यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
अब तक की सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि मैं नीतू को चोदने के लिए स्टूडियो ले आया था और अब उसकी चुदाई का खेल शुरू होने वाला था.
अब आगे..
नीतू मुझसे अलग हुई और हंसते हुए बोली- क्या जनाब आज चुदाई से ही पेट भरेंगे … सवा आठ हो गए हैं, डिनर का क्या सीन है?
मैं बोला- अभी आर्डर कर देता हूं.
नीतू बोली- क्यों न आज हम लोग डिनर बाहर करें, यहां थोड़ी दूर ही एक बहुत अच्छा रेस्टोरेंट है … और उसमें बार भी है.
मैं तैयार हो गया. मैं जाने के लिए कार की चाबी उठाने लगा, तो नीतू ने मना कर दिया.
वो बोली- पैदल ही चलते हैं, आते हुए खाना भी हजम हो जाएगा.
हम दोनों पैदल ही चलने लगे. नीतू मेरी बांहों में बांहें ऐसे डाल कर चल रही थी, जैसे कोई पत्नी अपने पति के साथ चल रही हो. हम दोनों पंद्रह मिनट में रेस्टोरेंट पहुंच गए. पहले हमने ड्रिंक्स आर्डर की. नीतू ने अपने लिए वाइन मंगवाई और मैंने अपने लिए व्हिस्की. ड्रिंक के बाद हमने खाना खाया और वापिस स्टूडियो आने लगे.
रास्ते में मुझे आइस क्रीम वाला दिखा, तो मैंने नीतू से पूछा- तुम्हें कौन सा फ्लेवर पसंद है?
उसने चॉकलेट बोला, मैंने एक ब्रिक चॉकलेट आइस क्रीम की ले ली और स्टूडियो आ गए.
मैंने आइसक्रीम फ्रिज में रखी और मुड़ कर देखा, तो नीतू पीठ के बल बेड पर पैर लटकाये लेटी हुई थी. उसके मोम्मे सांस लेने से ऊपर नीचे हो रहे थे.
ये देख कर मैं उसके पास जाकर लेट गया और उसकी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर उसके मोम्मे सहलाने लगा. साथ ही उसके होंठ चूसने लगा. वो भी मेरे बालों में हाथ फेर कर मेरा साथ देने लगी. नीतू की आंखों में शराब का नशा साफ दिख रहा था. कुछ पल बाद हम दोनों अलग हुए, तो नीतू बेड पर बैठ कर अपने स्पोर्ट्स शूज उतारने लगी.
फिर वो खड़ी हुई और उसने अपनी जींस उतारी. मैं बस एक तरफ बैठा उसे देख रहा था कि ये कर क्या रही है. उसने टी-शर्ट नहीं उतारी, उसकी काली कच्छी उसकी गोरी मांसल टांगों के बीच कहर ढा रही थी.
अब वो मेरे पास आई और मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे नंगा कर दिया और मुझे बाथरूम में ले गयी. वहां जाकर उसने झुक कर मेरा लंड सूंघा और बोली- इसमें से आशा की चूत की स्मेल आ रही है.
ये बोल कर वो मेरे लंड को शावर जैल से धोने लगी और फिर उसने हैंड टॉवल से उसे ठीक तरह से साफ कर दिया.
मैंने उसे गोद में उठाया और रूम में लाकर बेड पर पटक दिया और उसकी काली कच्छी के ऊपर से उसकी चूत चाटने लगा. उसने मेरा सिर अपनी जांघों में दबा लिया. मैं उसकी कच्छी उतारने लगा, तो उसने मुझे रोक दिया और उठ कर मेरे होंठ चूसने लगी.
नीतू बोली- जानू, आप थोड़ी देर के लिए बाहर जाओ.
मैंने पूछा- क्यों?
वो बोली- जाओ तो … आपके लिए सरप्राइज है.
