अस्सलाम वालेकुम दोस्तो, मैं अन्तर्वासना पर आपकी वासना को और भड़काने के लिए एक नई सेक्स कहानी लेकर आई हूँ. ये सेक्स स्टोरी मेरे भाई साहिल की हैं। वह चाहता है कि मैं यह कहानी आप सबके सामने पेश करूँ।
तो पेश है साहिल की कहानी उसी की जुबानी।
मेरा नाम साहिल है, 27 साल का हूं, दिल्ली का रहने वाला हूं।
मैं दिखने में काफी अच्छा हूं, कद 5’11” गोरा रंग, फिट बॉडी और 7 इंच के लंड का मालिक हूं।
वैसे तो स्कूल, कॉलेज में लड़कियां बहुत थी और उनमें मेरी रूचि भी थी. मगर मैं ऐसी किसी लड़की के साथ कुछ नहीं करना चाहता था जो चालू टाइप की होती है।
और मुझे मेरे टाइप की लड़की मिल नहीं रही थी तो बस दोस्तों के साथ मस्ती में समय निकाल दिया।
यह मेरे कॉलेज की बात है जब मैं कॉलेज के दूसरे साल में था।
हम 4 दोस्त अचिंत, मीतेश, अक्षय और मैं घूमने का प्लान बना रहे थे.
तो हमने नैनीताल घूमने जाने का प्लान बना लिया और हम 25 दिसंबर को निकल गए.
आप लोग तो जानते ही होंगे कि उन दिनों में नैनीताल में कितनी ठंड होती है. हमारे पास ठंड भगाने का जुगाड़ था दारू!
हमने सब सामान लिया और दोस्त की गाड़ी से निकल गए. हम लोग दिल्ली से नैनीताल लगभग 8 घंटे में पहुँचे. वहां जाकर हमने 2 रूम ले लिए और फ्रेश होने लगे.
शाम को जब भूख लगी तो सब एक रेस्टोरेंट में जाकर खाना खाने लगे. वहाँ हमने 2 लड़कियों को देखा जो हमारे सामने वाली टेबल पर बैठी हुई थी. वो दोनों लड़कियां देखने में नार्मल सी थी मगर उनके फिगर किसी का भी लंड खड़ा कर दे ऐसी थी.
मैं और अक्षय हम दोनों में बहुत गहरी दोस्ती है तो हम दोनों एक सीट पर बैठे थे और अचिंत और मीतेश सामने वाली सीट पर थे. वो दोनों लड़कियां उनके पीछे मगर हमारे सामने मुंह करके बैठी थी.
तो मैं और अक्षय उन लड़कियों को देखकर स्माइल करने लगे.
पहले तो उन्होंने हमें पूरा इग्नोर किया. तो हमें ये बुरा लगा.
तो अक्षय बोला- यार छोड़ ना … अब और लाइन नहीं मारेंगे.
फिर हम चारों ने अपनी बकचोदी शुरू कर दी और उन लड़कियों से ध्यान हटा लिया. मगर बार बार मेरी नज़र उन लड़कियों पर ही जा रही थी.
थोड़ी देर बाद मैंने नोटिस किया कि वो लड़कियां हमारी तरफ देखकर स्माइल कर रही थी. मैंने भी उन्हें देखकर स्माइल कर दी. तो वो दोनों आपस में कुछ बात करके हँसने लगी.
फिर थोड़ी देर बाद वो चली गई. फिर हम भी वहां से निकल गए।
रात को हम माल रोड पर घूम रहे थे. वहां का नज़ारा देखकर तो बस तन बदन में आग ही लग गयी. दोस्तो, वहाँ एक से बढ़कर एक लड़कियां थी. हालांकि दिल्ली की लड़कियां भी मस्त होती है लेकिन वहां की लड़कियों की बात ही कुछ और थी।
खैर हम वहाँ रात के 1 बजे तक घूमते रहे और मज़े लेते रहे. फिर हम वापस अपने होटल आ गये और आकर सो गए.
अगले दिन हम फिर से घूमने के लिए निकलने वाले थे तो होटल से निकलते टाइम रिसेप्शन पर वो दोनों लड़कियां मुझे दिखी तो मैं अक्षय को दिखाने लगा.
इतने में हमारे दोनों दोस्त अचिंत और मीतेश आगे निकल गए.
हम दोनों उन लड़कियों के पास जाकर खड़े हो गए और बिल्कुल अंजान बनकर रिसेप्शन पर बैठी लड़की से कुछ बात करने लगे. तभी उनमे से एक लड़की ने हमें देखा तो अपने साथ वाली लड़की से कुछ बोलने लगी.
इतने में मैंने उनकी तरफ देखा और स्माइल के साथ हेलो बोलकर हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ाया तो उनमें से 1 लड़की ने हाथ मिलाकर हेलो बोला. उस लड़की के हाथ छूकर तो मज़ा ही आ गया जैसे किसी रुई की गुड़िया का हाथ पकड़ा हो.
