यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
← सबसे प्यारी अपनी यारी – खेल शुरू-1
नमस्ते फ्रेंड्स, मैं राजवीर महायाराना का दूसरा भाग आपके सामने पेश कर रहा हूं. पहले भाग में मैंने आपको बताया था कि कैसे मेरे साले श्लोक और मैंने महायाराना की प्लानिंग की और याराना के सभी जोड़ों को मालदीव में इकट्ठा कर लिया.
अब आगे की कहानी का मजा लें.
सबने फाइनल कर लिया कि कौन किसकी चुदाई करेगा. अभी मेरे और नील के बीच में एक और प्लानिंग होना बाकी था. मैंने उससे कहा कि वो मैं तुम्हें बाद में बताऊंगा.
रणविजय बोला- बाद में क्यों? ऐसी क्या प्लानिंग है. अभी बताओ.
मैं बोला- तू चुप कर और जाकर रीना की गांड में घुस जा. वरना तेरी प्रिया की चूत को पकौड़ा बना दूंगा।
ये सुनकर सब हंसने लगे।
राजवीर- अच्छा तो जैसे कि तय हो चुका है कि कौन किसकी बीवी को चोदेगा लेकिन यह आधा प्लान है। पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त। आगे क्या करना है इसके बारे में श्लोक तुम्हें समझाएगा।
श्लोक- तो दोस्तो प्लान ये है कि एक दूसरे की बीवी को चोद कर इतना भी न थक जाना कि नींद आ जाए। नींद आनी चाहिए लेकिन आपको नहीं, आपकी चुदाई से थकी हुई पार्टनर को।
राजवीर- यानि की हमारी बीवियों की चूत में रात में सोते वक्त कोई दूसरा लन्ड होगा और जब उनकी नींद खुलेगी तो उनकी चूत में कोई दूसरा लन्ड होगा।
श्लोक- हमें सुबह 4 बजे का हल्का सा अलार्म भरकर रखना है ताकि गहरी नींद में सोई हुई हमारी बीवियां न जागें। फिर चुपचाप बाहर आकर मिलना है। बाहर आकर हम फिर से अपना कमरा बदलेंगे और इस तरह से एक दूसरे की बीवियां भी।
राजवीर- मतलब कि रात को हमारा सेक्स साथी कोई और होगा और सुबह हमारा सेक्स साथी कोई और। मगर तब तक के लिए यह सरप्राइज रहेगा कि सुबह कौन किसकी चूत लेगा।
और हां, रात में अपने सेक्स साथी को यह सब नहीं बाताना कि हम सब यहां है। उनसे केवल इतना ही कहना है कि यह तुम्हारे पति और मैंने तय किया और यहाँ हम चारों ही हैं।
ये सब बातें होने के बाद फिर सब राजी होकर जाने लगे।
हमने एक दूसरे को प्लान के अनुसार अपने अपने कमरे की चाबी दी. या यूं भी कह सकते हैं कि अपनी अपनी बीवियों की चूत खोलने की चाबी किसी और को दी।
सब निकल गए और केवल नील और मैं ही आखिर में हमारा नया खेल खेलने के लिए बाकी रह गए।
सबके जाने के बाद… (नील और राजवीर का संवाद)
राज- नील! तुम्हें बुरा तो नहीं लगा कि अदला बदली के लिए तुम्हें कोई नया साथी नहीं मिला?
नील- नहीं राजवीर। मैं इस याराना में हूं यही बड़ी बात है। वैसे भी आज नहीं तो कल, हम सब एक साथ मिल ही लेंगे. आपकी बात सही है कि एकदम से अनजान आदमी के जाने से सामने वाली औरत बिगड़ सकती है और डर भी सकती है।
राज़- तुम्हारी बात भी बिल्कुल सही है। आज नहीं तो कल, हम सब मिल ही जाएंगे।
नील- तो क्या प्लान है जो कि हम क्रियान्वित करने के लिए रुके हैं?
राज- नील! क्या रकुल ने मुझे किसी फ़ोटो में देखा है?
