इस सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
दीदी को बनाया बीवी-1
में आपने पढ़ा था कि मैं किचन में दीदी के पीछे खड़े हो कर उसके मम्मों को टच कर रहा था, जिसका वो कोई विरोध नहीं कर रही थी.
अब आगे..
जब वो कुछ नहीं बोली, तो मैंने उसके मम्मे को हाथ से दबाना चालू किया. फिर भी वो कुछ नहीं बोल रही थी. उल्टा चाय बनाते वक्त उसके हाथों से उसके मम्मे और भी दबे जा रहे थे.
थोड़ी देर ऐसे ही चला. मुझे समझ आ गया कि ये ग्रीन सिग्नल है. फिर मैंने उसके मम्मे और जोर जोर से दबाना चालू किए. साथ ही मैंने पीछे से अपने खड़े लंड को उसके चूतड़ों की दरार से उसकी गांड के साथ घिसना चालू किया. वो कसमसाने लगी, लेकिन उसने मुझे कुछ भी नहीं कहा. मतलब उसकी रजामंदी थी.
अब मैंने तुरंत ही मेरी शॉर्ट उतार दिया. मैं इस वक्त उसके पीछे पूरा नंगा था और वो ब्लॉउज व साये में थी. मैंने उत्तेजित होकर दीदी के मम्मे दबाने और जोर से चालू किए, उसके चूचुकों को उंगलियों से मसला और उसके चूतड़ को ठोकर दी. तो अचानक उसने गैस को बंद किया और वो पलट गयी.
वो मुझे पीछे को धक्का दे कर जमीन पर लेट गयी. उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे भी अपने ऊपर खींच लिया. उसने नीचे हाथ डाल के अपना साया ऊपर किया और कहा- आ जाओ मेरे छोटे भैया, चढ़ जाओ मेरे ऊपर और प्यास बुझा दो मेरी चूत की.
मैंने भी उसके सामने अपना लंड हिला कर दिखाया. मेरा लंड काफी बड़ा और टाईट हो गया था.
दीदी ने कहा- जल्दी करो टाइम नहीं है, मेरी सासू माँ आ जाएगी.
उसने मुझे गर्म करने के लिए अपने ब्लॉउज के बटन खोल दिए. ब्लाउज खुलते ही उसके कसे हुए मम्मे ऐसे बाहर उछल आए, जैसे दो कबूतरों को पिंजरे में रखने के बाद जैसे आजादी मिल गई हो और कबूतरों ने उड़ने की कोशिश की हो.
मैं तो और भी पागल होके उसके कबूतरों को चूसने लगा, उसकी चूचियों को काटने लगा.
दीदी मस्त होकर बोलने लगी- ओहह और चूसो … आह काटो और …
अब उससे रहा नहीं गया, तो उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चुत क फांक पर रख कर इशारा किया.
मैंने लंड ठोक दिया अपनी सगी दीदी की चूत में …
दीदी की कराह निकल गई- आऊच आआआ. … मर गई …
मैंने उसकी चीख को अनसुना किया और फिर से जोर से लंड दे ठोका. इस बार के धक्के में मेरा आधा लंड उसकी चुत में चला गया था. उसकी दर्द के मारे मुट्ठियां भिंच गई थीं. काफी दिन बाद लंड मिलने से उसकी चूत एकदम मुंद सी गई थी.
अब मैं दीदी को और जोर से ठोकने लगा. अब वो भी अपनी गांड उछाल उछाल कर आगे पीछे होने लगी. मेरी स्पीड बढ़ती जा रही थी और उसकी गांड उछलने की लय भी लंड के साथ मिलने लगी थी.
तभी उसकी चुत से पचाक … पचाक पचाक आवाज आने लगी.
दीदी बोल रही थी- ओहहह भाई मुझे बहुत मजा आ रहा है … और जोर से चोद दे मुझे … आह कितना मस्त लंड है तेरा … आह पेल दे.
मैं भी बोल रहा था- यस मेरी हॉट दीदी मैं आज तुझे चोद चोद कर रंडी बना दूँगा … आह ले मेरी दीदी मेरा लंड ले आह.
दस मिनट की धकापेल के बाद मैं लंड से पानी गिराने सीमा पे आ गया था. मैंने बोला- दीदी मेरा पानी छूटने वाला है.
दीदी ने कहा- मेरा भी.
मैं अपना लंड निकालने लगा, तो दीदी ने आपने हाथों से मेरी गांड पकड़ ली और कहा- अन्दर ही डाल दे अपना पानी मेरे छेद में … ओह मजा आ रहा है … प्लीज़ अन्दर ही सिंचाई कर दे.
मैंने कहा- अगर तू पेट से ही गई तो?
