कैसे हो दोस्तों? सब खेरियत तो है. मेरी पिछली कहानी
नैनीताल में दो लड़कियां के साथ ग्रुप सेक्स-2
में आपने पढ़ा कि…
बेड पे लिटा के कान, चूची, नाभि, चूत ,पैर सब कुछ बारी बारी से चूसने के बाद वो उछलने लगी और कुछ देर में झड़ गयी।
उसकी चूत का नमकीन पानी मैं चूस के पी गया।
अब आगे मेरे भाई की जुबानी:
अब मैंने उसके हाथ में लण्ड पकड़ा दिया। उस समय मेरा लण्ड इतना बड़ा हो गया था कि मैं खुद देख के हैरान हो रहा था। फिर उसने लंड मुंह में लिया और हल्के से चूसने लगी।
मैं उसे लण्ड चूसा रहा था तो मुझे जन्नत का अहसास हो रहा था।
मैंने दो तीन झटके उस लड़की के मुंह में मारे और आधे से ज्यादा लण्ड मुंह में घुसा दिया और साथ में मैं उसकी चूत में उंगली भी कर रहा था। उसकी चूत से बहुत गर्मी निकल रही थी.
देर न करते हुए मैंने उसको लिटाया और चोदने के लिए उसकी टांगों को चौड़ी करके उसकी जाँघों के बीच में बैठ गया। मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद में टिकाया और धक्का मारा लेकिन मेरा लण्ड और उसकी चूत दोनों एकदम गीले थे फिर भी लण्ड अंदर डालने में फिसल रहा था.
शायद हम ठंड की वजह से काँप रहे थे इसलिए मुश्किल ज्यादा हुई।
मैंने हाथ से चूत का छेद थोड़ा खोला और लण्ड का टोपा अंदर डाल दिया उसे दर्द हुआ। मैंने दोबारा कोशिश की और इस बार लंड चूत पर सटा कर उसके ऊपर लेट गया ताकि वो उछल ना पाये और एक ही झटके में आधा लण्ड चूत में डाल दिया।
वो चीखी- आआईईई माँ उफ़्फ़ ओहह हह उईईई मार डाला … आराम से साहिल आःह्ह ह्ह्ह … बहुत दिनों बाद चुद रही हूं … आराम से करो आहहह हहह ऊउफ़्फ़ फ़फ़!
मेरा लंड लड़की की चूत के अंदर ही था पर मैं रुक गया और उसे चूमने लगा।
फिर मैंने धीरे धीरे लण्ड उस लड़की की चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया. उसका दर्द कम हो रहा था और अब पूरा लण्ड अंदर डालने पर वो मज़े में आआई उम्म्ह… अहह… हय… याह… ईईई आआ ह्ह चिल्ला रही थी।
15 मिनट बाद मैं झड़ने लगा तो मैंने लण्ड बाहर निकाल लिया क्योंकि उस वक़्त मैंने कंडोम नहीं पहना था. उस लड़की की चूत से मैंने लन्ड निकाल कर उसके पेट पर अपना माल छोड़ दिया।
हम दोनों झड़ गए.
अब मेरा लण्ड कड़क नहीं रहा था पर अब भी बड़ा हो रहा था।
कुछ देर चुम्मा चाटी करने के बाद हम फिर से तैयार हो गए. इस बार मैंने कंडोम लगा कर तेज़ी से चुदाई की। कभी घोड़ी बना के … तो कभी खड़ी करके … तो कभी लड़की की दोनों टाँगें हवा में उठा के उसे चोदा मैंने।
20 मिनट की दूसरी चुदाई के बाद मैं झड़ गया और इस बीच वो 2 बार झड़ी।
और फिर हम ऐसे ही सो गए.
सुबह 5 बजे मेरी आँख खुली तो वो मेरे ऊपर एक टांग रख कर सो रही थी. यह नजारा देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया और उसकी नींद में ही मैं लंड चूत पे लगा के अंदर डालने लगा।
वो अचानक उठी और हमने सुबह की एक फ्रेश चुदाई भी की।
फिर वो बोली- चलो देखते हैं कि सरीना और अक्षय की रात कैसी रही.
मैंने उसको बोला- वे दोनों रूम बन्द करके सोए होंगे.
तो वो बोली- चाबी मेरे पास भी है.
तो हम उनके रूम में चले गए.
हमने देखा कि अक्षय और सरीना दोनों नंगे पड़े हुए थे.
नंगी सरीना को देखकर मेरा लन्ड फिर खड़ा हो गया. उस वक़्त नीलू मेरे आगे खड़ी थी. उस वक़्त उसने बस नाइटी पहनी हुई थी, अंदर से वो नंगी थी.