तो मैं नंगा ही एक सिगरेट जला कर रूम से बाहर आ गया. बाहर मौसम बहुत मस्त हो चुका था. कुछ ही देर में बारिश आने वाली थी. थोड़ी देर बाद नीतू ने मुझे अन्दर बुलाया. जब मैं अन्दर गया तो नीतू को देख कर मेरे होश उड़ गए. उसने पिंक कलर की ट्रांसपेरेंट बेबी डॉल ड्रेस पहनी हुई थी. होंठों पर गुलाबी लिपस्टिक हाथों और पाँव पर लाल रंग की नेल पॉलिश लगा रखी थी. कुल मिला कर वो एक सेक्स बम लग रही थी.
मेरे अन्दर आते ही वो मुझसे आकर लिपट गयी और मुझसे पूछा- कैसी लग रही हूँ मैं?
मेरे कुछ कहने से पहले बाहर आसमान में जोर से बिजली कड़की, तो मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरते हुए कहा- तुमने तो आज बिजलियां गिरा दीं मेरी जान.
ये बोल कर मैंने उसे गोद में उठा लिया और उसकी थोंग के साइड में से उसकी चूत में उंगली देने लगा. उसके रसीले गुलाबी होंठ चूसने लगा.
वो भी गर्म होने लगी और मस्ती में अपनी आंखें बंद करने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे नीचे उतारा, तो वो बैठ कर बड़े प्यार से मेरा लंड सहलाने लगी … और चूमने लगी. उसने लंड को चूमते हुए कहा- अब ये हमेशा के लिए मेरा है.
वो फिर से लंड को चूमने लगी, लंड के छेद में जीभ घुसाने लगी.
मैंने उसे खड़ा किया और उसकी गांड पर हाथ फेरते हुए उसकी चूत को थोंग से आजाद करके उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा.
वो तेज तेज स्वर में सीत्कारने लगी और बड़बड़ाने लगी- आह और अन्दर तक जीभ डालो … आह तेज और तेज … यस सक मी बेबी … आ आ आ आह और तेज … बहुत मजा आ रहा है..
उसने मेरा सिर अपनी चूत पर दबा लिया और ऐसे ही बड़बड़ाते हुए नीतू एकदम से झड़ गयी. उसकी चूत के पानी से मेरा सारा मुँह भीग गया. मैंने अपने होंठ नीतू के होंठों पर रख दिए और नीतू मेरे होंठों पर लगे अपनी चूत के पानी को चाटने लगी.
फिर मैंने नीतू के बदन पर बाकी बचे कपड़े भी उतार दिए और उसे मादरजात नंगी कर दिया. मैंने देखा अब नीतू के मोम्मे बिल्कुल टाइट थे और निप्पल भी बिल्कुल तने हुए थे.
जब मैंने पूछा, तो उसने बताया कि मोम्मे सुडौल और टाइट करने के लिए उसने एक लोशन लगाया था ताकि मुझे चूसने में मजा आए.
ये सुन कर मैं खड़े खड़े उसके मोम्मे चूसने लगा और सच में मुझे सुबह से ज्यादा मजा अब आ रहा था.
‘हटो अब मेरी बारी..’ ये बोल कर नीतू ने मुझे सोफे पर बिठा दिया और अपनी उंगलियों में अपना थूक लेकर मेरे लंड पर मलकर मुँह में लंड लेकर चूसने लगी.
वो कभी मेरे लंड को चूसती, कभी चूमती कभी मेरी गोटियों को चूसती … या फिर कभी मेरे लंड के टोपे को अपने होंठों पर लिपस्टिक की तरह फेरती.
कुछ देर ऐसे करने के बाद वो मेरे लंड को अपने मोम्मे के बीच में रख कर उन्हें ऊपर नीचे करने लगी. थोड़ी देर बाद वो फिर से मेरा लंड चूसने लगी. कसम से मुझे जन्नत का मजा आ रहा था. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके मुँह में लंड पेल कर उसका मुँह चोदने लगा.