दीदी ने कहा- ओह ओओओओ नहीं तू डाल दे … मैं नहीं होऊंगी पेट से.
अब मेरे ठोकरें बढ़ गईं. हम दोनों ने एक दूसरे को कसके जकड़ लिया और मैंने लंड का पानी दीदी की चूत के अन्दर छोड़ दिया.
झड़ने के बाद हम दोनों शांत थे. मैंने कहा- दीदी, क्या मैं थोड़ी देर आप के ऊपर लेटा रहूँ.
दीदी ने मुझे चूमा. उसके चेहरे पे एक अलग सा आनन्द था. उसने कहा- हां छोटे भैय्या मेरे ऊपर लेट रहो.
हम दोनों वैसे ही पड़े बातें कर रहे थे. कुछ देर बाद मैं फिर से उसकी चुत में उंगली डाल रहा था और उसके मम्मे चूस रहा था. हमारा पहला सेक्स कुछ मिनट ही चला था.
मैंने कहा- दीदी क्या मैं आपकी चुत चूस लूँ?
दीदी ने कहा- हां क्यों नहीं … लेकिन तू उसे चुत मत बोल, मुझे अच्छा नहीं लगता … तू उसे बिल्ली बोला कर.
मैंने दीदी की चुत को चाटना चालू किया, उसे भी चूत चटवाने में मजा आ रहा था. मैंने फिर से ऊपर आकर पूछा- दीदी एक बात बता न?
दीदी ने कहा- हां पूछ न?
मैंने कहा- दीदी आपकी साईज क्या है?
दीदी मेरी इस बात पर हंस दीं- हा हा हा … मेरी किस चीज की साइज़ जानना है तुझे?
मैंने कहा- आपके मम्मों की और कमर की साइज़ जाननी है.
दीदी ने कहा- मेरे मम्मे 38 D साईज के हैं … हैं न बड़े?
मैंने हामी भरते हुए दीदी के मम्मे को चूसा और फिर पूछा- और कमर की साइज़ क्या है?
दीदी ने कहा- कमर मेरी 36 इंच की है.
फिर मैंने नीचे से हाथ डाल कर उसके चूतड़ दबाये और कहा- सच्ची दीदी, ये बड़े मस्त हैं.
मैंने बाहर निकले हुए दीदी के चूतड़ मसले और पूछा- इनकी क्या साईज है?
दीदी ने कहा- क्या इनकी इनकी कह रहा है … चूतड़ बोल न, चूतड़ अच्छा शब्द है … मेरे चूतड़ की साईज 44 इंच की है.
फिर दीदी ने पूछा- क्या मैं एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- हां पूछो न.
दीदी ने कहा- सच बताएगा?
मैंने कहा- हां पूछ … सच बताऊंगा.
दीदी ने कहा- तुम शनिवार और रविवार सुबह कहां जाते हो?
मैंने कहा- कहीं नहीं.
दीदी ने कहा- झूठ मत बोलो, तुम उस कैंटीन में जाते हो ना??
मैंने कहा- हां दीदी.
दीदी ने कहा- और वहां जाके तुम मुझे ताड़ते देखते रहते हो ना.
मैंने कहा- ओह ये दीदी आप को मालूम था.
दीदी ने कहा- हां मुझे सब मालूम है. तुझे याद है, जब मैंने लाईट ब्लू कलर का पंजाबी ड्रेस पहना था, तब मैं दो बार पीछे मुड़ी थी, उस वक्त मैंने तुम्हें वहां देखा था. मुझे मालूम था कि तू अब मुझे रोज देखेगा, तुम सब मर्द लोग पागल हो.
मैंने कहा- पागल … वो कैसे?
दीदी ने कहा- इशारे भी नहीं समझते यार.
मैंने कहा- इशारे? वो कैसे?
दीदी बोली- याद है जब मैंने लाइट ग्रीन कलर का पंजाबी ड्रेस पहना था. मैं रोड क्रॉस करके आयी और सब्जियां लेते वक्त झुकी थी. उस वक्त मेरा दुप्पटा फिसला था. मुझे मालूम था तू वहीं से सब अन्दर कैंटीन से देख रहा था. तुझे क्या लगा दुप्पटा अपने आप गिरा था? नहीं … मैंने जानबूझ कर गिराया था. याद है, एक दिन मैंने लाईट येलो कलर का ड्रेस पहना था. उस वक्त भी ऐसा हुआ था.
मैंने कहा- हां दीदी मुझे सब याद है. दीदी ने कहा- पागल वो ही तो इशारा था. जब पहली लाईट ग्रीन ड्रेस पहना था और दुप्पटा गिराया था, उसका मतलब था के मैं भी इंटेरेस्टड हूँ.