मैंने देखा कि वो अक्षय के लंड को बहुत ध्यान से देख रही थी. मैंने सोचा यह बहुत सही मौका था सरीना को चोदने का! मैंने नीलू की नाइटी ऊपर उठा दी और खड़े खड़े उसे चोदना शुरू कर दिया. वो आह हहह उहह हह उई की आवाज़ निकाल रही थी मगर लगातार वो अक्षय के लंड को देख रही थी और मैं नंगी पड़ी सरीना को!
मैंने नीलू से पूछा- अक्षय से भी चुदने के मन है क्या?
तो वो बस मुस्कुरा दी.
मैंने पीछे से उसका मुंह पकड़ा और जोर से उसकी चूत में धक्का दिया. उसे दर्द हुआ तो मैंने उसे बोला- बोल न … अक्षय का लन्ड लेगी चूत में?
तो वो बोली- हाँ मुझे इससे भी चुदना है।
यह सुनकर मेरा लन्ड अपनी असली औकात पर आ गया तो मैंने नीलू की चूत में जोर जोर से धक्के देने शुरू कर दिया और नीलू जोर जोर से चीखने लगी.
हम यह भूल गए कि हम किसी और के कमरे में हैं.
तभी मेरा पानी निकलने को हुआ तो मैंने नीलू को घुमा कर नीचे बैठा दिया और लन्ड उसके मुंह में डाल कर धक्के देने शुरू कर दिए. थोड़ी देर में मेरे लन्ड ने एक पिचकारी उसके मुंह में छोड़ दिया जिसे नीलू ने चाटकर साफ कर दिया.
मगर जैसे ही हम पीछे मुड़े तो देखा कि अक्षय और सरीना दोनों नंगे हमें देख रहे थे।
फिर नीलू उनके पास गयी और सरीना को अक्षय से दूर करके मेरे पास धक्का दे दिया जिससे सरीना नंगी मेरी बांहों में आ गयी और उधर नीलू ने अक्षय के खड़े हो चुके लन्ड को पकड़ कर उसे लिप किस करना शुरू कर दिया.
उसको देखकर मैंने सरीना को बूब्स पकड़कर उसके होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. सरीना की लंबाई नीलू से कम थी. उसके बूब्स मसलने में मज़ा आ रहा था.
फिर मैं नंगी सरीना को गोद में उठाकर अपने रूम में ले आया और उसे बिस्तर पर पटक दिया और उसे हर जगह किस करने लगा. फिर हम 69 की पॉजीशन में आ गए. अब वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था।
फिर मैंने एक झटके में लन्ड उसके मुंह से बाहर निकाल लिया और उसे सीधा करके एक झटके में लन्ड उसकी चूत में उतार दिया.
वो बहुत जोर से चिल्लाई- आआईई ईईईई उफ़्फ़ अह हहह हह उहह आह उईई अह अम्मी मर गयी … चुत फाड़ दी बहनचोद ने!
और 5 मिनट बाद वो भरभराती हुई झड़ गयी.
मगर मैंने अभी नीलू को चोदा था तो मेरा पानी अभी नहीं निकलने वाला था. मैंने सरीना की चूत को चोदना जारी रखा. मैंने 20 मिनट तक सरीना की चूत को रगड़ा. इस बीच वो 4 बार झड़ी और लगातार रोती रही.
जब मैं झड़ने को हुआ तो मैंने सारा माल उसकी चूत के ऊपर छोड़ दिया.
फिर हम नंगे ही लेटे रहे।
थोड़ी देर बाद नीलू और अक्षय भी मेरे कमरे में आ गए. हम अभी तक नंगे एक दूसरे की बांहों में पड़े थे. उनके आते ही हम उठ गए.
हमें नंगा देखकर अक्षय ने नीलू को भी नंगी कर दिया. अब हम चारों नंगे थे, तो सबने साथ मिलकार नहाने का प्लान किया,
बाथरूम में हम सभी लोग नंगे थे अब नीलू अक्षय की और सरीना मेरी बांहों में नंगी चिपकी हुई थी. सबसे पहले अक्षय ने वहीं नीलू को झुका कर पीछे से उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया और इधर सरीना को मैंने नीचे बैठाकर लन्ड उसके मुंह में डाल दिया जिसे वो चपड़ चपड़ करके चूस रही थी.
फिर मैंने नीलू को अपने सामने खड़ा किया और उसके बूब्स चुसने शुरू कर दिए अक्षय नीचे बैठकर अभी भी नीलू की चूत चाट रहा था.
कुछ देर बाद नीलू ने सरीना के मुंह स मेरा लन्ड निकाल लिया और अपने मुँह में डालकर चूसना शुरू कर दिया.