कोई 5-7 मिनट तेज तेज उसका मुँह चोदने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. नीतू मेरे माल की एक एक बूंद चट कर गयी.
उसने मेरा लंड पूरा चाट कर साफ कर दिया और बोली- देखा चमका दिया ना आपके लंड को … ऐसे तो कभी भाभी ने भी नहीं चमकाया होगा.
मैं उसकी ये बात सुन कर हंस दिया और उसे बांहों में भर लिया. हम एक दूसरे के नंगे जिस्म को चूमने लगे.
थोड़ी देर बाद मुझे मूत आया, तो मैं मूतने चला गया. जब वापिस आया, तो नीतू सिगरेट जला कर सुट्टे मार रही थी.
मैंने उससे ड्रिंक बनाने को बोला और मैंने भी एक सिगरेट जला ली. नीतू गांड मटकाते हुए टेबल से बोतल गिलास लेकर आई और सिगरेट को होंठों के कोने में दबा कर एक पैग बनाने लगी.
मैंने उससे पूछा- तुम नहीं पियोगी?
वो बोली- मुझ पर से तो आपके लंड के पानी का नशा ही नहीं उतर रहा.
वो पैग मुझे देकर फिर से मेरे लंड को चूमने लगी. मैंने अपनी ड्रिंक खत्म की और उसकी चूत में उंगली देने लगा.
नीतू ‘आह आह यस यस.’ करने लगी.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
नीतू बोली- जानू यार अब मुझे चोद दो … आई लव यू!
ये सुन कर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी दोनों टांगों को खोल कर उसकी चूत चाटने लगा.
नीतू बोली- आह जानू, अब चूत मत चाटो प्लीज … नहीं तो मैं झड़ जाऊँगी. मैं अब बस आपके लंड से ही झड़ना चाहती हूं.
मैंने उसकी चूत चाटना छोड़ दिया. मेरी निगाहें उसके मम्मों पर गईं, जो उसके सांस लेने से ऊपर नीचे हो रहे थे. मैं उसके ऊपर चढ़ गया और जोर जोर से उसके मोम्मे चूसने और दबाने लगा.
नीतू बड़ी जोर जोर से चिल्लाने लगी- आह जानू … और जोर से चूसो इन्हें … आह चूसते जाओ … बहुत मजा आ रहा है आह … इसस उईई यस …
उसने मेरा सिर अपनी छाती में दबा लिया.
थोड़ी देर बाद वो बोली- जान चोद दो … अब रहा नहीं जा रहा.
मैंने भी फिर से उसकी टांगों को खोला और धीरे धीरे उसकी चूत में लंड पेलने लगा. क्योंकि मेरा लंड अब कुछ ज्यादा ही फूल कर मोटा हो गया था, तो उसे दर्द होने लगा.
मैं थोड़ा रुक गया और उसके होंठ चूसने लगा. कुछ देर बाद वो जब शांत हुई, तो मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. वो तेज तेज चिल्लाने लगी. मैं फिर से उसके होंठ होंठ चूमने लगा और धीरे धीरे धक्के मारने लगा.
कुछ देर बाद वो अपनी गांड को उठा उठा कर पूरा लंड अन्दर लेने लगी. मैंने भी धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
अब वो और भी तेज तेज चिल्लाने लगी- आह जानू मुझे ऐसे ही प्यार करते रहना … आह ओर तेज चोदो … बड़ा मजा आ रहा है.
मैं नीतू की बड़ी तेजी से चुदाई करने लगा. कुछ देर के बाद मैंने उसकी चूत में से लंड निकाला और उसकी दोनों टागों को उसके सिर की तरफ मोड़ दिया. ऐसा करने से उसकी चूत बेड से आधा फुट ऊपर हो गई. मैं थोड़ा खड़ा सा हुआ और फिर से लंड उसकी चूत में पेल दिया.
