यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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मेरी इस सेक्सी कहानी में आपने पिछले भाग में पढ़ा कि मैंने अपनी सेक्सी ममेरी बहन आलिया की चुदाई की इच्छा से उसको प्रपोज कर दिया था, लेकिन उसने मना कर दिया था. मैं रूठ कर अपने कमरे में घुस गया था और आलिया की बेचैनी का मजा लेते हुए सो गया.
अब आगे:
सुबह के आठ बजे मेरी नींद खुली. मैं ब्रश करके फ्रेश हो गया और रूम से बाहर निकलकर हॉल में जाकर सोफे पर बैठ कर टीवी ऑन करके देखने लगा.
तभी आलिया किचन से बाहर आई और वो मुझे गुड मॉर्निंग बोली लेकिन मैं कुछ नहीं बोला.
वो नाश्ता रखकर मेरे पास आकर बैठ गई- अभी मुझसे नाराज हो?
मैं चुपचाप टीवी देखता रहा, मुझे अपने प्लान के मुताबिक चलना था.
आलिया- अपने बेस्ट-फ्रेंड से नाराज़ रहोगे … चलो नाश्ता कर लेते हैं, वरना ठंडा हो जाएगा.
मैं- ना ही मुझे नाश्ता करना है और ना ही आपसे बात करनी है, आप नाश्ता कर लीजिए.
आलिया- तुम नाश्ता नहीं करोगे, तो मैं भी नहीं करूंगी.
मैं- आपकी मर्जी.
तभी आलिया मेरे कंधे पर हाथ रखकर मेरी ओर देखकर मुझसे बात करने लगी- मेरे प्यारे राजा, कल के लिए सॉरी … अब छोड़ ना ये गुस्सा … तुम्हें मुझसे भी अच्छी गलफ्रेंड मिलेगी.
मैं- मुझे आप चाहिए, मैं आपको अपनी गलफ्रेंड बनाना चाहता हूं.
आलिया मुझको मनाने के लिए गुदगुदी करने लगी लेकिन मैं आलिया को रोक कर खड़ा हो गया और अपने कमरे में चला गया.
कुछ मिनट बाद आलिया ने मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाया- राज चलो कहीं बाहर घूमने चलते हैं.
मैं- मुझे नहीं आना.
आलिया- अब बहुत हुआ यार … ओपन द डोर … वरना मैं तुम्हारी मॉम को सच में कॉल कर दूंगी.
मैं- आप कॉल कर सकती हैं.
आलिया- ठीक है, तुम्हारी मर्जी.
धीमे-धीमे समय बीत रहा था, करीबन दस बजे मुझे भूख लगने लगी थी, लेकिन मैं अपने प्लान में कोई समझौता नहीं करने वाला था. मैं अपने फोन में पब-जी गेम खेलने लगा.
जब दोपहर हुई, तब आलिया ने मुझे खाना खाने के लिए बुलाया- राज तुमने सुबह से कुछ नहीं खाया है, कम से कम खाना तो खा लो.
मैं- मुझे भूख नहीं है.
आलिया ने दो-तीन बार कहा और फिर चली गई. उस समय मुझे बहुत भूख लगी थी … लेकिन मैं पेट दबा कर सो गया और करीबन चार बजे उठकर फ्रेश होकर, वापस पब-जी खेलने लगा.
मैं गेम खेलने में मशगूल था, तभी करीबन छह बजे आलिया ने वापस दरवाजा खटखटाया.
आलिया- राज दरवाजा खोल, मुझे तुमसे बात करनी है.
मैं- मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है.
आलिया- प्लीज दरवाज़ा खोल … मुझे बहुत जरूरी बात करनी है.
अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने दरवाजा खोल दिया. मेरे सामने आलिया खड़ी थी.
आलिया- कब तक ऐसे नाराज रहेगा?
मैं- जब तक आप मेरी बात मान नहीं जातीं, तब तक.
आलिया- अगर कल जाकर इस बारे में हमारे पेरेन्टस को पता चल गया तो!
मैं- हम दोनों एक अच्छे दोस्त हैं, वो हमारे पेरेन्टस जानते हैं, अगर कल जाकर पता चलेगा भी, तो भी हमें कुछ नहीं बोलेंगे. शायद हमारे पेरेन्टस इस रिलेशनशिप खुश हो जाएं. मैं तुम्हारे साथ जिन्दगी बिताना चाहता हूं. हां मैं तुझे पसंद नहीं हूँ, या मेरे कोई कमी हो तो तुम मुझे बता सकती हो.
