यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
बेबी रानी ने कहा- कुतिया सब ख़त्म … अब होंठों पर जो लगा हुआ है उसको चाट के साफ कर ले मादरचोद.
मैंने भी गौर किया तो देखा गुड्डी रानी का मुंह लिबड़ा हुआ था जैसे ब्लू फिल्मीं में लौड़ा चूसने वाली लौंडियों का हो जाता है. गुड्डी रानी ने जीभ निकाल के कुत्ते की तरह पहले बेबी रानी का हाथ और फिर अपने होंठों के आस पास लगा हुआ भी चाट लिया.फिर हुंकार भरते हुए रानी ने कुतिया जैसे जीभ बाहर निकाल के अपना मुंह चाटा. वो मेरे वीर्य और अपने कौमार्यभंग वाले रक्त का एक अणु भी बर्बाद नहीं करना चाहती थी.
रानी ने एक संतुष्टि की गहरी सांस भरी और फिर बेबी रानी के कान के पास मुंह लगाकर कुछ फुस फुस की.
बेबी रानी बोली- बहन की लौड़ी तू खुद क्यों नहीं बोल देती … नंगी पड़ी है साली चुद चुकी अब शर्म कैसी आ रही तुझे?
गुड्डी रानी ने कहा- अगर तू कह देगी तो कुछ बिगड़ जायगा क्या? मुझे कहते हुए सच में शर्म लगती है. तू बोल दे न प्लीज़.
मैंने गुड्डी रानी की संगमरमर जैसी सफ़ेद और गुलाबी सी घुंडी वाली चूची से खेलते हुए पूछा- आये क्या खुसुर पुसुर चल रही है … बोलो क्या प्रॉब्लम है हरामज़ादी रंडियों?”
गुड्डी रानी ने बेबी रानी को कोहनी मारी- बोल दे न डिअर … क्यों सताती है.
ठंडी सांस भर के बेबी रानी ने कहा- राजे … इसकी एक तमन्ना है कि यह तेरा लंड चूसे … यह रंडी बहुत ब्लू फ़िल्में देखती है जिसमें लड़कियां लड़कों के लंड चूसती हैं. तो इसका दिल करता है कि लंड को मुंह में महसूस करे. देखना चाहती कि लौड़ा मुंह में कैसा फील होता है. उन फिल्म वाली लड़कियों का मुंह में जो ढेर सारा वीर्य भर जाता वो भी इसको अच्छा लगता है. मगर साली यह कहते हुए शर्मा रही थी.
मैंने हंस कर रानी की निप्पल को ज़ोर से उमेठा.
रानी ने ऊँऊँऊँ किया.
मैंने कहा- अरे मेरी जान इसमें शर्माना कैसा … आजा रंडी तुझे अपने लंड को महसूस करवाता हूँ मुंह में … तुझे ट्रेनिंग भी तो देनी पड़ेगी न लंड चूसने की … पहले तो चूसा है नहीं कभी तूने मादरचोद रांड.
बेबी रानी ने कहा- तू चिंता न कर कुत्ते … इसकी बुआ की बेटी है न भावना … वो बहुत शौकीन है लंड चूसने की … उसको चुदाई से ज़्यादा लंड चूसने का शौक है … उसने इसको सब सिखाया हुआ है … कोई ट्रेनिंग नहीं चाहिए इसको … थ्योरी तो इसने खूब सीख ली आज प्रैक्टिकल भी सीख जायगी.
मैंने दिल में हंसकर सोचा कि अभी कर देता हूँ इस रंडी के थ्योरी प्रैक्टिकल सब बराबर- मेरी जान गुड्डी रानी … इसमें इतना हिचकने की क्या ज़रूरत थी … अभी प्रैक्टिकल भी कर लेते हैं. आज तू लंड चूसने में माहिर बन जायगी थ्योरी में भी और प्रैक्टिकल में भी … आजा बहनचोद कुलटा तेरा लौड़ा बेकरार हो रहा तेरी चुसाई का मज़ा लूटने को … आजा हरामज़ादी कुतिया ज़्यादा तरसा मत.
बेबी रानी ने मुझे बिस्तर पर अपनी कमर दो मोटे मोटे तकियों से टिका कर लेट जाने का हुक्म सुनाया.
जैसा बेबी ने आर्डर किया मैंने वैसा ही किया, अधलेटा सा हो गया और टाँगें चौड़ी कर लीं.
