यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
उधर मैंने मैंने रानी की निकर को ढीला किया और एक ही झटके में खींच कर उतार डाला, फिर एक तरफ को फेंक दिया. रानी ने तुरंत ही मेरी पैंट को ऊपर से खोला और ज़िप ढीली करके पैंट नीचे को टपका दिया. पैंट मेरे पैरों के इर्द गिर्द गिर पड़ी.
“राजे… दोनों बारी बारी से एक दूसरे का एक एक कपड़ा उतारेंगे. ऐसे बहुत मज़ा आएगा.” रानी इठलाते हुए बोली.
“जैसी आज्ञा बेबी रानी जी. गुलाम आपके हुकम का ताबेदार है जी!” यह कहते हुए मैंने रानी का टॉप भी उतार दिया और कहीं को भी उछाल दिया.
फिर जूते और मोज़े उतार के मैंने टांगों को पैंट से आज़ाद किया और रानी के सामने खड़ा हो गया.
बेबी रानी ने मेरी टीशर्ट उतार दी और बदले में मैंने रानी की ब्रा खोलनी चाही तो उसने रोक दिया.
उसने गुड्डी को आवाज़ लगा कर कहा- गुड्डी तू अपना काम कर. जैसा सोचा था.
गुड्डी ने तुरंत अपने पर्स में से एक बड़ी सी मोमबत्ती निकाली, उसको जला के टेबल पर रख दिया और सब बत्तियां बुझा दीं. परदे पहले ही बंद किये हुए थे. अब कमरे में सिर्फ मोमबत्ती की लौ से रोशनी आ रही थी.
बेबी रानी बिस्तर से उतर के मेरे सामने खड़ी हो गई, ब्रा और पैंटी में- राजे, तूने कुछ रानियों को मोमबत्ती की रोशनी में चोदा था ना. मेरा भी दिल हुआ कि उसी प्रकाश में तू मेरा बदन देखे. मुझे इच्छा है कि कैंडल लाइट में मेरी चुदाई हो.
मैं बोला- जो हुक्म मेरी सरकार.
मैंने दूसरी वाली परफ्यूम की शीशी गुड्डी के हाथ में दे कर कहा- गुड्डी यह जो तूने कैंडललाइट वाला काम किया उसके लिए तोहफा.
गुड्डी खुश हो गई और थैंक्स बोलकर अपनी कुर्सी पर जा बैठी.
अब रानी ने मेरा अंडरवियर और बनियान दोनों उतार के मुझे नंगा कर दिया. मैंने भी उसकी पैंटी और ब्रा उतार दी. नंगी बेबी रानी एक अच्छे से मादक पोज़ में आकर अपने शरीर को मुझे लुभा लुभा के दर्शाने लगी. मुद्रा बदल बदल के बेबी रानी ने अपना पूरा बदन दिखाकर मेरी आँखें हरी कर दीं.
अब रानी को मोमबत्ती की लौ की मद्धम बलबलाती रोशनी में बड़े ध्यानपूर्वक ऊपर से नीचे तक निहारा. लम्बा क़द, जीरो फिगर शरीर, कंधों पर लहराते हुए काले काले सुन्दर बाल, गुलाबी होठों से सजा हुआ खूबसूरत चेहरा, सुराहीदार गर्दन, अच्छे खूब उभरे नाशपाती के आकार के चूचे, बहुत ही दिलकश हाथ और पैर. अच्छा खिला खिला सा रंग, फिगर एसी कि मॉडल लड़कियां शर्म खाएं, बड़ी बड़ी आँखें, त्वचा बिल्कुल साफ और रेशम जैसी चिकनी. कोई मेकअप नहीं. खैर उसे मेकअप की ज़रूरत थी भी नहीं. हरामज़ादी में गज़ब की कामुकता कूट कूट के भरी हुई थी.
मुझे खुद को इतने ध्यान से देखता पाकर रानी शर्म से निगाहें झुकाकर, दोनों बांहें क्रॉस कर के अपनी चूचियाँ छिपाने की नाकाम कोशिश करने लगी.