आलिया- तुममें कोई कमी नहीं है.
मैं- फिर अगर तुम मुझे अपना दोस्त मानती हो … तो प्लीज मेरे प्रपोजल को स्वीकार लो … प्लीज मान जाओ.
आलिया- मैं तुम्हारे प्रपोजल को स्वीकार लूंगी, लेकिन इस के लिए तुम्हें मेरी कुछ शर्त माननी पड़ेगी.
मैं- मंजूर है.
आलिया- पहले सुन तो लो.
मैं- ठीक है बता दो.
आलिया- पहली शर्त … हमारे इस रिलेशनशिप के बारे में तुम किसी को नहीं कहोगे.
मैं- मंजूर है.
आलिया- दूसरी, मेरी हर बात मानोगे और कभी नाराज नहीं होगे.
मैं- ठीक है.
आलिया- मैं चाहती हूं, जैसे फिल्मों में हीरो प्रपोज करते हैं, वैसे तुम गुलाब से मुझे प्रपोज करो.
मैं- अब गुलाब कहां से निकालूं?
आलिया- वो तुझे देखना है.
मैं- मैं अभी आया.
इतना कहकर मैं कार की चाभी लेकर गुलाब लेने जाने लगा, तभी, आलिया बोली- रहने दे, ऐसे ही चलेगा.
मैं- तुमको अपनी गलफ्रेंड बनाने के लिए आसमान से चांद लेकर भी आ सकता हूं. गुलाब क्या चीज है..
तभी आलिया मेरी और देखकर कातिलाना स्माइल करने लगी और मैं कार लेकर चला गया. मैं कार चलाते हुए बहुत खुश था, क्योंकि आखिरकार मैं अपने प्लान में कामयाब हो गया था.
मैं मुंबई शहर में फूल वाले की दुकान ढूँढने लगा, फिर एक गुलाब लेकर वापस कार में बैठकर घर की ओर रवाना हो गया.
अभी मैं कार में एक प्रेम गीत सुन रहा था. इस वक्त मेरी बेचैनी बढ़ रही थी. मैं जल्दी से घर पहुँचा और गुलाब हाथ में लेकर घर के अन्दर आ गया.
मैं- आलिया!
तभी आलिया किचन से बाहर आई और मेरे सामने खड़ी हो गई. मैं घुटने के बल बैठकर गुलाब उसके सामने एक हाथ से लेकर प्रपोज करने लगा.
मैं- चांद जैसी तेरी खूबसूरती है, तमन्ना भाटिया जैसी तेरी आंखें, कैटरीना कैफ जैसी तेरी अदाएं, सूरज सी तेरी रोशनी है. तेरे प्यार में ये दीवाना पागल है … क्या तुम मेरी सपनों की रानी बनोगी?
आलिया- क्या बात है, शायरी अच्छी बोल लेते हो.
आलिया ने मेरे प्रपोजल को स्वीकार करते हुए गुलाब ले लिया.
आलिया- आई लव यू!
मैं खड़ा होकर बोला- आई लव यू टू.
फिर हम एक-दूसरे तरफ देखने लगे और बिल्कुल नजदीक आ गए.
मैंने आलिया के सर को पकड़कर उसके होंठों पर किस कर दिया, जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था. जैसे ही मैंने आलिया के होंठों पर किस किया, मैंने अपना होश खो दिया.
उधर आलिया भी मेरा साथ देते हुए, मेरी कमर पर हाथ रखकर किस करने लगी. हम दोनों किस करने में मशगूल हो गए थे.
तभी किचन से एक आवाज सुनाई दी जिससे आलिया रूक गई. फिर वो मुझे कातिलाना स्माइल देकर किचन में चली गई … मैं टीवी देखने लगा.
अभी भी मुझे उसके होंठों का स्वाद आ रहा था.
करीबन आधे घंटे बाद खाना तैयार हो गया था, इसलिए आलिया ने मुझे खाना खाने के लिए बुलाया. मैं टीवी ऑफ़ करके खाने के लिए चला गया.
आलिया- आज तुम सुबह से भूखे हो न … इसलिए मैंने तुम्हारे मनपसंद का खाना बनाया है.
मैं- क्या बात है, थैंक्स.
हम दोनों खाना खाने लगे और बात करने लगे.
मैं- आलिया, एक बात पूछूँ?