गुड्डी मेरी टांगों के बीच में घुटनों के बल बैठ गयी और सर झुका कर लंड को दोनों हाथों से थाम लिया. रंडी घुटनों पर बैठी थी तो उसके चूतड़ पीछे को उठ गए थे.
बेबी रानी उसके पीछे सेट हो गई, अपने पंजे पीछे से ही गुड्डी रानी के चूचों पर जमा दिए और बड़ी उत्तेजित आवाज़ में बोली- ले कमीनी तू इसका लौड़ा चूस, मैं तेरी जीभ से गांड मारती हूँ. बहनचोद डबल मज़ा लूट कुतिया.
इतना कह कर बेबी रानी ने गुड्डी की गांड में जीभ घुसा दी तो गुड्डी रानी बड़े ज़ोर से चिहुंक उठी.
बेबी रानी ने उसके चूचुक भी ज़ोर से जकड के दबा रखे थे. उत्तेजना से मतवाली होकर गुड्डी रानी ने लंड को अच्छे से निहारा, फिर उंगलियां नीचे से ऊपर तक फिरा फिरा कर लंड की बनावट को महसूस किया. सुपारे को धीरे से खोल के नंगा कर दिया, टट्टे पकड़ लिए और ज़ोर से सांस लेते हुए लंड की गंध को सूंघा. भर्रायी हुई आवाज़ में बोली- राजे … आज पहली बार किसी लंड को असल में देख रही हूँ … अभी तक तो केवल फिल्मों में ही देखा था … राजे इसकी सुगंध कितनी मादक है … आआआह … बड़ी खास किस्म की गंध है … आआआह … चूत में आग लगा देने वाली स्मैल है ये … उफ्फ्फ माय गॉड.”
गुड्डी रानी ने बार बार लंड की नंगी सुपारी को सूंघा. उधर बेबी रानी उसके कुचों को रगड़ते रगड़ते उसकी गांड जीभ से चोद रही थी. उसकी मस्ती से तन्ना कर गुड्डी रानी बार बार उछल जाती थी और सिसकियाँ भरने लगती थी. उसका सारा बदन कंपकंपा जाता था.
धर मेरा लोहे जैसा अकड़ा हुआ लंड देख कर, सूंघ कर उसकी कामोत्तेजना बढ़े जा रही थी. रानी ने पहले तो लौड़े का कई बार चुंबन लिया. टोपे से लेकर जड़ तक सब जगह सहलाते हुए चूमा. फिर अचानक उसने सुपारा गप्प से होंठों में ले लिया.
गुड्डी रानी के गर्म गीले मुंह में जाते ही लौड़ा फ़ुनफ़ुना उठा और ज़ोर से कई तुनके लगाए. लंड के मुंह के भीतर फुदकने से रानी को बड़ा मज़ा आया. रानी के चेहरे पर मुस्कराहट छा गई, आँखें चमक उठीं और मुंह से और भी ज़्यादा लार टपकने लगी.
मस्ती में झूम कर रानी ने लंड मुंह में और भी अंदर घुसा लिया. थोड़ा सा मैंने धक्का मारा तो लंड पूरा जड़ तक मुँह में जा घुसा. अब सुपारा रानी के गले को चूमने लगा था.
मैंने फिर लौड़े को दस बारह बार तुनकाया और थोड़ा सा पीछे खींच के आधा लंड मुंह में रहने दिया. फिर मेने गुड्डी रानी से कहा- हरामज़ादी अब लंड के छेद में जीभ की नोक बना के घुसा … हाथ टट्टों के नीचे करके गांड और टट्टों के बीच वाली जगह को सहला साली बहनचोद कुलटा … अभी अनाड़ी है तू लंड चूसने में.”
रानी ने तुरंत जैसा कहा गया था वैसा किया हालाँकि जीभ की नोक छेद में ज़रा सी ही घुसी. ज़्यादा घुस भी नहीं सकती लेकिन थोड़ी सी घुसने से ही बेहद मज़ा आता है. बहुत तेज़ सुरसुरी दौड़ती है लंड में ही नहीं पूरे बदन में. और इसके साथ अगर अण्डों और गांड के बीच वाले स्थान को दबाया जाए तो मज़ा कई गुणा बढ़ जाता है. जो लड़कियां यह पढ़ रही हैं उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण सबक है. ऐसा करने से उनके चोदने वाले मज़े से उनके दीवाने हो जायँगे.
