लेखक: सनी वर्मा
यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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दोस्त की चुदासी बीवी की कहानी में पढ़ें कि कैसे पति के उकसाने पर पत्नी ने उसके दोस्त से रोमांटिक सम्बन्ध कायम किये और एक दिन मौक़ा मिलने पर चुद गयी.
हैलो मैं सन्नी वर्मा, एक बार फिर से थ्रीसम सेक्स में चुत चुदाई का मजा लेकर हाजिर हूँ.
दोस्त की चुदासी बीवी की कहानी के दूसरे भाग
पति पत्नी और वो का थ्रीसम सेक्स-2
में अब तक आपने पढ़ा था कि रवि और पिंकी आपस में सेक्स करते हुए अनिल को शामिल करने की बात कर रहे थे. उनका सेक्स खत्म हुआ तो वो दोनों सो गए.
अब आगे दोस्त की चुदासी बीवी की कहानी:
कुछ दिन बाद अनिल की बीवी आ चुकी थी. अब अनिल पिंकी के यहां चोरी छिपे आ जाता.
अनिल ने दीपा के आने के बाद उसकी ताबड़तोड़ चुदाई की और किसी जोड़े से सेक्स की बात कही, उसे खूब पोर्न दिखायीं.
पर पिंकी और रवि के साथ सेक्स को या तो वो तैयार नहीं होती थी या अनिल भी झूठ बोलता था, उसने उससे कहा ही नहीं.
अनिल को पिंकी के मजे तो मिल ही रहे थे, वो क्यों अपने माल को शेयर करता.
वो रवि से झूठ बोलता रहा कि दीपा तैयार नहीं होती.
इधर रवि का खुमार और चढ़ता जा रहा था.
उसने एक दिन तो बेड पर अनिल के साथ ड्रिंक लेते समय पिंकी के मम्मे उघाड़ दिए और चूम लिए.
पिंकी पहले तो नाराज हुई, पर जब अनिल ने भी उसके मम्मों पर हाथ फिराया … तो वो कामाग्नि में जल उठी.
उसने अनिल को नहीं रोका.
अब उसके एक मम्मे को रवि चूस रहा था, दूसरे को अनिल.
पिंकी वासना में जल रही थी. उसका मन कर रहा था कि अनिल उसे नंगा कर दे और उसके ऊपर चढ़ जाए.
अनिल भी यही चाह रहा था.
पर जब तक रवि ना आगे बढ़े … अनिल कैसे आगे बढ़े.
रवि को भी समझ आ रहा था कि अगर अब उसने एक कदम भी आगे बढ़ाया, अगर उसने पिंकी की चूत को छेड़ा या पिंकी को और कैसे भी गर्म किया, तो पिंकी खुद ही दोनों के लंड पकड़ लेगी.
तभी रवि ने अनिल से कहा- अनिल अब तू जा, फ़ालतू में दीपा कलेश करेगी.
मगर अनिल जाना नहीं चाह रहा था. भला कुँए के पास आकर भी कोई प्यासा लौटता है.
पिंकी भी मन ही मन गुस्सा हो रही थी. पर रवि ने बेशर्मी से अनिल को जाने को कह ही दिया तो अनिल भी खड़ा हुआ और पिंकी को बाय बोल कर चला गया.
रवि जब गेट बंद करके आया तो पिंकी उससे बोली- आज के बाद अनिल यहां नहीं आएगा. तुम आग तो लगा देते हो, फिर उसे भगा देते हो. मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता. आज तो मन कर रहा था कि सब कुछ हो ही जाए.
तो रवि बोला- बिना कंडोम के मैं उसे तुम्हारी चूत में कैसे लंड घुसाने दूं. कल को कोई गड़बड़ हो गयी तो! और फिर तुम्हारी आग बुझाने को मैं हूँ न!
इतना कह कर रवि ने पिंकी की चूत में अपनी जीभ घुसा दी.
पिंकी की चूत जूस से लबालब पूरी गीली हुई पड़ी थी.
रवि समझ गया कि उसने अनिल को वक्त रहते हटा दिया, वर्ना तो पिंकी आज खुद ही उसे घुसा लेती.
