।
मैं पेनकिलर लेने मार्केट गया.. वापस आकर देखा कि मैडम सोफे पर टांगें खोल कर बैठी हैं और एक हाथ में ठंडा पानी का जग था। एक हाथ में कॉटन रुई भिगो कर चुत पर हल्के-हल्के से लगा रही थीं और चुत को मुँह से फूँक रही थीं।
उसको आने वाले दिन का नहीं पता था कि मैं नीग्रो से सेट्लमेंट का करके आ रहा हूँ कि कल वो और उसके दोस्त मैडम की रेल बनाने आ रहे हैं।
क्योंकि मैडम ने जो गाली दी थी.. उसके बदले या तो वो पुलिस कम्प्लेंट करता.. मतलब 6-7 साल के लिए हम क़ैद में होते या नहीं तो मैडम की चुत का चौराहा बनता.. जो कि कल का प्लान बन चुका था।
मैंने मैडम को बताया तो उसने तुरंत इस जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने का कहा। मैंने सब व्यवस्था की और मुझे उम्मीद हो चली थी कि मैडम मुझे चूत दे देगी।
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