यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
अब तक आपने पढ़ा था कि मैं सतना शहर में अपने प्रेमी आशीष के साथ उसकी बुआ के घर में उससे चुदाने की तैयारी में थी.
अब आगे:
तभी आशीष मेरी समीज के ऊपर से ही मेरे दोनों दूधों को पकड़ कर जोर से दबा दिया और फिर मुझसे बोला- तू बहुत मस्त लग रही है.
वो मेरी समीज को पकड़ के उतारने लगा. जैसे ही गर्दन के ऊपर करके उतारा तो मैं ऊपर से पूरी नंगी हो गई. तो आशीष मेरे ऊपर चढ़ गया और बोला- बंध्या यार बुरा मत मानना, मैं बहुत गंदा बोलूंगा … तुम भी बोलना.
मैं बोली- ठीक है, आशीष तुम भी बुरा मत मानना, मैं जो भी बोलूंगी सब बनावटी झूठ होगा … बस तुम्हें खुश करने के लिए कहूँगी.
आशीष ने अब मेरे पेट को चाटना शुरू कर दिया. वो मेरे पूरे पेट को चाट चाट के बिल्कुल मुझे पागल कर रहा था. वो मेरी नाभि को चूमने लगा और बोला- बंध्या तुझे मैं गाली दूंगा और रंडी छिनाल बोलूंगा, तुम बुरा तो नहीं मानोगी?
मैं बोली- नहीं आशीष, जिससे तुम्हें मजा आए, सब बोलो.
उसने मेरे यह कहते ही मेरे होंठों को चूम लिया और बोला- तू बहुत अच्छी है पर एक बात बोलूं, तू बिल्कुल एक नंबर की माल लगती है. मेरी बीवी बनेगी इसलिए आगे चल के तुझे बहुत बचाना होगा क्योंकि हर कोई तुझे चोदना चाहेगा. एकदम आइटम दिखती है तू.
मैं बोली- आशीष, तू भी बहुत मस्त है, तेरा कोई जवाब नहीं. मैं तो तेरे लिए कुछ भी बन जाऊंगी.
तब आशीष बोला- सच बोल रही है?
मैं बोली- हां तुझे बहुत प्यार करती हूं.
तब आशीष बोला- तू मेरे लिए रंडी बन जाएगी?
मैं पहले तो एकदम सोच में पड़ गई, फिर मैंने आशीष से बोला- तू बता, क्या सच बोल रहा है?
आशीष- तू मेरे लिए रंडी बन सकती है?
मैं बोली- हां बन सकती हूं, तेरे लिए मैं कुछ भी बस कर लूँगी … तू बोल बस दे.
आशीष यह सुनकर बहुत उत्तेजित हो गया. वो मेरी तरफ उल्टा हो गया. उसका लंड अब मेरे गले और गालों तरफ टकराने लगा. वह अपने हाथों से मेरी पैंट की जिप खोलने लगा और फिर बटन खोलने लगा. जैसे ही उसने जींस खिसकाकर उतारी, वैसे ही आशीष बिना पलक झपकाये मुझे देखने लगा.
वो बोला- उस दिन मैंने डरते हुए तुझे देखा था … आज यहां कोई डर नहीं. सच कहूं बंध्या, तू कयामत है, कोई तेरे जैसी सेक्सी लड़की नहीं हो सकती. तेरा फिगर बाप रे … कितना मस्त है. सबसे ज्यादा मस्त तेरी पिछवाड़े की उठान है. यह पतली कमर, गहरी नाभि, तेरे कड़क बूब्स … उस पर यह बहुत फूली हुई चुत … ओह गॉड … कोई मर्द ऐसा नहीं होगा कि तुझे देख ले और उसका तुझे चोदने का मन नहीं करे. सबसे सेक्सी तेरी आंखें हैं … इन तेरे गुलाबी होंठों का तो क्या कहना. फिर उस पर दुनिया की सबसे खूबसूरत तेरी यह प्यारी सी सेक्सी नाक लगती है. लगता है इसे खा जाऊं मैं बहुत लकी हूं बंध्या कि तू मुझे मिली. आज तुझे जी भर के अच्छे से देख सका हूं. तुझे मैं बहुत इंजॉय कराऊंगा, तेरे लिए कुछ भी कर जाऊंगा. तू बिल्कुल चिंता नहीं करना. तुझे मैं बहुत अच्छी-अच्छी ड्रेस दिलाऊंगा.