पिंकी और अनिल की रोज ही बातें होतीं.
अनिल पिंकी को अब खूब उकसाता कि वो उसे सच्चा प्यार करता है. उसने पिंकी के दिल में जगह बना ली थी.
पिंकी भी अब ये सोचने लगी थी कि रवि के मुकाबले अनिल उसकी भावनाओं की ज्यादा क़द्र करता है.
दोनों के खूब आशिकाना मैसेज आने जाने लगे. दोनों आशिकों की तरह कसमें वादे करने लगे.
रवि इन सबसे बेखबर अपनी कल्पनाओं में ही डूबा रहा.
अगले हफ्ते रवि को एक दिन के लिए जयपुर जाना पड़ा. वो सुबह ही निकल गया.
उसे अगले दिन आना था.
वो तो अनिल को बता कर गया कि मैं आज नहीं रहूँगा, तुम पिंकी से बात करके उसका मन लगा देना.
उसे क्या मालूम था कि वो दोनों तो वैसे ही दिल लगाए बैठे हैं.
अनिल ने दिन में पिंकी से कई बार बात की और उसको बहका लिया.
उन दोनों में ये तय हुआ कि कर्नल साहब और बच्चों के ऊपर जाने के बाद अनिल चुपके से आएगा और थोड़ी देर बाद चला जाएगा.
पिंकी घबरा रही थी, तो अनिल ने उसे प्यार का वास्ता दिया कि जब रवि भी यही सब चाहता है … तो वो दोनों क्यों प्यार की आग में जल रहे हैं?
पिंकी ने भी सोचा कि जो होगा सो देखा जाएगा.
पर रात को रीमा जी ने चिंटू को कहा कि तुम आज मम्मी के पास सो जाओ, उसे डर नहीं लगेगा.
अब पिंकी कैसे मना करती. खैर, सबके ऊपर जाने के बाद पिंकी ने चिंटू को जबरदस्ती सुला दिया और अनिल को फोन करके पहले तो आने को मना किया.
पर जब अनिल ने जोर दिया तो हां कह दी.
पिंकी का दिल धड़क रहा था. वो क्या करने जा रही थी.
पर वो एक ओर तो रवि से नाराज थी और दूसरी और वासना की जो आग रवि ने उसके अन्दर लगाई थी, वो आज उसे गलत करने को प्रेरित कर रही थी.
पिंकी फटाफट नहाई और एक झीना सा नाईट सूट डाला और ऊपर से गाउन डाल लिया. परफ्यूम स्प्रे करके उसने अपने प्राइवेट पार्ट्स में डियो लगाया.
उसे मालूम था कि आज सेक्स तो होगा ही. उसने अपनी चूत दिन में ही एक बार साफ़ कर ली थी.
अनिल आ गया था.
पिंकी ने आहिस्ता से गेट खोल कर उसे अन्दर किया.
गेट लॉक करते ही अनिल ने उसे भींच लिया. दोनों के होंठ मिल गए. दोनों एक दूसरे में समां जाना चाहते थे.
अनिल ने उसके मम्मों को भी अपनी छाती से खूब दबाया.
काफी देर चूमा-चाटी के बाद पिंकी उसे बेडरूम में ले आयी.
वहां बेड पर चिंटू सो रहा था. पहले तो उन्होंने सोचा कि यहीं बेड पर करते हैं.
पर पिंकी बोली कि अगर चिंटू बीच में जग गया तो!
पिंकी ने नीचे ही एक चादर बिछाई और मुस्कुराते हुए अनिल की ओर देखा.
अनिल ने दोबारा उसे कसके पकड़ा और उसे ऐसे अपने से चिपटाया कि कब के बिछड़े मिले हों.
अनिल ने पिंकी का गाउन उतार दिया और उसकी नाईटी तो होनी न होनी एक बराबर थी. अनिल ने उसके मम्मे चूसने शुरू किया.
पिंकी सिहर गयी. वो नीचे लेट गयी और अपने को पूरा अनिल के हवाले कर दिया.
