हाई फ्रेंड्स! मेरी कहानी के दुसरे भाग सालगिरह की यादगार चुदाई की कहानी-2 से आगे पढ़िए…
मैंने घड़ी देखी तो शाम के पांच बजे रहे थे, यह मेरे पड़ोसी के बेटे चिंटू के आने का समय था, उसे मैं केमिस्ट्री की ट्यूशन पढ़ाती हूँ। कैसे पढ़ाती हूँ, वो आप लोगो को भी बताऊँगी।
मैंने जल्दी से ब्लाउज और पेटीकोट पहनी और साड़ी लपेटी और जाकर दरवाजा खोला।
वो- क्या बात है, इतनी देर से दरवाजा खोला आपने?
मैं- सो रही थी… अन्दर आओ।
उसे सोफे पर बैठा कर पूछा- जो कल होमवर्क दिया था, कर लिया?
वो अपनी नोटबुक दिखाने लगा.
थोड़ी देर के बाद वो मेरे बेड रूम की तरफ़ देख रहा था, तो मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोला- आपके पति नहीं आये हैं आफिस से?
मैं उसका मतलब समझती हुई बोली- नहीं, वो लेट आएंगे।
वो खुश होकर बोला- फिर तो आज बायोलॉजी की पढ़ाई होगी।
इतना बोलते ही उसने मुझे अपनी तरफ खींचा।
मैं उसे रोकने का सोच रही थी कि उसने चूमना शुरू कर दिया, उसके हाथों में मेरी चुची थी.
‘हम्मम म्ममम्म मम्म…’ धीरे धीरे मसलो मेरी चुची… अहह हहह!’
अब उसने मेरी ब्लाउज की हुक खोलनी शुरू की और मेरे होंठों को चूमने लगा। ब्लाउज के खुलते ही मेरी बिना ब्रा की चुची उसके सामने थी।
वो मेरी दोनों चुची दोनों हाथों में लेकर मसलने, दबाने लगा और नीचे झुक कर मेरी दायीं चुची को मुँह मे लेने लगा पर रुक कर बोला- लगता है रात में आपके पति ने काफी मजे लिये है, दाँत के निशान बता रहे हैं।
‘उफ्फ्फ…’ मैं ‘हम्म मम्म मम्म…’ ही कर पाई…
और क्या बोलती कि ये रात के नहीं, दिन के निशान हैं और वो पति के नहीं हैं।
अब वो मेरी चुची खूब मजे लेकर चूस रहा था और चूम रहा था।
अब वो रुका और बोला- आज अलग ही स्वाद मिल रहा है चुची से!
‘उफ़्फ़ उम्म्ह… अहह… हय… याह… मम्म औऱ चूसो इन्हें… आहहह!’
दरअसल उसे मेरे चुची पे से रोनित के लंड का पानी की स्वाद मिल रहा था, जो उसने मेरी चुची पर गिराया था.
वो मजे लेकर चूस रहा था, अब मैंने उसे उसके कपड़े उतारने को कहा और अपने भी उतार दिए।
अब वो अपना लंड लेकर मेरे मुँह के सामने आया, मैंने उसका 6 इंच का लंड (आजकल के लड़के इस उम्र में ही मस्त हो जाते हैं) हाथों में लिया, अब वो फिर मेरी चुची से खेलने लगा औऱ मुझे चूमने लगा।
थोड़ी देर में हम दोनों सोफे पर ही 69 की पोजीशन में आ गए, वो मरी चुत में मुँह लगाये हुए था और मैं उसका लंड चूस रही थी, ‘उम्मम्म मम्म मम्म आहहह..’ हम दोनों कर रहे थे।
फिर वो उठा औऱ अपने बैग की सेक्रेट चैन में से डॉटेड कंडोम निकाला और अपने लंड पर लगा कर मुझे अपने ऊपर आने का इशारा किया।
मैं उनके लंड को अपनी चुत पे लगा ही रही थी कि उसने नीचे जोर अपना लंड धकेल दिया, उसका आधा लंड मेरी चुत में चला गया और मैं चीख उठी- आहहह मेरी चुत उफ़्फ़ फाड़ डाली रे उईईई उम्मम्म मम्म मम्म…’
उसे क्या पता मेरी चुत आज पहले से ही ठुकी हुई थी.
उसने अब मेरी सामने से चुची पकड़ कर चुदाई शुरू कर दी, अब उसका पूरा लंड मेरी चुत में आ जा रहा था और कंडोम डॉटेड होने के कारण और मजेदार चुदाई हो रही थी।
हम्म मम्मह मम्म… मेरी चुत मेरी शादी की सालगिरह पर इस तरह चुदेगी और चुद रही है… मैं सोच कर ही झर गई।
अब उसने पोजीशन बदली, यह कुछ नई थी, उसने मुझे सीधे खड़ा किया और मेरी एक टांग उठा कर अपना लंड मेरी चुत में डाला और उसी तरह चुदाई करने लगा, और मेरी चुची मुँह में लेकर चूसने लगा.
जब मैंने पूछा तो उसने बताया कि यह पोज उसने चुदाई वाली xxx वीडियो में देखा था।
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थोड़ी देर बाद उसने मुझे नीचे बैठा दिया और जल्दी से कंडोम हटाया और अपने काम रस मेरे ऊपर छोड़ दिया, कुछ मेरी चुची पे तो कुछ मेरे मुँह पे गिरा।
फिर वो चला गया तो मैं बाथरूम गई और अच्छी तरह नहा कर आई. नाइटी पहन कर किचन में गई, मैं पूरी तरह थकी हुई थी, किचन में जाकर कुछ फल थे, वो खाए औऱ अपने लिए हल्का सा डिनर बनाया और खाकर सोने चली गई.
तभी 8 बजे का अलार्म बजा… हर रोज यह समय मेरे सीरियल देखने का होता है, पर आज मैं थकी हुई थी.
चूत चुदाई की यह सेक्सी कहानी अभी खत्म नहीं हुई है मेरी शादी की सालगिरह अभी चल रही है।
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