उसकी बातें सुनकर मैं बहुत खुश हो गई और उससे बोली- आशीष तू बहुत मस्त है.
आशीष अपनी दोनों टांगें इधर उधर करके मेरे कमर के नीचे जांघों में बैठ गया. अब उसका नंगा लहराता लंड मेरी आंखों के सामने था. उसने मेरी पैंटी के ऊपर जहां मेरी फूली हुई जगह के अन्दर चुत थी, वहां अपने होंठों से किस करने लगा और नाक भी रगड़ते हुए बोला- बहुत सेक्सी खुशबू है तुम्हारे नीचे की!
उसके बाद अपने हाथ से मेरी जहां चुत थी, उस जगह उंगलियों और हथेली से रगड़ने लगा, वो बोला- बंध्या, तेरे जितनी फूली हुई चुत तो मैंने ब्लू फिल्म के वीडियो में भी लड़कियों की नहीं देखी.
लगातार करीब 3-4 मिनट तक पैंटी के ऊपर से ही रगड़ता रहा और मुझे खा जाने वाली आंखों से देखता रहा. मेरा पूरा बदन अब कांपने लगा और मैं अपने मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाज निकालने लगी.
मैं- आशीष, तूने क्या कर दिया?
मैं इस तरह से बोलती जा रही थी कि तभी मेरी चूत से गर्म गर्म रस निकल कर मेरी चुत के पास गीला गीला निकलने लगा.
आशीष बोला- आह बंध्या, तू मस्त चुदासी हो गई है. तेरी पैंटी गीली हो गई बहुत मस्त है तू!
आशीष ने वहां फूली हुई जगह पर फिर से जोर से अपने होंठों को रख दिया. मैं बिल्कुल उछल गई.
उसके बाद मैं चूत उठाते हुए बोली- आशीष तुम बहुत हरामी हो … साले मेरे को यह क्या कर दिया. अब कुछ ऐसा करो कि मेरी तड़प मिट जाए.
तब आशीष बोला- हां मेरी कुतिया बंध्या … मैं अब तुझे जम के चोदूंगा. जब यह मेरा लौड़ा तेरी चुत को मसलेगा, तभी तेरी तड़प मिटेगी.
यह कहते हुए उसने कमर के नीचे हाथ लगा कर मेरी पैंटी का इलास्टिक को पकड़ा और पेंटी को नीचे उतार दिया. पैंटी उतार कर अपने हाथों में लेकर उल्टी तरफ से मेरी पैंटी को दिखाया कि देख तेरी चुत का रस कितना गिरा है.
बस देखते ही देखते वो पैंटी में लगा रस अपनी जीभ से चाटने लगा. उसकी यह हरकत देखकर मैं और एक्साइटेड हो गई. मैं सोचने लगी कि कितना मस्त लड़का मुझे मिला है … बहुत ही हॉट है. उसने मेरी पैंटी चाटी और फिर बेड में फेंक दी.
आशीष ने बिस्तर में रखी दो तकिया मेरी कमर के नीचे लगा दिए और फिर बोला कि ओह बंध्या क्या मस्त तेरी छोटी सी चुत है. उसने मेरी टांगों को इधर-उधर फैला करके सीधे अपना मुँह रखकर उसे चूमा और फिर जीभ निकाल कर मेरी चुत में जैसे जीभ को डाल दिया.
मैं आशीष से बोली- मार ही डालोगे क्या? मुझे और मत तड़पाओ … कुछ कर दे..
उसने दोनों टांगें मेरी अपने कंधे में रखी और अपना मुँह मेरी चुत में फंसा कर इतना जोर से चाटने लगा, जैसे खा ही जाएगा. फिर दोनों हाथ ऊपर करके एक एक हाथ में मेरे दोनों मम्मों को पकड़ के दबाने लगा. वो मेरे बूब्स को इतना जोर से दबा रहा था कि मैं ना चाहते हुए भी चीख पड़ती थी. वो पूरी ताकत से दबा रहा था. मेरी चुत बहुत तेजी से चाटने लगा.