मैंने उसके बांहों को परे किया और कहा- अरे रानी … ऐसे शरमायेगी तो कैसे चलेगा … अभी तो तेरा ये सुनहरा बदन मुझे चूसना है और फिर चूत और गांड दोनों का आनन्द लूटना है. बहनचोद, तू लगती तो नहीं थी इतना शर्माने वाली … ले मादरचोद कमीनी राण्ड, तेरे लिये भगवान ने एक लंड भेजा है. इसे मुंह में लेकर प्यार से चूस कुतिया … हाय मेरी बन्नो … माशाअल्लाह क्या चूचे हैं! तेरी जैसी ये मस्त नशीली भूरे रंग की निप्पल तो बहुत कम देखने मिलती हैं … बहनचोद कैसा तमतमा रहा है ये सोने का बदन! पूरी शाम और सारी रात तेरे बदन का स्वाद चखूँगा. स्वाद से चटखारे ले लेकर तेरी चूत मारूंगा.
इस नंगी और बेहद खूबसूरत चुदासी क़यामत को देखकर मेरा हाल बदतर हुए जा रहा था. लगता था बस अब झड़ा और अब झड़ा.
मैंने दस गहरी गहरी सांसें लेकर अपनी उत्तेजना को काबू किया और रानी को बिस्तर पे लिटा दिया, एक तकिया उसके नितंबों के नीचे लगा दिया जिससे बेबी रानी की चूत ऊपर को उठ गई. झांटें खूब बढ़ी हुई थी मगर ज़्यादा घने बाल नहीं थे. गुलाबी, भयंकर चुदास से गीली, लप लप करती हुई उस प्यारी बुर को देखकर दिमाग झन्ना उठा. एक पल भी रुकना दूभर हो रहा था.
बेबी रानी बहुत चुदासी हो रही थी. भीषण उत्तेजना से उसका सुन्दर चेहरा लाल हो गया था और बदन में कंपकंपी छूट रही थी. मैंने प्यार से मोहित होकर उसके मुंह पर चुम्मियों की बारिश कर डाली और उसके कानों में प्यार से पता नहीं क्या क्या कहा.
उसके कान के अंदर मैंने जब गीली जीभ घुसाकर घुमाई तो बेबी रानी की कामोत्तेजना बेहद तीव्र हो गयी. बेहाल हुई रानी ने बहुत धीमे से कहा- राजे आ जा … डेढ़ साल से ऊपर हो गया चुदाई किये … ऐसा न हो कि दर्द हो जाए … बस ज़रा हौले हौले चोदियो … ज़रा प्यार से बस मेरे राजे.
“चिंता ना कर रानी … मैं बहुत ही आराम से चुदाई करूंगा.”
मैं बिस्तर पे चढ़ के रानी की बगल में लेट गया और बड़े प्यार से उसके नाज़ुक बदन पर हाथ फेरने लगा. क्या लाजवाब शरीर था, मक्खन जैसा!
मैंने उसके पैरों से उसे चूमना चालू किया और मस्ती में चूर होता हुआ धीरे धीरे उसकी रेशमी टांगों को चाटता हुआ उसकी चूत तक जा पहुंचा. लंड पूरे ज़ोरों पर उछल उछल कर पागल किये जा रहा था. मैंने रानी की झांटों पर जीभ फिराई. बहुत ही बारीक रेशमी रोएं थे. चाट के मज़ा आ गया.
बेबी रानी भी काफी गर्म हो चुकी थी और सी सी सी करने लगी थी. मेरे चाटने से चढ़ी हवस की गर्मी में बेकल होकर वह धीमी आवाज़ में आहें भी भरने लगी थी.
झांटों को चाट चाट के तर कर दिया, फिर मैंने बड़े प्यार से उसकी चूत के होंटों पर जीभ फिराई. रानी सिहर उठी और उसके मुंह से एक सीत्कार निकली.