मैंने कहा- ओह अच्छा …
दीदी ने हंसते हुए कहा- याद है, जब मैंने येलो कलर का ड्रेस पहना था, उस वक्त भी मेरा इशारा था कि आ जा कुछ तो कर … तुझे याद है और भी दो तीन बार ऐसा हुआ था. ताकि मैं तुझे घर बुलाके जल्दी से चुदवा सकूं. मॉर्निंग को मेरी सासू माँ मंदिर जो जाती थी. लेकिन तुम मूर्ख ठहरे, इस बात को समझ ही नहीं पाए.
मैंने कहा- हां दीदी मैं नहीं समझ पाया सॉरी.
मैंने उसे किस किया.
दीदी ने कहा- कोई बात नहीं, वैसे भी सब मर्द नासमझ होते हैं.
फिर उसने अपना एक मम्मा अपने हाथों से पकड़ कर मेरे मुँह में डाला और कहा- प्लीज़ जरा जोर से चूसो इसे.
मैंने दीदी का दूध चूसना चालू कर दिया.
मैंने कहा- अब हमें एक मैसेज कोड रख लेना चाहिये.
दीदी ने बोला- ओके मैसेज वर्ड कौन सा?
मैंने कहा- क्विक फक … इसका QF रख लेते हैं. समझ गयी ना..
दीदी ने कहा- हां समझ गई. ये अच्छा कोड है … अब जल्दी से चूसो.
मैंने फिर से दीदी के मम्मे चूसना चालू कर दिए.
हम वैसे ही 20 मिनट तक लेटे रहे.
तभी डोर बेल बजी. दीदी ने कहा- तुम दरवाजा खोलो, मैं कपड़े बदल कर आती हूँ.
मैं झट से उठ गया मैंने कपड़े पहने. दीदी अपने नहाने के कपड़े लेकर बाथरूम में घुस गयी.
मैंने दरवाजा खोला तो सामने दीदी की सासू माँ थी. मैंने गुडमॉर्निंग बोला और रूम में जाकर बाथरूम के बाहर से आवाज दी.
मैं बोला- दीदी, मैं जरा बाहर जा रहा हूँ.
दीदी की सासू माँ बोली- बहू नहा रही है क्या?
मैंने ‘हां..’ बोला.
दीदी ने अन्दर से आवाज दी- आती हूँ माँ जी.
मैं कैंटीन पे आया. मैंने दीदी की चुदाई की खुशी के मारे एक सिगरेट ज्यादा पी. फिर मैंने सोचा कि एक मैसेज करके देखता हूँ कि दीदी को क्या लगा होगा.
मैंने मैसेज किया- गुडमॉर्निंग.
मैसेज के बाद काफी टाईम हुआ लेकिन दीदी का कुछ रिप्लाय नहीं आया. मैं टेन्शन में आ गया और एक सिगरेट पी और एक मैसेज और कर डाला.
मैं- हाय.
फिर और एक डाला.
मैं- गुडमॉर्निंग!
उस तरफ से उत्तर न पाकर मैं टेन्शन में आ गया था.
तभी फोन में मैसेज की रिंग बजी. प्रमिला दीदी- वेरी गुडमॉर्निंग.
ओहह फायनली उसका रिप्लाय आया.
मैं- कैसी हो?
प्रमिला दीदी- मैं ठीक हूँ
मैं- जो हुआ वो …
प्रमिला दीदी ने लिखा- क्या हुआ कुछ भी तो नहीं … तू कहां है? चल जाके नहा ले … घर के काफी काम बाकी हैं.
फिर मैं घर जाके नहाया और हमारा दिन शुरू हुआ. मैं थोड़ी देर बाद फिर बाहर निकल गया.
दोपहर को, दीदी का मोबाईल मैसेज आया- हाय, कहां हो?
मैंने तुरंत ही रिप्लाय करना शुरू किया- यहीं हूँ आस पास.
प्रमिला दीदी- चार बजे के पहले गहर आ जाना, थोड़ा काम है.
मैं- क्या?
प्रमिला दीदी- है एक काम.
मैं- बताओ ना टेन्शन हो रहा है.
प्रमिला दीदी- पड़ोस में शादी है, अलीबाग जाना है? थोड़ा सामान पैक करना है
मैं- कौन जा राहा है … तुम या हम दोनों?
प्रमिला दीदी- एक मिनट.
मैं- मुझे साथ जाना है?
कुछ रिप्लाय नहीं आया, मैं इस मैसेज का रिप्लाय का बेसब्री से इंतजार कर रहा था.
तभी रिंग बजी, प्रमिला दीदी- नहीं रे पागल..
मैं- फिर?
प्रमिला दीदी- सासू माँ जा रही है. उनका सामान गाड़ी में रखने के लिए तुझे हेल्प करनी है … वो कल शाम को वापस आएगी … समझा कुछ.