आलिया- हां पूछ न!
मैं- तुम्हें, मेरी गलफ्रेंड बनकर कैसा लग रहा है?
आलिया- तू बता … तुझे मेरा ब्वॉयफ्रेंड बनकर कैसा लग रहा है?
मैं- एकदम कूल, मानो अप्सरा मिल गयी हो.
आलिया मुस्कराते हुए बोली- वैसे तू कब से मुझे अपनी गलफ्रेंड बनाने के बारे में सोच रहा था?
मैं- जब एक बार आपको बिना कपड़ों के सिर्फ ब्रा और पेन्टी में देखा था, तब से मेरा नजरिया बदल गया था. उस दिन से मैं आपको अपनी गलफ्रेंड बनाने का सोच रहा था, लेकिन कभी मौका मिला नहीं, वैसे भी आप इतनी हॉट और सुंदर हो कि किसी का दिल भी तुम पर आ जाएगा.
आलिया- मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि तुम मुझे प्रपोज करोगे. अगर मैं तुम्हें हां ना बोलती, तो क्या अभी भी तुम मुझसे नाराज रहते?
मैं- मुझे पूरा विश्वास था कि आप जरूर हां बोल दोगी.
आलिया- अब मैं तुम्हारी गलफ्रेंड हूँ, इसलिए आप के बदले तुम कहकर बुला सकते हो.
मैं- ओके मेरी प्यारी आलिया.
आलिया मुस्करा दी और फिर हम दोनों अपना खाना खत्म करने लगे. मैं सोफे पर बैठ कर पब-जी खेलने लगा और कुछ मिनट बाद आलिया मेरे पास आकर मुझे गुदगुदी करने लगी.
मैं- प्लीज रहने दो, मेरा गेम चल रहा है.
लेकिन आलिया फिर से मुझे तंग करने लगी थी, इसलिए मैं दूसरे सोफे पर जाकर बैठ गया. आलिया वहां मेरे पास आकर फिर से गुदगुदी करने लगी, जिससे मैं गेम में मर गया.
मैंने उसकी तरफ गुस्से से देखा. आलिया मुझे देखकर भागने लगी और मैं अपना फोन सोफे पर रखकर उसको पकड़ने के लिए पीछे भागने लगा.
पहले आलिया डाइनिंग टेबल के चक्कर लगाती रही … लेकिन जब वो सोफे तरफ भागी, तब मैंने उसे पकड़ लिया. इस दौरान हम दोनों सोफे पर गिर गए. वो नीचे थी, मैं उसके ऊपर था.
इस दौरान मेरा एक हाथ उसके चूचे पर चले गए थे, लेकिन मैंने तुरंत ही अपना हाथ हटा दिया.
मैं आलिया के दोनों हाथ पकड़कर उसके ऊपर चढ़ गया- अब कहां जाओगी?
आलिया हंसने लगी.
मैं आलिया को गुदगुदी करने लगा. वो मुझसे बचने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैं उसके ऊपर था. इसलिए वो अब बच नहीं सकती थी.
आलिया- राज रहने दो, गुदगुदी हो रही है.
मैं- जब तुम मुझे तंग कर रही थी, तब तुम्हें मजा आ रहा था.
तभी आलिया का फोन बज उठा, जो वहीं टेबल पर पड़ा था … इसलिए मैं उस पर से उतर गया और आलिया ने अपना फोन उठा लिया.
मामी का फोन था. आलिया अपनी मॉम से बात कर रही थी और मैं मजाक करता जा रहा था.
आलिया मुझे इशारे से रुकने के लिए कह रही थी. फिर आलिया ने मुझे फोन दे दिया और मैं मामी से बात करने लगा.
अब वो मुझे तंग कर रही थी.
मामी मुझे मजाक मस्ती कम करने को बोल रही थीं, क्योंकि अक्सर हम दोनों ऐसे मजाक करते रहते हैं.
मैंने फोन रखकर आलिया की कमर पर एक हाथ रख दिया और हम दोनों नजदीक आ गए. फिर हम दोनों किस करने लगे, जैसे हॉलीवुड की फिल्मों में हीरो-हिरोइन करते हैं.
करीबन तीन मिनट बाद आलिया मुझे रोकते हुए बोली- मुझे नहाने जाना है.
मैंने रोमांटिक अंदाज में कहा- मैं भी साथ चलूं?
आलिया हंसती हुई बिना कुछ बोले वहां से चली गई.