अब आशीष ने पूरी जीभ अन्दर डाल के और वहीं चुत में अन्दर तक जीभ चलाने लगा. फिर उसने जीभ बाहर निकाली और बोला- साली बहुत चुदक्कड़ है तू … इतनी सेक्सी तो कुतिया भी नहीं होती, तुझे तो हर वक्त लंड चाहिए होगा … आह क्या मस्त तेरी चुत है. मैं शादी के बाद 24 घंटे बस तेरी टांगों की नीचे लेटा तेरी चुत को चाटता रहूंगा. बहुत मस्त है तेरी प्यारी बहुत गर्म सेक्सी चुत.
इतना कहते हुए आशीष अब मेरी चुत में नीचे से ऊपर जीभ अपनी चलाने लगा. मैं भी आशीष के बालों को पकड़ कर उसका सर अपनी चुत में दबाने लगी.
मैं बोलने लगी- हां भड़वे कुत्ते और चाट … मस्त चाटता है आशीष तू … बहुत कमीना है … और चाट जोर से ले उंहहह ऊंहहह हां हां हां!
मैं गरम आवाज निकाल रही थी.
तभी मैं आशीष से बोली- मुझे उठने दे, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा … मैं नहीं मर जाऊंगी, मेरी हालत को तूने बहुत खराब कर दिया है.
आशीष बोला- रुक थोड़ी देर … मेरा चोदने से ज्यादा मन तेरी चुत चाटने का है.
फिर आशीष उठा और सीधे मेरे सीने के इधर-उधर पैर कर दिया और उल्टा हो गया. जैसे ही वो उल्टा हुआ, उसका लौड़ा मेरे गालों से टकराने लगा और फिर से उसने अब मेरी दोनों जांघों को फैलाकर मेरी चुत में अपनी जीभ डाल दी. अब मुझसे रहा नहीं गया मैंने अपने दोनों हाथों से आशीष का लौड़ा पकड़ लिया और ऊपर नीचे करने लगी.
इतने में जैसे ही उसने दांत जीभ मेरी चुत में गड़ाए, मैंने आशीष का लंड मजबूर होकर मुँह में अपने घुसाने लगी. बहुत लम्बा लंड था उसका … मोटा तो बहुत नहीं था. उसके लौड़े से अजीब गन्ध आ रही थी, पर उस समय मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. मैं आशीष का लौड़ा निपोर कर चाटने लगी. फिर पूरा अन्दर तक ले कर चूसने लगी. आशीष अपना मुँह ऊपर करके बोला- आह साली लगता है, तू तो बहुत बड़ी छिनाल बनेगी … ऐसा तो सिर्फ रंडियां ही करती हैं, जैसा तू कर रही है.
मैं बोली- आशीष तूने रंडियों को किया है क्या?
तो बोला- नहीं रे पगली … सुना है … वीडियो में देखा है और मेरे कुछ दोस्त रंडियों संग सेक्स कर चुके हैं, तो वह बता चुके हैं मुझे.
मैंने कहा- मुझे भी रंडी बनना है.
मेरे मुँह से यह सुनकर अचानक आशीष चुत से मुँह उठाकर बोला- क्या बोल रही है … सच में तेरा मन रंडी बनने का है?
मैं बोली- हां सच में … उनके जैसा करने का मन है … और उनको तो लोग पैसे भी देते हैं, कितना अच्छा होता है कि मजा भी ले लो और साथ में खूब सारे पैसे भी मिलें … क्या मस्त लाइफ होती है रंडियों की … मुझे रंडी बनना है. आशीष, मैं अभी पांच महीने से अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी सहित अन्य सेक्स की कहानियों की कम से कम बीस किताबें पढ़ चुकी हूं और ब्लू फिल्म की सीडी डीवीडी में सौ से ज्यादा फिल्म देख चुकी हूं. सब सर ला कर दिए थे. उसके बाद से अपने आप पता नहीं क्यूं, मेरे मन में आ गया. बस लगा कि मुझे भी रंडी बनना है. उनकी लाइफ मुझे बहुत पसंद आई. सारे मर्द उनके पैरों और टांगों के नीचे होते हैं. चाहे कितना भी पढ़ा लिखा हो या कितना भी अमीर हो.
आशीष बोला- यार तू जबरदस्त है मुझे क्या हर लड़के और मर्द को तेरे जैसी सेक्सी गर्ल फ्रेंड और वाइफ चाहिए.
