रिश्तों में चुदाई की मेरी कहानी के पहले भाग
मामी की चूत की प्यास-1
में आपने अब तक पढ़ा कि दूर के रिश्ते में मेरे मामा मामी आये हुए थे. मैं और मामी एक दूसरे की तरफ वासनात्मक दृष्टि से देखते थे.
अब आगे:
मामी ने नाइट सूट के ऊपर के तीन बटन खोल दिये और बूब्स के बीच की रेखा मुझे साफ़ साफ़ दिखाई देने लग गयी थी। उसके बूब्स देखकर मेरे लंड में उछाल आना शुरू हो गया था.
बूब्स एकदम सीधे खड़े थे। मैंने अपना एक हाथ पूनम के गले से अन्दर डाल दिया और एक बूब्स को पकड़ कर ज़ोर से दबाया तो मामी तड़प उठी।
मैंने अपना हाथ बाहर निकाला तो मामी बोली- बस और नहीं देखने 34 इन्च के बूब्स?
तो मैंने कहा- अभी नहीं।
फिर मामी बोली- तुम उस समय मेरे सामने बिल्कुल नंगे खड़े थे, तुम्हारा लन्ड बहुत लम्बा है.
तो मैंने कहा- हाँ जी, तुम देखना चाहती हो तो देख लो।
पूनम ने अपना हाथ मेरे निक्कर के अन्दर डाला और लन्ड को अपने हाथों में भर लिया और धीरे से हिलाने लगी।
पूनम बोली- तुम्हारा लन्ड कितना लम्बा है.
मैंने कहा- निकाल कर देख ले।
पूनम मामी ने लंड को बाहर निकाला तो लंड पूरा तना हुआ था और पूनम लंड को ही देखे जा रही थी। फिर मुझे पापा और मामा की आवाज़ आई। हम बाहर आये तो देखा कि मामा ने दारू पी रखी थी।
मुझे देखकर हैरानी हुई कि मामा दारू पीते हैं.
माँ बोलने लगी- काफ़ी टाइम हो गया है.
तो सब सोने चले गये। मामा और मामी दोनों मेरे कमरे में सोने चले गये.
माँ व पापा अपने कमरे में चले गये और मैं ड्राईंग रूम में लेट गया। फिर मैंने पूनम के फोन पर एक मेसेज़ किया और साथ में ही उसने जवाब दे दिया।
मैंने पूनम से कहा- जब मामा सो जायें तो मेरे पास ड्राईंग रूम में आ जाना!
तो वो मान गयी।
फिर मैं पूनम से मेसेज़ पर चैट करता रहा. उसने बताया कि मामा हर रोज़ दारू पीकर आता है, मामी से ढंग से बात नहीं करता, बस अपने नशे में धुत रहता है। एक साल हो गया शादी किए हुए, प्यार का एक पल भी उन्होंने साथ में नहीं बिताया।
पूनम ने मुझे उसके और मामा के रिश्ते के बारे में सब कुछ बताया।
मामी बोली- मैं आप से एक बात बोलूँ?
मैंने कहा- हाँ, जी बोलो.
मामी बोली- मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ.
मैंने कहा- मैं भी तुमसे प्यार करने लगा हूँ.
मामी ने कहा- तुम्हारे मामा ने आज तक मुझे कभी प्यार नहीं किया. वो बस दारू के नशे में चूर रहता है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं तुमसे जी भर कर प्यार करूंगा लेकिन तुम सिर्फ मेरी बनकर रहोगी.
तो मामी ने कहा- हाँ, मैं तु्म्हारी ही बनकर रहना चाहती हूँ।
बात करते-करते रात का 1 बज चुका था. पूनम बोली- मैं तुम्हारे पास आ रही हूं.
तो मैंने कहा- आ जाओ.
उसने बाहर आने के बाद माँ और पापा वाले कमरे को बाहर से बंद कर दिया. मैंने आते ही मामी को अपने गले से लगा लिया और उसको प्यार करने लगा. यहाँ-वहाँ किस करने लगा.
मैं उसके बाद मामी को ऊपर वाले कमरे में ले गया और कमरे को अन्दर से बंद कर दिया. मामी के होंठों को अपने होंठों में भर लिया और जी भर कर चूसने लगा. मामी भी लिप्स पर किस करने लगी. मैं उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा. साथ ही गांड को दबाने लगा. मैंने मामी का कमीज ऊपर से उतारा और देखा कि दो मोटे-मोटे मम्मे मेरे सामने ब्रा के अन्दर कैद थे. मैंने उनकी ब्रा को उतार दिया और बूब्स को आज़ाद कर दिया. बूब्स को मैं मुंह में भर कर पीने लगा.