मैंने जीभ उस रसरसाती बुर के अंदर कर दी. एक बार जीभ पूरी चूत में घुसाकर उसके चूतरस को थोड़ा सा चखा और फिर ज़ुबान को आगे पीछे करते हुए चूत चूसने लगा. रस काफी सारा निकल रहा था. चिकना, हल्का खट्टापन लिये हुए चूतामृत मेरी मस्ती को कई गुना बढ़ाये जा रहा था.
अब और प्रतीक्षा करना कठिन था, लंड बहुत ज़ोरों से अकड़ गया था और बार बार तुनक तुनक हो रहा था. मैंने उठ कर अपने को रानी के ऊपर जमाया ताकि मेरे घुटने उसकी जाँघों के इर्द गिर्द आ गये और लंड सीधा चूत के ऊपर. मैंने लंड को चूत के मुंह पर सटाया हल्के से धक्का मारा जिससे सिर्फ टोपा चूत में घुस गया और रानी की बुर में भरे रस में सराबोर हो गया.
मैंने एक गहरी सांस ली और धड़ाम से ज़बरदस्त धक्का पेला. लंड दनदनाता हुआ धम्म से उसके बच्चेदानी से जाके भिड़ा.
“हाय … रे … हाय … मैं मर गई … राजे बचा ले मुझ को … मैं … मरी … अब ना बचूंगी … हाय … उई मां … अरे मार डाला.” रानी ने मुझ को बड़े ज़ोर से जकड़ रखा था, उसके लंबे तीखे नाख़ून मेरे पीठ में गड़े चले जा रहे थे और वो हाय हाय करके सीत्कार पर सीत्कार भरे जा रही थी.
मैं लंड चूत में घुसाये बिल्कुल बिना हिले डुले कुछ क्षणों के लिए पड़ा रहा. रानी की चूत बेहद टाइट थी. जिससे लगता था कि सच में एक डेढ़ साल से इस चूत को लौड़ा नसीब नहीं हुआ. लंड उसमें फंसा हुआ था और एसा लगता था कि लौड़े को मुठ्ठी में दबा के मुट्ठी को कस लिया गया हो.
यारो, इतनी संकरी चूत को लेने का मज़ा भी बेइंतिहा आता है. और ये चूत तो ऐसी लगती थी जैसे किसी कमसिन लौंडिया की बिना चुदी हुई सील बंद बुर हो.
बहुत ही हल्के से छोटे छोटे धक्के लगाते हुए मैंने उसे बड़े प्यार से चूमना शुरू किया. उसके होंठ चूमे, चेहरा जगह जगह पर चूमा, कान की लौ मुंह में ले के चूसी, गर्दन पर जीभ फिराई और फिर दोबारा होंठ चूसे.
इतनी चूमा चाटी से जैसे जैसे उसका मज़ा बढ़ना शुरू हुआ, वैसे वैसे उसके बदन ने प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी. रानी के मुंह पर एक मुस्कान सी खेलने लगी और बुर में फिर से रस बहने लगा जिससे लंड को भी मज़ा आने लगा.
काफी देर ऐसे प्यार करते करते मैंने थोड़े से तेज़ धक्के मारने आरंभ किये. चूत में मिलते हुए मज़े से मस्त होकर वह भी चुदाई का आनन्द उठा रही थी. मैंने अपना मुंह उसकी चूचियों पर जमा दिया और एक एक करके चूसने लगा. क्या मस्त चूचुक थे! सम्भोग की प्यास ने उनको सख्त कर दिया था.
उनकी अकड़न कम करने के लिए मैंने चूसते हुए थोड़े थोड़े दांत भी गाड़ने शुरू किये. थोड़ा सुस्ता, निप्पल पर जीभ फिराता और अचानक से दाँत गाड़ देता. रानी चिहुंक पड़ती. उसके मुंह से एक आह निकल जाती. एक चूचा काट काट के चूसता और दूसरा निम्बू की तरह निचोड़ देता.