उधर अक्षय ने उठकर सरीना को वही घोड़ी बनाकर उसकी चूत में लन्ड डाल दिया और जोर जोर से झटके देने लगा.
इधर अब नीलू ने मुझे किस करना शुरू कर दिया तो मैंने उसे लेकर दीवार से सटा कर उसकी एक टांग हवा में उठा दी और लंड चूत में डाल कर चोदना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद अक्षय और मैंने दोनों लड़कियों को बराबर में घोड़ी बना दिया और चोदना शुरु कर दिया।
तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया तो मैंने अक्षय को कान में वो आइडिया बता दिया जिसे सुनकर उसकी आंख भी चमक गयी.
हमने एक साथ लंड दोनों लड़की की चूतों से बाहर निकाल लिए, चोदना बंद कर दिया.
तो वो दोनों हमें चोदने को कहने लगी.
मैं बोला- पहले 1 शर्त है, फिर चोदना शुरू करेंगे.
तो दोनों ने इशारे से पूछा- क्या शर्त है?
मैंने कहा- हम दोनों तुम्हारी गांड मारना चाहते हैं.
यह बात सुनकर नीलू बिदक गयी मगर सरीना नार्मल रही. हम दोनों चौंक गए.
तो नीलू ने बताया कि उसने कभी गांड में लंड नहीं लिया है, जबकि सरीना अक्सर गांड मरवाती है।
यह सुनकर अक्षय ने सरीना को घोड़ी बनाकर उसकी गांड में लन्ड डाल दिया और मज़े से उसे चोदने लगा.
इधर मेरे बार बार मनाने से भी नीलू मान नहीं रही थी तो मैंने कहा- अब मैं तुम्हें तभी चोदना शुरू करूँगा जब तुम गाण्ड में लेने को तैयार हो जाओगी.
वो डर रही थी मगर अब ज्यादा विरोध भी नहीं कर रही थी.
सरीना ने उसे समझाया- बहुत ज्यादा दर्द नहीं होता है.
तो वो डरते हुए तैयार हो गयी.
मगर बोली कि वो गाण्ड बिस्तर पर मरवायेगी, अभी उसने उसकी चूत चोदने को बोला.
तो मैं खुश हो गया और उसकी चूत चोदनी शुरू कर दी।
थोड़ी देर की चुदाई के बाद हम सब झड़ गए और नहा धोकर बाहर आ गए.
फिर हम सब बाहर घूमने चले गए और सारा दिन मस्ती करते हुए निकल गया. शाम को होटल वापस आते हुए हमने दारू (रम) की बोतल साथ ले ली क्योंकि ठंड बहुत थी तो रात को उसकी जरूरत पड़नी ही थी.
फिर हम चारों एक ही रूम में इकट्ठा हो गए क्योंकि अब किसी को किसी के सामने नंगा या नंगी होने में शर्म नहीं थीं।
लेकिन जल्दबाजी में हम कंडोम लाना भूल गए.
मेरे दिमाग में 1 आइडिया आया, मैं बोला- आज कंडोम लेने सरीना और नीलू जाएंगी.
जिसे सुनकर सरीना की गांड फट गई, वो बोली- मैं नहीं जाऊंगी.
तो नीलू ने उसे बोला- चल न … मज़ा आएगा.
थोड़ा मनाने के बाद सरीना तैयार हुई तो हम चारों होटल से बाहर निकल कर मेडिकल स्टोर ढूंढने लगे. थोड़ी दूर चलकर हमें स्टोर मिल गया. वहाँ ठीक ठाक सी भीड़ थी.
तो मैं बोला- जाओ, यहाँ से कंडोम लेकर आओ.
नीलू चल दी जैसे उंसने पहले भी कंडोम खरीदा हुआ था.
मगर सरीना की गण्ड फट रही थी.
खैर 2 मिनट में दोनों वापस आयी उनके हाथ में कंडोम के पैकेट थे. नीलू तो नार्मल थी मगर सरीना के सीने पर जब मैंने हाथ रखा तो वो जोर जोर से धड़क रहा था.
मैंने मौका देखकर वहीं खुली सड़क पर उसके बूब्स दबा दिए और फिर हम वापस होटल आ गए।
वापस आकर मैं बोला- क्योंकि कंडोम लाने के नाम पर सरीना की गांड फट गयी थी इसलिए उसे सजा मिलेगी और नीलू को इनाम मिलेगा.
तो नीलू खुश हो गयी और सरीना फिर से डर गई.
नीलू ने पूछा- क्या सज़ा मिलेगी इसे?