बेहिसाब आनंद आ रहा था. रानी अब लंड को बड़े प्यार से चूस रही थी. उधर बेबी रानी ज़ोरों से उसके चूचुक निचोड़ते हुए उसकी गांड चूसे जा रही थी.
गुड्डी रानी के घने काले बाल उसके सामने को बिखरे हुए थे. उसका चेहरा बालों से छुप गया था इसलिए मुझे दिखाई नहीं पड़ रहा था. मैं चाहता हूँ कि लंड चुसवाते हुए रानी का चेहरा देखता रहूं, उसकी आँखों में आँखें डाले रहूं. रानी लौड़ा चूसते हुए मुंह को ऊपर नीचे करती तो बाल भी ऊपर नीचे उछलते.
मैंने बेबी रानी से कहा- रानी … इसकी गांड चाटना छोड़ … इसके बाल पकड़ के पीछे को खींच … साली का लंड चूसते समय मुंह देखना मुझे.
बेबी रानी ने झट से गुड्डी रानी के बालों को समेटा और गोल करके अपनी कलाई से लपेट कर अपनी तरफ ज़ोर से खींचा तो गुड्डी रानी का मुंह पीछे को उठ गया. लंड भी आधे से ज़्यादा मुंह से बाहर निकल गया.
मैंने पैर फैला कर बेबी रानी की छाती पर एक लात हौले से जमाई- भोसड़ी वाली रांड … इतना टाइट कर देगी तो यह चूसेगी कैसे … हरामज़ादी सिर्फ बाल मुंह पर ना आएं इतना ही कस.
बेबी रानी ने गुड्डी रानी के बालों को लपेटे तो रखा मगर इतना ढीला कर दिया जिससे वो आराम से चूस सके. फिर कुतिया दूसरे हाथ से गुड्डी रानी के चुच्चों को जकड़ के दबाने लगी. अब मैं गुड्डी रानी का लंड चूसते हुए चेहरा निहार रहा था. उसके सुन्दर मुखड़े पर बनते हुए सभी भाव देख रहा था.
उसका पूरा ध्यान लौड़े पर केंद्रित था. हुमक हुमक के चूस रही थी. कभी सुपारी को नंगी करके जीभ निकाल कर चाटती, कभी सुपारी के टांके पर जीभ घुमाते हुए टुकुर टुकुर करती, कभी लंड को नीचे से ऊपर तक चूम चूम कर स्वाद लेती, कभी सुपारी मुंह में लेकर चूस लेती तो कई बार पूरा लौड़ा गले तक घुसाकर, मुंह से दबा दबा कर चुसाई का आनंद उठाती. बीच बीच में शायद उसे याद आता कि मैंने कहा था लंड के छेद में जीभ की नोक घुसाना, तब वह जीभ से लंड के सुराख को चोदने की कोशिश करती. थोड़ी थोड़ी देर में नज़रें उठाकर मेरी तरफ देख लेती.
उसकी निगाहों में प्यार भरा हुआ था. चेहरा पके हुए कश्मीरी सेब जैसा लाल हो गया था. लंड चूसने का आनंद और बेबी रानी द्वारा दबाये जा रहे चूचों के कारण लगातार बढ़ती हुई ठरक उसकी नज़रों में नाचते हुए गुलाबी गुलाबी डोरों के रूप में उजागर हो रही थी.
अब रानी का मुंह बड़ी तेज़ी से लंड को अंदर बाहर किये जा रहा था. लंड रानी के मुखरस से तर बतर हो चूका था. गुड्डी रानी के मुंह से बहती हुई लार से टपक टपक के मेरी झांटें भिगो दी थीं. रानी के होंठों के दोनों कोनों से लार बहकर एक लकीर की सूरत में दिखाई दे थी. तीव्र कामोत्तेजना से ग्रसित गुड्डी रानी के लंड से भरे मुंह से घूं.घूं.घूं.घूं.. की फंसी फंसी सी आवाज़ें निकल रही थीं.
उधर बेबी रानी गुड्डी रानी के चूचे भूल कर अपनी भगनासा रगड़ने में लग गयी थी और चिल्ला चिल्ला कर है है है कर रही थी. फलस्वरूप गुड्डी रानी के बाल दुबारा से उसके चेहरे के इर्द गिर्द बिखर गए थे.