नीतू तेज तेज सिसकारियां लेने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… यस आआआ फक मी हार्ड … ऐसे में बहुत मजा आ रहा है.’
मैं भी उसे उसके कहे मुताबिक चोद रहा था … ताकि हम दोनों चुदाई का भरपूर मजा ले सकें.
कुछ देर बाद वो मस्ती में बोलने लगी- आह यस आई एम कमिंग. … आह ओह और तेज चोदो. … उफ्फ आह बहुत मजा आया.
ऐसे चिल्लाते हुए, वो झड़ गयी उसकी चूत से पानी का झरना बह निकला. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे चोदने लगा. उसके लटकते मोम्मे बहुत ही मस्त लग रहे थे. कुछ देर बाद मैंने उसे पीठ के बल लिटा दिया और उसकी टांगें चौड़ी करके धकापेल चोदने लगा. पूरे कमरे में फच फच फच की आवाज आ रही थी.
कुछ देर बाद मेरा भी शरीर ऐंठने लगा, तो वो समझ गयी कि मेरा भी होने वाला है. उसने कस कर मुझे अपनी बांहों में ले लिया. मैंने तेज तेज उसकी चूत में धक्के मारे और मैं भी झड़ गया. मैं और नीतू निढाल हो कर लेट गए.
नीतू अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी उसकी चूत और मेरे लंड का मिला जुला पानी उसकी चूत से निकलता हुआ उसकी गांड पर बह रहा था.
फिर नीतू उठी और मेरे बालों में हाथ फेरते हुए बोली- आ मेरा बाबू थक गया.
मैं बोला- थकूंगा नहीं तो और क्या होऊंगा … एक दिन में दो दो चुत की चुदाई की है.
नीतू मेरे होंठ चूमते हुए बोली- आव मेरा बाबू कितनी मेहनत करता है.
ये बोल कर वो हंसने लगी और मेरे ऊपर आकर लेट गयी. हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. एक दूसरे की बांहों में नंगे लेट गए.
कुछ देर बाद नीतू ने मुझे सिगरेट जला कर दी और बोली- जानू मैं आपसे शादी करना चाहती हूं.
मैं उसकी बात सुन कर चौंक गया और बोला- आर यू मैड? तुम्हें पता है ना मैं पहले से शादीशुदा हूं … और दो बच्चों का बाप हूँ.
वो बोली- जानू मैं सब जानती हूं और ये भी जानती हूं कि मुझे आपके लंड जैसा लंड और आपके जैसा चुदाई करने वाला मर्द और कहीं नहीं मिलेगा.
मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरते हुए बोला कि देखो नीतू ये तो नामुमकिन है, पर तुम्हें मेरी जब भी जरूरत महसूस हो, तो बस मुझे एक बार फ़ोन कर देना, मैं हाज़िर हो जाऊंगा.
ये सुन कर नीतू थोड़ा उदास हो गयी, तो मैंने उसे चूमते हुए कहा कि मैं वादा करता हूँ कि तुम तुम्हारी सुहागरात के टाइम दुनिया के जिस कोने में भी होगी, तुम्हारे पति से पहले मैं तुम्हारे संग सुहागरात मनाऊंगा.
वो मेरा लंड सहलाते हुए बोली- जानू, मैं आपको बहुत मिस करूंगी.
ऐसे ही हम एक दूसरे के नंगे बदन को सहलाते कब सो गए, पता ही नहीं चला.
अगली सुबह मैंने नीतू को दो बार और चोदा और फिर घर आ गए. घर आ कर मैंने और वन्दना ने चुदाई की और एक बार आशा से लंड चुसवाया. सबको मिल कर मैं स्टूडियो वापिस आ गया.
दोस्तो, आप सबको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी. प्लीज़ कमेंट्स जरूर करें … मेरा नया ईमेल अब [email protected] है
आपका अपना राकेश