तो मैंने कहा- सरीना अब दोनों लन्ड एक साथ चूत और गांड में लेगी.
जिसे सुनकर सरीना खुश हो गई और बोली- मैं तैयार हूं!
फिर नीलू बोली- मुझे क्या इनाम मिलेगा?
तो मैंने कहा- आज इनाम में तुम अपनी गांड में लन्ड लोगी.
यह सुनकर अब गांड फटने की बारी नीलू की थी तो वो बोली- सज़ा सरीना को मिलनी चाहिए थी तो उसे तो मज़ा मिला और मुझे इनाम के बदले सज़ा मिली?
उसकी बात सुनकर हम तीनों हँसने लगे।
फिर सरीना बोली- मालिक, पहले मुझे सज़ा चाहिए.
यह सुनकर मैंने अक्षय को आंख मेरी और हम दोनों सरीना पर टूट पड़े, उसे नंगी कर दिया.
पहले अक्षय नीचे लेटा तो सरीना अपनी चूत में लंड सेट करके बैठ गयी और पीछे से मैंने लन्ड सरीना की गांड में फिट करके चोदना शुरू कर दिया.
सरीना बस आहह हहह उफ़्फ़ उईई ईई आहह हहह उहह ओहहह हह … चोदो … मुझे रंडी बना लो अपनी … जानू चोद … उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोर से चोदो भोसड़ी वालो … तुम्हारे लन्ड में दम नहीं है क्या?
यह सुनकर अक्षय और मैंने और जोर जोर से झटके देने शुरू कर दिए. तो वो दर्द से आहहह करने लगी.
उधर नीलू नंगी पड़ी अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
तो मैंने सरीना की गांड से लन्ड निकाला और नीलू की टांग पकड़कर उसे उल्टा कर दिया और घोड़ी बना दिया और उसे गांड फैलाने को कहा.
नीलू ने दोनों हाथ पीछे ले जाकर गांड फैला दी. अब उसकी गांड का छेद साफ साफ दिख रहा था.
मैंने पहले उसकी गांड के छेद पर थोड़ा सा थूका फिर 2 उंगली 1 साथ उसकी गांड में डाल दी जिससे वो आआईईईई ईईईई करके चीखी.
अब क्योंकि मैं बहुत गर्म हो चुका था तो मैंने लन्ड उसकी गांड के छेद में टिकाया और धीरे धीरे दबाव डाल कर पूरा लन्ड उसकी गांड में उतार दिया.
वो बहुत जोर से ‘आहह आआह हहहह आहह हहह हम्फ़फ़ … फ़क … बहनचोद … गांड फाड़ दी बहन के लंड ने … आहह माँ मर गयी … बहनचोद बाहर निकाल भोसड़ी के … चीखी.
मगर मैंने उसकी गांड मारनी जारी रखी.
15 मिनट के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया और फिर साइड में लेट गया.
नीलू अभी भी टांगें समेटकर रो रही थी. उसकी गांड से मेरे लन्ड के पानी और हल्का सा खून भी आ रहा था.
फिर मैंने उसे दर्द की दवाई जो मेरे पास थी, दी तो वो सो गई.
और फिर हम सब भी नंगे वही सो गए. अगले दिन हमें निकलना था तो सुबह उठकर सबसे पहले सबने चुसाई चुदाई का 1 राउंड पूरा किया. नहाते हुए फिर चुदाई की.
फिर जब हम जा रहे थे तो रिसेप्शन पर मैंने नीलू को जोरदार किस किया. उस वक़्त वहाँ ज्यादा लोग नहीं थे, बस रिसेप्शन वाली लड़की थी.
वो मुस्कुराने लगी और बोली- सर, प्लीज यहाँ ये सब मत कीजिये.
तो हम वहाँ से निकल गए.
हम चारों बस से वापस आ रहे थे. नैनीताल से दिल्ली आते समय मुरादाबाद बीच में पड़ता है तो वहां तक हम साथ आये.
बस में मौका मिलने पर नीलू की चूत में उंगली भी की उसके बूब्स भी दबाये और मस्ती की।
जाते वक्त उनसे नंबर मांगा तो उन्होंने ये कहकर मना कर दिया कि अगर किस्मत में होगा तो दोबारा मिलेंगे.
फिर वो दोनों चली गयी और हम भी वापस दिल्ली आ गए।
मैंने अपनी यह चुदाई पूरे विस्तार से अपनी बहन फेहमिना को बतायी तो वो बहुत खुश हुई मेरी चुदाई की कहानी सुन कर.
उसने मेरी कहानी लिख कर आप तक पहुंचाई.
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरे भाई की दो लड़कियों को एक साथ चोदने की कहानी?
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