बेबी रानी के गले से सी…सी…सी … उम्म्ह… अहह… हय… याह… आवाज़ें आ रही थीं. उसके नितंब भी अपने आप ऊपर नीचे होने लगे थे.
मैंने फुसफुसा के कहा- करमजली रंडी … मज़ा आ रहा है ना?
रानी ने धीरे से सिर हिलाकर हाँ में जवाब दिया.
“अभी देखे जा … कितना ज़्यादह मज़ा आने वाला है.”
मैंने पूरे ज़ोर से उसकी दोनों मम्मों को दबाया. अपने अंगूठे और उंगलियाँ चूचुक में गड़ा दीं. फ़िर उनको सहलाया और बारी बारी से चूसने का काम चालू दिया. मैं लगातार धक्के भी हौले हौले लगाये जा रहा था. मैंने रानी के फिर से होंठों को चूसा.
इस दफा उसने भी अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसा दी.
उसका मुंह चूसते चूसते ही मैंने धक्कों की रफ़्तार थोड़ी सी तेज़ की और हाथ बढ़कर मोबाइल में एक गाना लगा दिया.
“मन्नू भाई मोटर चली पम पम पम …”
यदि आप यह गाना यू ट्यूब पर सुनेंगे तो आप पाएंगे कि चुदाई के लिए यह गाना कितना उपयुक्त है. इस गाने में धुन ताल थोड़ी तेज़ है और पम्म पम्म पम्म, धम्म धम्म धम्म, छम्म छम्म छम्म की ज़ोर दार आवाज़ें हर तीन लाइन के बाद आती हैं तो चोदने वाले को उतनी हो ज़ोर से तीन धक्के ठोकने के लिए उकसाती हैं.
पम्म पम्म पम्म के साथ ही ताल के साथ तीन ज़बरदस्त धक्के … धम्म धम्म धम्म तो तीन और पावरफुल शॉट … छम्म छम्म छम्म पर तीन वैसे ही भयंकर ठोक. वाह, क्या मस्त चुदाई का गीत है यह. प्लीज़ यह गीत अवश्य सुनें और इसकी धुन पर चुदाई का आनन्द भीअवश्य लें. अलग ही आनन्द आएगा.
गाना ख़त्म होते होते तक बेबी रानी आनन्द से दीवानी होकर चिल्ला रही थी- राजे राजे राजे … कमीने माँ चोद दे मेरी … आआआह … आआआह … आआआह … मादरचोद कुत्ते … साले तेरी माँ की चूत … आआआह … आआआह …
बेबी चूतड़ उछाल उछाल के चरम सीमा पार करने की चेष्टा कर रही थी हरामज़ादी. उँगलियों के बढ़ाये हुए नाख़ून चला चला के मेरी पीठ पर अनगिनत खरोंचें मार डालीं थी.
गीत ख़त्म होते ही रानी ने रिपीट करने को कहा.
गीत जो दुबारा बजा तो पहली बार बजने पर जो कुछ हुआ था उसका एक्शन रीप्ले हुआ. इस बार गाने की आवाज़ में कई और आवाज़ें भी जुड़ गयीं. रेस लगाए घोड़े की तरह मेरी फूली हुई साँसों की भैं भैं भैं, बेबी रानी की मस्ती भरी किलकारियां और रस से भरपूर चूत में अंदर बाहर होते वक़्त फचक … फचक … फचक की आवाज़ें. मेरे और बेबी रानी के कटि प्रदेशों के विस्फोटक टकराव की आवाज़ें. एक नयी आवाज़ भी जुड़ गयी थी. यह नयी आवाज़ थी गुड्डी की जो हमारी चुदाई से उत्तेजित होकर जाने कब नंगी हो चुकी थी. कुर्सी पर बैठी एक हाथ से एक चूचा निचोड़ रही थी, तो दूसरे हाथ की उंगली से भगनासा ज़ोर ज़ोर से रगड़ते हुए हाय हाय हाय चिल्ला रही थी.