नील- रीना से तो रकुल मिल चुकी है क्योंकि हम अहमदाबाद में साथ रहे हैं लेकिन मुझे जहां तक लगता है कि रकुल ने आपको नहीं देखा क्योंकि हम सब बातें शेयर करते हैं लेकिन इस बारे में कभी बात नहीं हुई।
मैं (राज)- तो जैसा कि अगर मैं रकुल के रूम में गया तो रकुल मुझे अनजान मानकर बिगड़ सकती है, दूसरा यह चारा होगा कि मैं उसको बताऊं कि मैं श्लोक का जीजा हूं और यहाँ हम अदला बदली करने के लिए इकट्ठा हुए हैं. मगर ऐसा करने से रकुल के लिए उत्तेजना और सरप्राइज़ का मजा खत्म हो जायेगा.
नील- हां, सही कह रहे हो आप।
राजवीर- तो हमें यह करना चाहिए कि तुम अपनी बीवी रकुल को अभी फोन करो और कहो कि होटल में तुम्हें किसी रईस ने देखा है और देखते ही वो तुम पर लट्टू हो गया है।
उसे झांसा देते हुए कहो कि वो तुम्हें एक रात के लिये चोदना चाहता है और इसके लिए वो कुछ भी कीमत अदा करने को तैयार है. तुम उसको इस बात के लिए ललचाओ. साथ ही उससे ये भी कह देना कि उस रईस की बीवी यानि कि मेरी बीवी भी तुम्हारे नीचे चुदने के लिए तैयार है.
ऐसा करने पर मुझे भी यह खेल खेलने में मजा आएगा और रकुल भी शायद इस नई सरप्राइज़ को खुल कर जी पाये और शायद गर्व करे कि वो इतनी खूबसूरत है कि कोई उस पर इस तरह से लट्टू हो गया है.
नील – वाह… यह सच में उत्तेजित करने वाला विचार है।
नील और रकुल का संवाद, फोन पर …
नील- हेलो जान।
रकुल- यार आप कहां चले गए मुझे अकेला छोड़कर? मैं यहां बोर हो रही हूं, क्या मैं रूम सर्विस वाले के साथ वेकेशन मनाऊंगी?
(बहाना बनाते हुए) नील- सिगरेट पीने आया था और यहाँ मुझे तुम्हारा कोई आशिक मिल गया।
रकुल- मेरा आशिक? कौन सा आशिक?
नील- किसी ने हमें होटल में चेक इन करते देखा था। तब से वह तुम्हारे पीछे लट्टू हो गया है। मुझे तो पता भी नहीं था कि उसने हम दोनों को कब देखा.
मगर अभी मैं यहां पर बैठा हुआ था. वो खुद ही मेरे पास आकर मुझे बीवियों की अदला बदली ऑफर करने लगा. एक बार के लिए तो मुझे यकीन भी नहीं हुआ.
मैं जानता हूं कि तुम किसी ऐसे मर्द के साथ चुदाई में सहज नहीं हो सकती हो जिसको तुम जानती तक नहीं, लेकिन वो मेरे पीछे पड़ा हुआ है. कहता है कि मैं आपके साथ वाइफ स्वैपिंग करना चाहता हूं और उसके लिए कुछ भी कीमत चुकाने के लिए तैयार हूं.
उसको मैंने टालने की कोशिश की. मैंने ये भी कहा कि मैं तो एक पल के लिए आपकी बात मान भी जाऊं लेकिन मेरी बीवी इस तरह से तैयार नहीं हो सकती है. फिर भी उसने अपनी बीवी की सेक्सी फोटो मेरे सामने रख दी. जानू, उसकी बीवी के जिस्म को देख कर मुझे भी लगने लगा कि इंजॉय करने में कोई बुराई नहीं है. फिर अंतिम फैसला तुम्हारा ही होगा. मैं तुम्हारे साथ इस बात में ज्यादती भी नहीं करना चाहता हूं.
तुम्हारे ही ख्याल से मैंने उसको अन्जान होने का वास्ता दिया लेकिन वो बोला कि जब मैं अपनी बीवी तक को चुदवाने के लिए तैयार हूं तो एक बार आप भी अपनी बीवी से बात कर लीजिये. मेरी बीवी भी बला की खूबसूरत है. डार्लिंग, वो अपनी बीवी को भी चुदवाने के लिए तैयार है. फोटो में देखा तो उसकी बीवी सच में कमाल लगी.