मामी को सेक्स चढ़ने लगा, वह मचलने लगी. फिर मैं रुक गया और कहा कि कोई ऊपर भी आ सकता है. मेरे साथ नीचे ही चलो. अन्धेरे में मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना.
तो वह मान गयी. हम दोनों फिर से नीचे आ गए.
लाइट्स बन्द थीं और नीचे एकदम अन्धेरा था. मैं सोफे पर लेट गया मैंने अपने कपड़े उतार दिए और पूनम ने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मैंने पूनम के पूरे कपड़े उतार दिये थे. मैं उसके बूब्स को ज़ोर से खींचने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. पूनम लण्ड को कभी अन्दर ले जाती तो कभी बाहर निकाल देती. कभी मेरी गोलियों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगती. काफी देर तक वह मेरे लण्ड को चूसती रही.
मैंने उसको फिर अपनी गोद में बैठने को कहा और हम दोनों नंगे होकर एक-दूसरे की बाहों में लिपट गए. मैंने धीरे से उसके कानों में कहा कि उसके बूब्स बहुत ही ज्यादा सेक्सी हैं और उसका जिस्म बहुत ही मखमली है.
पूनम मुझसे लिपटी हुई मेरे शरीर पर किस कर रही थी.
मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और अपनी उंगली जैसे ही मैंने उसकी चूत में डाली तो वह उचक गई. पूनम की चूत काफी टाइट लग रही थी. वह मुझसे ऐसे लिपटी कि उसके नाखून मेरे शरीर में गड़ने लगे थे. पूनम का सारा बदन किसी भट्टी की तरह गर्म हो चुका था. हम दोनों पसीने से नहा चुके थे.
उसके बाद मैंने पूनम को अपने बदन के साथ चिपका लिया. फिर मैंने उससे कपड़े पहनने के लिए कह दिया और उसको अपने कमरे में जाने के लिए कह दिया. मैंने उसे कल के लिए टाल दिया. वह जाना नहीं चाहती थी, मेरे साथ ही सोना चाहती थी मगर मैंने उसे कमरे में भेज दिया.
कुछ देर बाद मैं सो गया और सुबह उठा तो पूनम मेरे लिए चाय लेकर आई और कहने लगी- उठ जाओ जानू.
मैंने पूछा- कल की रात कैसी रही?
वह बोली- बहुत मज़ा आया.
मैंने कहा- आज की रात और ज्यादा मज़ा आने वाला है.
पूनम मेरी माँ के साथ रसोई में काम करवाने चली गई और मैं नहाने के लिए चला गया. नाश्ता करने के बाद पापा और मामा किसी काम से बाहर चले गए और बोल गए कि वो शाम तक ही आएंगे, घर में केवल हम तीनों ही रह गए थे.
पूनम ने माँ से पूछा- मुझे कुछ सामान लेना है तो क्या मैं हैरी को अपने साथ ले जाऊं?
तो माँ ने हाँ कर दी.
हम 10 बजे के करीब घर से निकल गए. पूनम ने एक टाइट जीन्स पहनी थी और डीप नेक कट का टॉप पहना हुआ था.
मैंने पूनम से पूछा- तुम्हें क्या लेना है?
तो उसने कहा- मुझे तुम्हारे साथ बस दिन बिताना था तो सामान का बहाना करना पड़ा.
मैंने कहा- चलो फिर कहीं घूमने चलते हैं.
मैं गाड़ी को घर से काफी दूर ले गया. गाड़ी को कच्चे रास्ते पर ले गया. मैंने गाड़ी रोक दी और पूनम के बूब्स के अन्दर हाथ डाला और दबाना शुरू कर दिया. मैंने अपना लंड भी बाहर निकाल दिया और पूनम को चूसने के लिए कहा तो उसने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
पूनम मेरे लंड को मज़ा लेकर चूसने लगी और मैं आनंद में खोने लगा. उसके होंठों में जादू था. रात को भी जब वह मेरा लंड चूस रही थी तो मुझे ऐसा मज़ा आ रहा था कि मैं 5 मिनट में ही झड़ जाऊंगा. मैं बड़ी मुश्किल से खुद को कंट्रोल कर पा रहा था.
पूनम मेरे लंड को चाटने में लगी हुई थी और मेरे मुंह से कामुक सिसकारियाँ निकलना शुरू हो गई थीं.
मैं उसकी चुसाई का पूरा मज़ा ले रहा था. फिर मैंने सोचा कि ऐसे तो मज़ा जल्दी ही खत्म हो जाएगा. फिर मैंने पूनम के बदन के साथ खेलना शुरू कर दिया.