चूत में होती रसवर्षा के कारण बड़ी पिच पिच हो रही थी और हर धक्के पर फच फच की आवाज़ आती. रानी ने टांगें मेरी जाँघों पर कस के लपेट ली थीं. उसकी चूचुक मेरी छाती में गड़े जा रहे थे लेकिन उनको मैंने जो अच्छे से निचोड़ा था इसलिये उनकी अकड़न अब घट चुकी थी. सिर्फ निप्पल सख्ताये हुए थे क्योंकि रानी पर अब चुदास पूरी तरह चढ़ चुकी थी और चुदासी लड़की के निप्पल सख्त हो ही जाते हैं. जब स्खलित होगी तो दुबारा मुलायम हो जायेंगे. ये सबसे पक्की निशानी है कि लड़की गरम हो गयी है या नहीं.
मेरे लंड की गर्मी भी अब बहुत ज़्यादह बढ़ गयी थी. मैं जानता था कि इतनी देर से उत्तेजित लौड़ा अब झड़ने की राहत मांग रहा है. मैंने धक्के और भी तेज़ स्पीड से मारने शुरू किये. मैं लंड को सुपारी तक बाहर खींचता और फिर धमाक से वापस चूत में घुसा देता. एक बड़े ज़ोर से फच की आवाज़ होती और साथ ही लौड़े का टोपा चूत के आखीर में बेबीरानी की बच्चेदानी में जाके ठुकता.
उधर गुड्डी शायद स्खलित हो चुकी थी क्यूंकि उसकी तरफ से सिसकारियां बंद हो गयी थीं. मैंने गर्दन घुमा कर निगाह मारी तो कुतिया को निढाल पड़े पाया.
बुर अब दबादब रस का प्रवाह करे जा रही थी. इसलिये लंड अब बड़े आराम से इतनी तंग चूत में भी फिसलता हुआ सा अंदर बाहर हो रहा था.
बेबी रानी बहुत कसमसा रही थी. उसका सुन्दर मुखड़ा कामवासना के तीव्र आवेश में लाल हो गया था. माथे पे पसीने की बूंदें छलक आयीं थीं. उसके नाखून मेरी पीठ पे गड़े जा रहे थे और वह बार बार सी सी कर रही थी. उत्तेजना से व्याकुल रानी अपना मुंह कभी दायें करती और कभी बायें.
मैंने थोड़ा सा अपने को उठाया और एक बार फिर से उसकी मस्त चूचे कस के मसलने कुचलने लगा. मैंने दोनों निप्प्लों को अंगूठे और उंगली के बीच में जकड के बड़े ज़ोर से उमेठा. एक गहरी हिचकी उसके मुंह से निकली और फिर उसने अपने नितंब बहुत तेज़ तेज़ ऊपर नीचे किये. चूत कई बार लपलपाई और फिर झड़ गयी. रस की एक फुहार मेरे लंड पे सब तरफ से गिरी, और रानी ने मुझे पूरी ताक़त से भींच डाला. उसके बाद वो धड़ धड़ करके अनेक बार झड़ी.
मेरा लंड तो काफी देर से झड़ना चाहता था जिसे मैंने बड़ी मुश्किल से कंट्रोल किया हुआ था. मैंने उसके कंधे पकड़े और दनादन बीस पच्चीस धक्के बहुत तेज़ी से मारे. लंड बड़े ज़ोर से झड़ा. मेरा गर्म गर्म लावा बड़े बड़े थक्कों के रूप में निकला और काफी देर तक निकलता रहा. मुझे एसा लगा जैसे मेरी रीढ़ की हड्डी पिघल गयी हो और मैं मूर्छित सा होकर रानी के ऊपर ढेर हो गया. वो भी चरम सीमा के पार गिर के बेसुध सी पड़ी थी.
कहानी जारी रहेगी.
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