मगर जानू, मैंने फिर भी उसको तुम्हारी चिंता में मना कर दिया. शायद अन्जान आदमी से चुदाई करवाने में तुम्हें सहज बिल्कुल भी न लगे. मगर वो मान ही नहीं रहा है. बताओ मैं क्या करूं? इसीलिए मैं इस दुविधा में हूं और तुम्हारी मदद चाहता हूं.
गुस्से में रकुल बोली- जब तुमने मेरा सौदा कर ही लिया तो अब पूछ क्या रहे हो? तुम्हारे लिये तो मैं एक रंडी हो गयी हूं जिसकी तुम दलाली करने लगे हो. अगर कोई इस तरह से मेरी कीमत लगायेगा तो तुम किसी से भी मुझे चुदवा दोगे? इसका तो यही मतलब निकल रहा है। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि तुम अभी भी ये सब मुझसे पूछ रहे हो!
नील- जानू। हम यहाँ मजे करने के लिए ही तो आए हैं। अगर यहाँ श्लोक और सीमा होते तब भी तो हम अदला बदली करके चुदाई करते। फिर जब कोई अन्जान आदमी तुम्हारे लिये इतना पागल है तो उसके साथ चुदाई करने में क्या हर्ज है? मैं तुम पर दबाव नहीं डाल रहा. अगर तुम नहीं चाहती तो कोई बात नहीं, मैं उसको मना कर देता हूं.
नील ने बेमन से कहा.
तभी रकुल बोली- अच्छा ये बताओ, तुम्हें उसकी बीवी पसंद है क्या?
नील- हां, है तो गजब!
रकुल- और जो मेरा आशिक है, क्या वो ठीक ठाक दिखता है?
नील- ठीक ठाक? अरे इतना स्मार्ट है कि उल्टा तुम्हारी ही चूत में पानी आ जायेगा उसका लेने के लिए. जल्दी बोलो जान, क्या करना है?
रकुल- अच्छा, ठीक है. कर लूंगी. हम दोनों के लिए ही कर लूंगी.
नील- ओके थैंक्स जान। लेकिन हां, अब मैं तुम्हारे कमरे में नहीं आऊंगा. मैं उसके रूम की चाबी लेकर उसके कमरे में जाऊंगा. वो हमारे रूम की चाबी लेकर तुम्हारे पास आयेगा. बस तुम तैयार रहना उसके स्वागत के लिए!
थोड़ी असमंजस में रकुल- ओके जान। बस थोड़ा डर है कि कहीं कुछ गलत न हो जाये.
नील- चिंता मत करो जान, इतना तो मैंने भी इस आदमी को समझ लिया है। कुछ भी गलत नहीं होगा, अब मैं फोन रख रहा हूं. ओके बाय।
जैसे ही फोन कटा, नील और मैं जोर से हंसने लगे।
नील- बहनचोद! औरत कितना नाटक करती है। थोड़े से लालच में भले ही पांच लोगों से चुद जाये लेकिन नखरे ऐसे करेगी कि ऐसी पतिव्रता दुनिया में दूसरी नहीं है.
तो दोस्तो, इस तरह से नील ने अपने कमरे या यूं कहें कि अपनी बीवी रकुल की चूत की चाबी मुझे दे दी. खुद वो सीमा के कमरे की चाबी लेकर निकल गया.
अब खेल शुरू हो गया है, अब मैं आप लोगों को एक एक करके सभी के कमरे में हुई चुदाई की दास्तान सुनाऊंगा जैसा कि मुझे मेरे दोस्तों ने बाद में बताया था.
रीना के साथ रणविजय- (रणविजय के ही शब्दों में)
जैसे ही मैंने अंदर से लॉक खोल कर कमरे के अंदर चाबी लगाकर प्रवेश किया तब पता चला कि रीना बाथरूम में है. शायद वह अपने शरीर पर बॉडी लोशन लगा रही थी। मेरे अंदर आने की आहट को उसने समझा कि मैं राजवीर हूं.
उसने अंदर से कहा- आ गए जनाब!