मैंने पूनम का टॉप ऊपर किया और ब्रा को पीछे से खोलकर उसके चूचों को ब्रा से बाहर निकाल लिया और दबाने लगा. मैंने पूरा लंड पूनम के मुंह में डाल दिया. मेरा लंड पूनम के गले तक पहुंच गया. पूनम मेरे लंड पर जीभ फिरा रही थी. मैंने उसकी जीन्स के अंदर ही उसकी गांड को सहलाना शुरू किया और वह मज़े से मेरे लंड को चूस रही थी. काफी देर तक वह मेरे लंड को चूसती रही.
मैंने फिर उसको ऊपर उठाया और उसके बूब्स को मुंह में भर लिया. पूनम पागल होने लगी थी. मैंने उससे कहा कि किसी रूम पर चलते हैं वहां पर जाकर सेक्स करेंगे.
फिर मैंने अपने एक दोस्त को फोन किया और वह दोस्त भी मान गया. मैं पूनम को दोस्त के घर पर ले गया. दोस्त को मैंने शाम तक के लिए घर से बाहर भेज दिया. दोस्त चला गया. मैंने कमरे को अन्दर से बंद किया और पूनम को अपनी बांहों में भर लिया. मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए.
हम दोनों नंगे हो चुके थे और मैंने पूनम के बूब्स को अपने मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया. पूनम के बूब्स को चूसते-चूसते मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसकी चूत को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा. मैं पूनम को 69 की पॉजीशन में ले आया. पूनम ने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और मैं उसकी चूत को चूसने लगा. मैं तेज़ी के साथ अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर-बाहर कर रहा था. पूनम भी ज़ोरों से मेरे लंड को चूसने में लगी हुई थी. फिर मैं बेड पर लेट गया और पूनम मेरे ऊपर आ गयी. मैंने लंड को पूनम की चूत के अन्दर डाला और एक धक्के से पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
वह दर्द से तड़प उठी क्योंकि उसकी चूत काफी टाइट थी. फिर वह धीरे-धीरे नीचे और ऊपर होने लगी. फिर मैंने उसको बेड पर लेटाया और सामने से उसकी चूत में लंड डाला और उसको चोदने लगा. फिर मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा और चुपके से लंड को उसकी गांड में डाल दिया. गांड बहुत ही ज्यादा टाइट थी और लंड अंदर जा नहीं रहा था.
फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का दिया तो लंड अंदर जाने लगा. उसके बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. मैं काफी देर तक पूनम की गांड को चोदता रहा. फिर मैंने अपने लंड को उसकी गांड से बाहर निकाला और अपनी मुट्ठ मारने के लिए कहा.
पूनम मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी. मेरा माल निकलने ही वाला था. मैंने पूनम को बेड पर लेटाया और उसकी दोनों टांगों को पूरा आगे करके लंड को उसकी चूत में डाला और धीरे-धीरे धक्के देने लगा. कुछ देर की चुदाई के बाद पूनम का माल भी निकल गया पर मैं उसकी चूत को अभी भी चोद रहा था.
पूनम उम्म्ह… अहह… हय… याह… कर रही थी पर मैं उसे लगातार चोदता जा रहा था और काफी देर तक उसकी चूत मारने के बाद मेरा माल भी निकल गया और मैं पूनम के नंगे बदन के ऊपर लेट गया।
पूनम मुझे किस किए जा रही थी और मेरे साथ सेक्स करके बहुत खुश थी। हम काफ़ी देर तक ऐसे ही एक-दूसरे के साथ लेटे रहे। पूनम की जवानी के मज़े लूटने के बाद हम बाज़ार गये और फिर शाम को घर वापस आ गये।
घर पर रात को जब पापा और मामा आये तो तब उन्होंने बताया कि मामा को पापा ने अपने साथ अपने आफिस में लगवा लिया है और अब से वो हमारे साथ ही रहने वाले हैं।
बस मेरी तो ऐश थी. ऐसी जवानी को चोदकर मेरे लंड की प्यास बुझने लगी थी. दूसरी तरफ पूनम भी खुश रहने लगी थी. मुझे हर रोज़ चोदने के लिए पूनम मिल गयी थी और पूनम को मैं।
उस रात फिर से मैंने खाना खाने के बाद पूनम को लंड चुसवाया और उसकी गांड मारी और रात को सबके सोने के बाद छत पर पूनम की अच्छे से चुदाई की।
आज 6 महीने गुज़र चुके हैं, पूनम मेरे साथ बहुत खुश है और हमारे साथ घर पर रहती है।
पूनम कहने को मामा की पत्नी है पर वो मुझे अपना पहला और आखिरी प्यार और पति मानती है और लगभग हर रोज़ मैं उसे चोदता हूँ।
दोस्तो, यह थी मेरी कहानी, अपनी अगली कहानी मैं जल्दी ही लिखूँगा।
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