अनिल ने अपने को और उसको कपड़ों से आजादी दे दी.
पिंकी का दिल जोर जोर से धड़क रहा था कि वो आज क्या कर रही है. जिस बदन को आज तक केवल रवि ने देखा था, कितनी बेशर्मी से उसने अनिल को सौंप दिया.
पर अब कुछ नहीं हो सकता था. अब तो सिर्फ वासना की आग में जलना था और अपनी कामाग्नि को शांत करना था.
पिंकी भी भूखी शेरनी की तरह अनिल से चिपट गयी. नीचे फर्श चुभ रहा था, तो दोनों बाहर सोफे पर आ गए. यहां चिंटू का डर भी नहीं था. बेवफाई कितना बेदर्द बना देती है. पिंकी ने बेडरूम का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया, ताकि अगर चिंटू उठे भी, तो बाहर नहीं आ पाए.
अब दोनों अपने सोते अरमान पूरे करने में पिल पड़े.
अनिल को रवि ने बता रखा था कि पिंकी को चूत चटवाना पसंद है, तो उसने सबसे पहले पिंकी की चूत में ही जीभ रगड़ना शुरू कर दी.
पिंकी की चूत गीली पड़ी थी. अनिल ने गहराई तक अपनी जीभ घुसाई. पिंकी उसके बाल खींच रही थी.
आज अनिल दोबारा उसके मम्मों पर टूट पड़ा. वो आज इन्हें खा जाना चाहता था.
अनिल ने चाहा कि पिंकी उसका लंड चूस दे. पर पता नहीं क्यों पिंकी का मन नहीं किया, उसने बस अनिल के लंड को पकड़ा और अपनी चूत पर रख दिया.
अब अनिल ने उसकी टांगें ऊपर कीं और लगा पेलम पेल करने.
चुदाई के वक्त दोनों को ही डर था कि कोई आ न जाए. डर में सेक्स का मजा आधा रह जाता है.
तभी पिंकी का मोबाइल बज उठा. उसने सांस संभालते हुए फोन उठाया.
रवि का फोन था.
उसने रवि से कहा कि उसे खांसी उठ रही है, वो अभी थोड़ी देर में उसे फोन करती है और बिना रवि का जवाब सुने फोन काट दिया.
अब दोनों को ही घबराहट हो रही थी.
अनिल ने जल्दी जल्दी धकापेल की और अनिल ने अपना माल पिंकी की चूत में ही निकाल दिया.
पराए मर्द के लंड का माल अपनी चुत में लेने के बाद पिंकी घबराई कि ‘ओ गॉड … ये मैंने क्या कर लिया. बिना कंडोम के. अगर गर्भ ठहर गया तो!’
वो घबरा गयी.
अनिल ने उससे कहा- घबराओ मत मैं कल तुम्हें दवाई लाकर दे दूंगा.
पिंकी ने फटाफट अनिल को विदा किया और बाथरूम में जाकर नहाई और दूसरा नाईट सूट पहन कर रूम में आ गई.
पहले तो रवि से बात की और झूठे ही खांसने का ड्रामा किया.
रवि का फोन काटकर उसने सारे सबूत साफ़ किए.
अभी वो लेटी ही थी कि चिंटू उठ गया.
वो बोला कि आप कहां थीं. मैं उठ गया था, आपको आवाज दी, आप नहीं आयीं, मुझे डर लगा तो मैं दुबारा सो गया.
पिंकी घबरा गयी कि अगर वो दोनों यहां चुदाई कर रहे होते, तो गजब हो जाता.
पिंकी को रात भर नींद नहीं आई. अनिल के कई रोमांटिक मैसेज आये, पर उसने किसी का जवाब नहीं दिया.
अगले दिन उसका सर भारी था.
रीमाजी ने पूछा तो उसने कहानी बना दी- रात से बुखार है, खांसी भी थी. पर अब ठीक है, बस सर भारी है.
रवि दोपहर तक आ गया.
पिंकी ने अनिल को दवाई के लिए फोन किया तो अनिल बोला कि उसने दवाई तो ले ली है पर उसे दे कैसे.