फिर मैंने अपना नाम बताया तो उसने अपना नाम नीलू बताया. ऐसे ही दूसरी लड़की का नाम सरीना था।
हमारी कुछ देर तक ऐसे ही बात हुई तो वो दोनों बात करने में बहुत कंफर्टेबल लग रही थी, हँसी मज़ाक चल रहा था.
तभी मेरा फ़ोन बजा तो देखा अचिंत का फोन था.
वो बोला- तुम दोनों कहाँ रह गए?
तो मैंने उसे बहाना बना दिया- मेरी तबियत ठीक नहीं है इसलिए मैं और अक्षय वापस होटल आ गए हैं.
अचिंत बोला- चल तू रेस्ट कर … हम घूम कर आते हैं. शाम को मिलेंगे.
यह कहकर उसने कॉल कट कर दी और मैं भी वापस आकर बात करने लगा।
मैंने देखा अक्षय और सरीना की बहुत अच्छी बन रही थी वो दोनों एक साथ बैठकर बात कर रहे थे और नीलू अकेले बोर हो रही थी.
जैसे ही मैं गया उसके चेहरे पर एक हसीन मुस्कान आ गयी, वो मुझसे हँसकर बात करने लगी.
थोड़ी देर ऐसे ही बकचोदी के बाद नीलू बोली- चलो हम चारों कहीं घूमने चलते हैं.
तो हम सब वहां से निकल लिए.
हम नैनी झील गए, वहां बोटिंग की तो नीलू और मैं एक साथ और अक्षय और सरीना एक साथ बैठे थे.
अचानक से नीलू ने मेरे हाथ में अपना हाथ डाल दिया तो मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुरा दी मगर कुछ बोली नहीं।
पहले दिन ही बात करते हुए नीलू मुझे देखे जा रही थी और वो इतनी सुंदर थी कि मैं भी उससे नजर ना हटा पाया।
तो वो मुझे खुद को ऐसे देखते हुए बोली- ऐसा क्या देख रहे हो?
मैं बोला- पहली बार असली खूबसूरती देखी है तो उसे ही आंखों में समेट रहा हूँ.
मेरी इससे बात पर वो शर्मा गयी, हम फिर घूमने में व्यस्त हो गए।
फिर शाम को हम चारों ने एक साथ डिनर किया और वापस अपने होटल आ गए.
हम सबका होटल एक ही था तो गुड नाईट बोलकर मैं जाने लगा तो मौका देखकर नीलू ने मुझे गले से लगा लिया और गाल पर पप्पी देकर भाग गई।
अब मैं आपको नीलू और सरीना के बारे में कुछ बता देता हूँ, नीलू एक 24 साल की ऐसी लड़की है जिसे हर कोई अपने बिस्तर तक लाना चाहता होगा. उसकी फिगर 34-27-34 की रही होगी, एकदम गोरी लंबे बाल और पिंक होठ और सबसे प्यारी उसकी नीली आंखें।
उफ़्फ़ … मार ही डाले किसी को भी!
और सरीना 23 साल की … वो भी बेइंतहा खूबसूरत लड़की थी. उसका फिगर 32 28 34 के आस पास रहा होगा।
वो दोनों कॉलेज फ्रेंड्स थी और दोनों मुरादाबाद की रहने वाली थी, यहां नैनीताल घूमने आए थी।
खैर अब हमें आये हुए 2 दिन हो चुके थे और 2 ही दिन बाकी थे तो अब मैंने और अक्षय ने सोचा कि जो करना है इन दो दिन में करना पड़ेगा.
मगर कहते हैं ना कि किस्मत के आगे किसी की नहीं चलती. तो हम दोनों को ही कोई मौका नहीं मिला.
हालांकि इसी बीच 1 बार रात को हम चारों घूम रहे थे तो मैंने नीलू को पकड़कर अकेले में ले गया क्योंकि मुझे नीलू के साथ अकेले घूमना था.
मगर सरीना हमें अकेले छोड़ ही नहीं रही थी.
तो अब हम अकेले हो गए … हम अकेले ही घूमने लगे. हम दोनों को एक साथ बहुत मज़ा आ रहा था. तभी हम एक सुनसान जगह पहुँच गए और वहाँ बैठकर बात करने लगे.
तभी थोड़ी देर बाद नीलू बोली- साहिल, एक बात बताओ तुम सच में इतने सीधे हो या मेरे साथ कंफर्टेबल फील नहीं कर रहे हो?
तो मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है.
वो बोली- हम दोनों यहां अकेले हैं और इतनी खूबसूरत लड़की तुम्हारे साथ बैठी है. फिर भी तुम कुछ नहीं कर रहे? कहीं तुम्हें मुझसे प्यार तो नहीं हो गया?