मैं बोली- अब जैसा भी हो, पर मुझसे रहा नहीं जाता और यह तेरा लौड़ा बहुत गर्म है. बहुत मस्त है रे मुझे बहुत पसंद है … इसे खा जाऊंगी.
मैं फिर से आशीष के लौड़े को मुँह में भर कर चाटने लगी, चूसने लगी. आशीष के मुँह से भी ‘साली कुतिया छिनाल और चाट बहुत मस्त चूसती है.’ निकलने लगा.
वो ‘आहह वोहह बंध्या …’ कर रहा था. मैं नीचे लंड चूसती रही. अब आशीष ने अपनी दो उंगलियां एक साथ मेरी चुत में अचानक डालीं, तो फट से घुस गईं. वो उन्हें अन्दर बाहर करने लगा. मैं बिल्कुल पागल होकर उसके दोनों तरफ गर्दन में अपनी टांग कैची करके फंसा दी और बोली- आह मर जाऊंगी आशीष अब मुझसे नहीं बर्दाश्त हो रहा आशीष … अब तू चोद डाल … अपना लंड डाल दे … मेरी फाड़ दे चुत को … नहीं मैं पागल हो जाऊंगी.
करीब 3 मिनट तक उंगलियों से रगड़ने के बाद आशीष बोला- छोड़ मेरे लौड़े को … मैं तेरी चुत को फाड़ ही दूं … पर बंध्या तेरी चुत चाटने में जो मजा है, वो मजा चुदाई में नहीं आ सकता है. तेरी मेरी जोड़ी कमाल की है.
मेरे मुँह से लंड निकाल कर आशीष मुझसे बोला कि तुम कुतिया की तरह बन जाओ.
मैं झट से पैर घुटनों के बल करके और हाथों को बिस्तर में टिका कर कुतिया की तरह बन गई. आशीष मेरे पीछे तरफ आया और जैसे ही पीछे आया, वह एकदम से वो चीज बोला, जो मैं सोच नहीं सकती थी.
उसने बोला- बंध्या, तेरी गांड तो आइटम बम है … क्या गजब की गांड है … तेरे कूल्हे मस्त हैं. पिछवाड़ा एकदम लाल लाल है … मैं तो पागल हो रहा हूं. अब तो पहले मैं तेरी गांड ही मारूंगा साली … तेरी तो गजब की गांड है. मैंने आज तक किसी वीडियो में ऐसी उठी हुई निकली गांड नहीं देखी. मैंने ऐसी गांड के बारे में सोचा भी नहीं था. अगर तुझे कुतिया ना बनाता, तो मैं तेरी गांड का यह राज मुझे पता ही नहीं चलता.
मैं उसकी बात से हतप्रभ थी.
आशीष- वैसे तो जब तू मटक कर चलती है, तो तेरी निकली हुई गांड बहुत हिलती है. खड़े होने चलने में भी गजब लगती है, पर ऐसे में तो किसी भी मर्द को किसी भी लड़के को पागल कर देगी.
बस उसने सीधे मेरी गांड पर अपनी हथेली को रखा और अब बैठकर मेरी गांड में अपना मुँह लगाकर मेरी गांड के सुराख पर अपनी जीभ लगा कर उसे चूमने लगा और मेरी गांड को चाटने लगा. मेरी गांड में बहुत गुदगुदी उसके जीभ चलाने से चाटने से होने लगी. मैं सच में इतनी चुदासी थी कि मुझे कुछ पता नहीं चला.
मैं बोली- जो भी करना है कर दे आशीष … बस अपना लौड़ा डाल दे और चोद दे … अब मैं मरी जा रही हूं.
तो आशीष बोला- ठीक है मेरी डार्लिंग बहुत सेक्सी है तू … क्या बताऊं मुझसे भी नहीं रहा जा रहा.
उसने बहुत सारा थूक मेरी गांड में थूक दिया और अपने लंड में भी लगाया. उसके बाद सीधे मेरे पीठ के ऊपर तरफ आके टांगें इधर उधर करके अपना लौड़ा मेरी गांड के छेद में टिका दिया.
मेरी चुदाई की कहानी कैसी लग रही है, आप प्लीज़ मेल करते रहिएगा.
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कहानी जारी है.