इसके बाद दीदी ने एक आँख मारने वाली स्माइली लगाई हुई थी.
यह मैसेज देख के और स्माइली देख के मैं तो और खुश हुआ. मैंने भी और रिप्लाय में चुम्मी का स्माइली भेजा.
मैंने और एक मैसेज भेजा- कुछ भेजता हूँ तुम्हें.
प्रमिला दीदी- ठीक है.
मैंने मैसेज में एक फोटो भेजा, एक औरत का जिसने नीचे साया और ऊपर लो नेक का डोरी वाला ब्लॉउज पहना हुआ था.
फिर काफी टाइम तक देखा कि उसने वो फोटो उसने देखा कि नहीं. फायनली उसने फोटो को देखा, लेकिन कुछ रिप्लाय नहीं.
मै 3 बज कर 30 मिनट पर घर गया, दीदी की सासू माँ का सामान पैक किया. लेकिन सासू माँ जिस बस से बारातियों के साथ जाने वाली थी, वो बस देर से 7 बज कर 30 मिनट पर आयी. मैंने देखा तो दीदी की बेबी भी तैयार थी. सासू माँ उसे भी लेके जा रही थी. बेबी को सासू माँ के साथ रहने की आदत थी, वो ज्यादा वक्त उसी के साथ होती थी.
सासू माँ को निकलते निकलते 8 बज कर 30 मिनट हो गए. फिर मैं घर आया तो दीदी ने पूछा- चढ़ा दिया सामान?
मैंने कहा- हां दीदी, वो चली गई.
दीदी ने कहा- चलो मैं फ्रेश होती हूँ और खाना बनाती हूँ.
मैंने कहा- चलो आज बाहर खाना खाने चलते हैं.
शुरू में हां ना हुआ और बाद में दीदी ने कहा- ठीक है.
दीदी ने महरून कलर का पंजाबी ड्रेस और ब्लॅक दुप्पटा डाल लिया. हम लोग बाहर निकल गए, खाना खाया थोड़े घूमे फिरे. फिर हम दोनों करीब 11 बजे घर वापस आ गए.
दीदी ने कहा- मैं फ्रेश होती हूँ, फिर तुम फ्रेश हो लेना.
मैंने कहा- ठीक है.
वो कुछ देर में शॉवर लेकर बाहर आयी. बाथरूम से आते वक्त उसने बेडरूम में जाते जाते मुझसे कहा- चलो तुम भी शॉवर ले लेना … और आते वक्त बाहर की लाईट बंद करके कुंडी लगा के आना.
मैंने कहा- ठीक है दीदी.
उसने जब आते वक्त लाईट और कुंडी लगाने का कहा, तो मैं समझ गया कि वो मुझे बेडरूम में चुदाई के लिए बुला रही है.
मैं शॉवर लेकर फ्रेश होकर बाहर आया. लाईट ऑफ की और दरवाजे की कुंडी लगा के बेडरूम की तरफ आ गया.
मैंने देखा तो दीदी ने रेड कलर का साया और ऊपर काले रंग का डोरी वाला ब्लॉउज पहना था.
हम दोनों ने एकदूसरे को देख के स्माईल किया. वो मेरी बांहों में आ गई. इसके बाद हम दोनों में सेक्स चालू हुआ. उस रात मैंने एक बाद 12 के बाद और सुबह 5 बजे तक उसे दो बार चोदा. बाकी की रात मैंने उसकी चुत और मम्मों को खूब चाटा. दूसरे दिन मैं दीदी के साथ शॉवर के नीचे सेक्स करना चाहता था, लेकिन उसने दीदी ने ना बोला.
दूसरे दिन रविवार को सासू माँ 3 बजे वापस आयी. उस हफ्ते में मुझे और एक बार चान्स मिला मैंने दीदी के साथ सेक्स किया.
मैंने उस वक्त दीदी को चोदते हुए पूछा- दीदी मेरा साथ कैसा लग रहा है?
दीदी ने नीचे से गांड उठाते हुए जर्क दिया और कहा- यानि?
मैंने कहा- तुम मुझसे संतुष्ट तो हो?
दीदी ने कहा- हां ठीक है, कोई चिंता नहीं.
वो मजा लेती रही, ज्यादा नहीं बोली. मेरी दीदी मुझे ज्यादा चोदने नहीं देती थी. वो थोड़ा खुद को संभाल कर रहती थी.
उधर मेरे भी रूम का रिनॉवेशन पूरा हुआ और मैं अपने रूम पर रहने लगा.
ये हफ्ता मस्त निकला था.
आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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कहानी जारी है.
कहानी का अगला भाग: दीदी को बनाया बीवी-3