मैंने कोई जवाब नहीं दिया और बेड पर लेट गया।
थोड़ी देर बाद जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खोल कर रीना बाहर आई, मुझे पलंग पर देखकर एकदम से हैरान हो गई. उसके मुंह से एक शब्द ना निकला।
मगर मैं ये सब छोड़ कर उसके रूप को निहारने लगा. उसने लाल रंग की पारदर्शी नाइटी पहन रखी थी जो कि उसके शरीर को छुपा कम और दिखा ज्यादा रही थी।
लाल रंग की जालीदार नाइटी के अंदर गोरे रंग की चमड़ी मेरे शरीर में सिरहन पैदा करनी लगी. उसका सबसे उत्तेजक करने वाला सेक्सी शरीर देखकर एक बार फिर से मुझे राजवीर की किस्मत पर नाज हुआ।
रणविजय- क्या हुआ जानेमन? मुझे पहचाना नहीं? ऐसे क्यों देख रही हो, जैसे मैं कोई अनजान हूं।
रीना- यार, तुम्हारा यहां एकदम से ऐसे आ जाना मेरी कल्पना से बाहर है. मैं खुश तो हूं लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि दिल इतना जोर से क्यों धड़क रहा है!
उसके मन की दशा को भांपते हुए रणविजय ने कहा- तुम्हारा दिल जोर से धड़क रहा है इसकी वजह तो मैं जानता हूं. शायद अपनी जिंदगी में पतियों की अदला बदली करने के इतने यारानों में मुझ सा यार तुम्हें कोई मिला नहीं। मैं तुम्हारे पति के अलावा तुम्हें चोदने वाला पहला इंसान हूं और शायद तुम्हें मुझसे प्यार भी है।
रीना- ओहो … तो राजवीर ने तुम्हें भी हमारे सभी अदला बदली के जोड़ों के बारे में बता रखा है। यार उसको कोई नहीं समझ सकता. मैंने तो सोचा था कि यहां पर मुझे ज्यादा से ज्यादा श्लोक से अदला बदली करनी होगी लेकिन वह क्या खेल खेल रहा होता है केवल उसे ही पता होता है। क्या प्रिया भी आई है? और क्या राजवीर प्रिया के कमरे में गया है?
रणविजय- हां, वो प्रिया के कमरे में है. (मैंने रीना से झूठ कहा)
इतने में रीना पलंग पर मेरे पास आई और मेरे ऊपर अपने आप को झुका कर अपने होंठों को मेरे होंठों पर लाकर बोली- तो फिर देरी किस बात की है? जैसे राजवीर प्रिया को मसल रहा होगा तुम भी मुझे अपनी बांहों में जकड़ लो।
मैंने कहा- मैं तुम्हें बता नहीं सकता रीना कि तुम्हारे बिना यह पल मैंने कैसे गुजारे हैं। हर वक्त, हर रोज मैं तुम्हारे साथ हुई पहले याराना के दौरान वाली हसीन चुदाई को याद करता था। मेरी कल्पनाओं की सबसे अधिक उत्तेजक महिला तुम ही हो।
जिस तरह मैं तुम्हें याद करता था, मेरी बीवी प्रिया भी राजवीर को याद करती थी लेकिन हम तुम्हारे पास अदला-बदली करने के लिए नहीं आ सकते थे।
इसलिए मैं और मेरी बीवी, तुम दोनों का रोल प्ले करके एक दूसरे को संतुष्ट करते थे जिसमें वह रीना बनती थी और मैं राजवीर। शायद तुम्हें तो मेरी याद नहीं आई होगी क्योंकि तुम्हें तो अदला-बदली के लिए नये साथी मिल गए थे मगर मुझे तुम्हारी याद रोज आती थी.
रीना- जैसे पहला प्यार पहला प्यार होता है उसी तरह पहली अदला-बदली का साथी पहला ही होता है. मेरे दिल में तुम्हारी एक अलग ही जगह थी. श्लोक तो मेरा भाई था लेकिन सच कहो तो तुम्हारे साथ मुझे ऐसा आनंद आया था जैसे कि तुम मेरे आशिक हो और मैं तुम्हारी प्रेमिका।
इतना कहकर रीना ने अपने होंठ मेरे होंठों पर दबा दिए।
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी. महायाराना के आगाज़ में आगे क्या होता है, रणविजय और रीना की चुदाई की मोड़ पर जाकर रोचक होती है, इसके लिए कहानी के अगले भाग का इंतजार करें.
याराना की इस नई किश्त पर अपनी राय देना भी न भूलें. आपका फीडबैड महायाराना के अंजाम में अहम भूमिका निभाने वाला है. अपने सुझाव भेजते रहें और कमेंट्स में भी बतायें.
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