मैं टीवी ऑन करके मूवी देखने लगा. मैं पूरी फिल्म खत्म करके टीवी को ऑफ़ करके, आलिया के रूम में चला गया.
आलिया बेड पर बैठकर लैपटॉप पर कुछ काम कर रही थी.
मैं- आलिया क्या मैं यहां तुम्हारे साथ सो सकता हूं.
आलिया- अब तो तुम्हारे पास ग्रीन सिग्नल हैं, तुम सो सकते हो.
मैं उसके पास बैठकर बोला- मेरे पास ग्रीन सिग्नल है, इसका मतलब मैं कुछ भी कर सकता हूं.
आलिया- चुपचाप सो जा … इतनी अपेक्षा ठीक नहीं है बच्चू.
मैंने बेड पर लेटकर फोन इंस्टाग्राम ओपन कर लिया. तभी मैंने मजाक करते हुए आलिया को गुदगुदी करना शुरू कर दिया.
आलिया- राज अभी रहने दो … जरूरी काम कर रही हूँ.
मुझे भी नींद आ रही थी, इसलिए मैं सो गया.
जब सुबह मेरी नींद खुली, तब हम दोनों बिल्कुल नजदीक सो रहे थे और मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था. आलिया अभी भी सो रही थी, शायद कल रात को वो देर रात को सोई होगी.
आलिया सो रही थी, तो मैंने सोचा कि मैं ही आज नाश्ता बना लेता हूँ. इसलिए मैं फ्रेश होकर किचन में चला गया और नाश्ता बनाने लगा.
मैं नाश्ता बना ही रहा था कि तभी आलिया वहां पर आ गई- गुड मॉर्निंग.
मैं- गुड मॉर्निंग.
आलिया- क्या बात है, आज तुम नाश्ता बना रहे हो.
मैं- तुम सो रही थीं, मैंने सोचा में ही नाश्ता बना लूं.
आलिया- ठीक है, मैं हॉल में हूँ.
मैं नाश्ता बनाकर डाइनिंग टेबल पर ले आया. तभी आलिया मेरे पास आकर बैठ गई और हम दोनों नाश्ता करने लगे.
मैं- नाश्ता कैसा बना है?
आलिया- कल से तुम्हीं ब्रेकफास्ट बनाना.
मैं- कोई बात नहीं, लेकिन मैं उसका चार्ज लूंगा.
आलिया ने हंस कर कहा- ले लेना.
फिर हम दोनों नाश्ता खत्म करके अपने कमरे में चले गए. फिर कुछ मिनट बाद में नहाकर तैयार हो गया और मैं हॉल में आकर सोफे पर बैठ गया. मैं अपना फोन यूज कर रहा था.
करीबन दस मिनट बाद आलिया तैयार होकर आई. आलिया को देखकर मैं खड़ा हो गया. आलिया ने पीले रंग की टी-शर्ट और ब्लू जींस पहनी हुई थी.
मैं- हाय किसी की नजर ना लग जाए … क्या सुंदर लग रही हो.
आलिया- चुपचाप चल.
मैंने आलिया के कंधे पर हाथ रख कर बाहर आने का कहा. हम दोनों बाहर आ गए.
मैं- मैं कार चला सकता हूं?
तभी आलिया ने मुझे कार की चाभी दे दी और मैंने ड्राइविंग सीट पर बैठ कर कार स्टार्ट कर दी.
मेरे बगल वाली सीट पर आलिया बैठ गई.
मैं कार को ड्राइव करते हुए बोला- कहां जाना है मैडम.
आलिया- चित्रा के घर ले चल.
चित्रा, आलिया की बेस्ट फ्रेंड थी. वो दोनों साथ ही में कॉलेज कर रही थीं. चित्रा अभी मॉडलिंग के लिये ट्राय कर रही थी और आलिया मामा के बिजनेस में मदद करना चालू कर चुकी थी. चित्रा भी आलिया की तरह हॉट और सुंदर है. चित्रा मेरी भी अच्छी फ्रेंड थी.
मैं- आलिया, क्या तुमने चित्रा को हमारे रिलेशनशिप के बारे में बता दिया है?
आलिया- नहीं, जब सही समय आएगा तब बता दूंगी.
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी ये सेक्सी कहानी मस्त लग रही होगी. अगले भाग में मैं आपको चुत चुदाई की कहानी का पूरा मजा देने वाला हूँ. मेल करना मत भूलना.
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कहानी जारी है.