मैंने उसे कुछ नहीं कहा.
तो उसने अचानक मेरा चेहरा पकड़कर मुझे किस करना शुरू कर दिया.
अब मैं भी उसे किस करने लगा. फिर धीरे से मैंने उसके बूब्स भी दबा दिए तो उसने मेरा हाथ छिटक दिया और किस करने लगी.
फिर वहां किसी के आने की आहट हुई तो हम वहां से निकल लिए।
बस अब तक इतना ही हुआ था हमारे बीच.
फिर वापस जाने का दिन आ गया था, सब समान पैक करने लगे.
मगर मेरा और अक्षय का जाने का मन नहीं था क्योंकि हमारे पास माल था जिसके साथ हमने कुछ किया नहीं था.
मगर बुझे मन से हम सामान पैक कर रहे थे, तभी नीलू का फ़ोन आया मेरे पास. उसने मुझे एक जगह बुलाया तो मैं उससे मिलने गया.
जाते ही उसने मुझे जोर से गले लगा लिया और बोली- मत जाओ ना!
मैंने उसको बोला- यार 4 दिन का ही प्रोग्राम था, अब जाना पड़ेगा.
तो वो बोली- 2 दिन और रुक जाओ, हमारे साथ चलना, हम भी 2 दिन बाद निकल जाएंगी।
जब वो बहुत जोर देने लगी तो मैंने अक्षय को कॉल करके वहीं बुलाया और नीलू ने सरीना को बुला लिया.
फिर हम चारों सोचने लगे कि कैसे रुका जाए. प्रॉब्लम सिर्फ यह थी कि हम अचिंत और मीतेश को क्या बोलेंगे.
तभी नीलू बोली- उन्हें बोल दो कि तबियत खराब की वजह से तुम नैनीताल घूमे नहीं हो इसलिए तुम और अक्षय घूमना चाहते हो और 2 दिन बाद आ जाओगे और उन्हें जाने को बोलो.
यह आईडिया सबको पसंद आया और हमने यही जाकर अचिंत और मीतेश को बोला तो वो मान गए.
अचिंत बोला- मैं भी तुम्हारे साथ रुकूंगा.
यह सुनकर हमारी फिर से गांड फट गई.
तभी मीतेश बोला- अचिंत यार, तू मेरे साथ चल … मेरा जाना जरूरी है.
अचिंत मन मारकर चला गया.
अब हम चारों आज़ाद थे.
उनके जाने के बाद नीलू और सरीना हमारे रूम में आ गयी.
रूम में आते ही नीलू ने मुझे किस करना शुरू कर दिया. उधर सरीना और अक्षय भी चुम्मा चाटी में लीन हो गए।
थोड़ी देर बाद सरीना और अक्षय रूम से बाहर चले गए मगर नीलू तो जैसे मुझे छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी. उसने मुझे पूरी तरह चूस डाला, एक झटके में मेरी शर्ट फाड़ दी और मेरी छाती पर किस करने लगी.
मेरी नजर उसके बूब्स पर पड़ी, उसके टॉप का गला बड़ा होने की वजह से मुझे उसकी चूचियों की लकीर दिख रही थी. यह देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया.
मैंने भी उसका टॉप निकाल दिया. अब वो मेरे सामने ब्रा में थी. मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके उरोज दबाने शुरू कर दिए.
तो कुछ देर बाद आवाज़ आयी- आह … याहया … साहीईल्ल आहा …
मैं समझ गया कि वो गर्म रही है.
और मैंने अब जीन्स के ऊपर से ही उसकी चूत सहलानी शुरू कर दी।
फिर उसने मुझे नंगा कर दिया और एक हाथ से मेरा लन्ड सहलाने लगी
मैं उसे किस किये जा रहा था वो किस में बराबर साथ देने लगी।
किस करते हुए मैंने उसके 34 के मम्मे दबाये और गोरी गांड का भी स्पर्श कर लिया। वो मेरा मेरा लण्ड जोर से दबाने लगी।
ज्यादा देर न करते हुए मैंने उसके कपड़े उतार दिए और वो पूरी नंगी मेरे सामने थी। मन तो किया जल्दी सी इसकी चूत में लंड डाल दूँ।
पर मेरी बहन फेहमीना ने बताया था कि लड़की को पहले अच्छे से गर्म करने के बाद ही चोदना चाहिए।
इसलिए मैंने उसके पूरे शरीर को पहले चूमना शुरू किया। बहुत ही मुलायम शरीर था उसका।
बेड पे लिटा के कान, चूची, नाभि, चूत ,पैर सब कुछ बारी बारी से चूसने के बाद वो उछलने लगी और कुछ देर में झड़ गयी।
उसकी चूत का नमकीन पानी मैं चूस के पी गया।
तो दोस्तो, कैसी लग रही है आपको मेरे भाई की चुदाई कहानी?
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