गुड्डी रानी का मुंह अब बिजली की तेज़ी से आगे पीछे करते हुए लौड़े को चूस रहा था. चूस क्या रहा था बल्कि कहना चाहिए कि लौड़ा रानी के मुंह को चोद रहा था. अजीब अजीब सी घूं घूं घूं, आह आह आह भैं भैं भैं जैसी आवाज़ों से कमरे में शोर मचा हुआ था.
मेरी साँसें भी धौकनी जैसे चलने लगी थीं. पसीने से माथा भीग गया था. अण्डों में दबाब बढ़े जा रहा था.
“हरामज़ादी मेरी गोलियां सहला कुतिया.” मैं चिल्लाया.
गुड्डी रानी ने मेरे टट्टे सहलाने शुरू कर दिए. उधर बेबी रानी को जाने क्या सूझी कि उसने मेरे फैले हुए पैर का अंगूठा पर चूत सटा कर धम्म से अंगूठा चूत में घुसा लिया. गीली गर्म चूत में मैंने कभी पांव का अंगूठा नहीं दिया था. बड़ा सुखद अनुभव हुआ. चूत रस से लबालब भरी हुई थी. रानी ने उछल उछल कर मेरे अंगूठे से चुदना शुरू कर दिया.
गुड्डी रानी ने लंड को मुंह से निकाल कर प्यार पूर्वक निहारा, फिर सूंघा. सुपारी पर जीभ घुमाई. लंड को नीचे से ऊपर तक छठा और फिर अचानक से पूरा लंड मुंह में ले लिया. दुबारा उसके मुलायम हाथों ने गोलियां थाम लीं और हौले हौले से सहलाने लगी. अब वो मुंह में लंड को लिए लिए अंदर से चाट रही थी.
कुछ देर ऐसे ही चूसने के उपरान्त, गुड्डी रानी ने दोनों हाथों से लंड को जड़ से जकड़ लिया और सुपारा चूसते हुए लंड की जल्दी जल्दी खाल आगे पीछे करने लगी. मेरी उत्तेजना भी बेहद बढ़ गयी थी. लंड मस्त चूसा जा रहा था और अंगूठा बेबी रानी की रसीली चूत में फंसे होने कि मस्ती लूट रहा था.
मेरी रीढ़ की हड्डी में एक बिजली का करंट ने दौड़ लगायी और ऐसा लगा एक कुछ मोटी सी चीज़ रीढ़ की हड्डी में ऊपर से भागती हुई नीचे लंड में समा गयी. एक ऊंची आह की आवाज़ मार के मैं धड़ाम से झड़ा. आह आह आह करते हुए मैंने लौड़े से मोटे मोटे लावा के लौंदे गुड्डी रानी के मुंह में उगल दिए.
गुड्डी रानी का मुंह वीर्य से भर गया. थोड़ा थोड़ा मुंह से बाहर भी छलक आया. गुड्डी रानी की बुआ की चुदक्कड़ बेटी भावना ने उसे चुसाई की अच्छी ट्रेनिंग दी थी. ऐसा लगता नहीं था कि रानी आज पहली बार लंड चूस रही है. जैसे ही मैं झड़ा, रानी ने लंड की नसें दबा दबा कर सारा बचा हुआ लावा भी निचोड़ निकाला. उसके बाद सारा का सारा माल निगल लिया और जो थोड़ा बहुत मुंह के बाहर निकल आया था उसको उंगली से समेट कर उंगली चूस ली.
लड़की के लंड चूसने और माल खाने का यह दृश्य बहुत ज़्यादा मज़ेदार और उत्तेजक होता है. लड़की जब प्यार से लौड़ा चूसती है और स्खलित होने पर वीर्य को पीती है तो लड़की की मस्ती, ख़ुशी और भीषण कामेच्छा उसके चेहरे पर बरसती हुई बेहद मादक लगती है. इसी लिए मैं हमेशा चाहता हूँ कि जब मेरी रानी लंड चूसे तो मैं उसका चेहरा देखते हुए चुसवाऊँ और रानी की आँखों में आँखें डाले चुसाई के पूरे समय उसको देखता रहूं. रानियों को भी बहुत अच्छा लगता है जब मैं उनको प्रेम से निहारता हूँ और उनके चूसने पर ख़ुशी से किलकारियां मारता हूँ.
धन्यवाद
चूतनिवास
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