पिंकी घर से बाज़ार का काम कह बाहर निकली और बाज़ार में ही अनिल को बुलाकर उससे दवाई का पैकेट ले लिया.
घर आकर उसने सबसे पहले दवाई ली और बची दवाई छिपा कर रख ली.
रात को सेक्स में रवि को मजा नहीं आया, उसने पिंकी से बहुत पूछा, पर पिंकी ने तबियत खराब का बहाना बना दिया.
अब पिंकी अनिल से बचना चाह रही थी.
पर अनिल शातिर था. उसने बार बार फोन करके पिंकी का मन इसलिए बना लिया कि रवि तो दीपा के चक्कर में है. वो बार बार अनिल को उकसाता है कि अनिल दीपा से रवि का चक्कर चलवा दे.
अब आदमी औरत कोई भी हो. अपने खुद के नाजायज संबंधों का तो ठीकरा वो किसी और के सर फोड़ देता है, पर ये नहीं चाहता कि उसका पार्टनर किसी अन्य से सम्बन्ध बनाए.
पिंकी रवि से दूर होती गयी. अनिल की नजदीकियों में दोनों के वादे बढ़ते गए.
अनिल ने पिंकी को कसम दी कि तुम रवि से सेक्स मत करो, तुम पर मेरा अधिकार है. कभी रवि जबरदस्ती भी करें तो मन से मत करो.
पिंकी उसकी बातों में बहकती रही.
रवि पिंकी को गर्म करने के नए नए प्रयास करता, कई बार रात के अन्धेरे में उसने अनिल को भी बेड पर बुलाया, पर चूमाचाटी और इधर उधर हाथ लगाने के बाद वो किसी न किसी बहाने से पिंकी और अनिल को अलग कर देता. इससे उन दोनों की कामाग्नि और भड़कती रही.
एक दिन अनिल ने पिंकी से दोबारा सेक्स की मांग की. पिंकी ने मना कर दिया क्योंकि वो रवि की हरकतों से नाराज थी.
इसके बाद दिन में उसने अनिल से कहा- अगले हफ्ते मैं और तुम किसी होटल में मिलेंगे.
अनिल ने तय दिन पर एक बैग में कुछ कपड़े वगैरह ड्राइक्लीनिंग के लिए कह कर रख लिए और उधर पिंकी ने एक झीना सा नाईट सूट और साथ में कुछ साड़ियां ड्राईक्लीनिंग के नाम पर रख लीं.
घर से निकलते समय वो अपनी सास रीमा से बोली- आज मुझे अपनी सहेली के घर जाना है. इसलिए मुझे आने में शाम हो जाएगी.
अनिल ने रास्ते से पिंकी को पिक कर लिया और दोनों पास ही में एक बड़े होटल में चले गए.
उनके साथ में सामान था.
अनिल ने पहले से ही मिस्टर एंड मिसेज अनिल के नाम से होटल में बुकिंग कर ली थी, तो दोनों को रूम मिलने में तकलीफ नहीं हुई.
रूम में पहुंच कर पिंकी बेल की तरह अनिल से लिपट गयी.
आज उनको पहले सेक्स जैसा डर नहीं था. बेड पर आते ही दोनों के कपड़े उतर गए.
अनिल ने पिंकी के हर अंग को चूमा.
पिंकी भी आज अपनी हर हसरत पूरा करना चाहती थी. वो अनिल का पूरा साथ दे रही थी.
उसने सेक्स की शुरुआत ही अनिल का लंड चूसने से ही की.
अनिल को मानो सातवें आसमान पर था.
सोचिए इसकी मनस्थिति कि घर में चोदने को बीवी मौजूद … और होटल में माशूका लंड चूस रही है.
दोस्त की चुदासी बीवी की कहानी के अगले अंक में आपको इस चुदाई का पूरा मजा और उसको बाद थ्रीसम सेक्स कहानी का पूरा मजा लिखूंगा. आप मेल करना न भूलें.
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दोस्त की चुदासी बीवी की कहानी का अगला भाग: पति पत्नी और वो का थ्रीसम सेक्स-4